भारत के पूर्व में मौजूद पश्चिम बंगाल एक बेहद ही खूबसूरत राज्य है। यह एक ऐसा राज्य है जो उत्तर में हिमालय से लेकर दक्षिण में बंगाल की खाड़ी तक फैला है। इस राज्य की खूबसूरती का नज़ारा देखने के लिए हर महीने नहीं बल्कि हर दिन लाखों पर्यटक पहुंचते हैं। यहाँ की प्राकृतिक नज़ारा कुछ इस तरह लोगों को अभिभूत करती हैं, जैसे किसी विदेशी धरती में घूमने पहुंचें हो।
यह एक ऐसा राज्य है जहाँ राष्ट्रीय उद्यानों का एक समृद भंडार हैं। ये राष्ट्रीय उद्यान वनस्पतियों और जीवों की एक समृद्ध नज़ारा प्रस्तुत करते हैं, जिसे देखने और घूमने के लिए दूर-दूर से सैलानी आते हैं। आज मैं इस आर्टिकल में पश्चिम बंगाल के कुछ प्रसिद्ध राष्ट्रीय उद्यानों के बारे में आप सभी को बताने जा रही हूं। जो कि प्रकृति प्रेमियों के लिए किसी जन्नत से कम नहीं है, तो आइए जानते हैं।
नीरा वैली राष्ट्रीय उद्यान
लगभग 88 वर्ग किलोमीटर में क्षेत्र में फैला यह राष्ट्रीय उद्यान प्रकृति प्रेमियों और ट्रेकर्स के लिए बेहद ही खास है। यह एक ऐसा राष्ट्रीय उद्यान है जहाँ लाल पांडा और काले एशियाई भालू को आप करीब से देख सकते हैं। आपको बता दूं कि नीरा वैली हर महीने लाखों पर्यटकों की मेजबानी करता है। यहाँ मौजूद प्राकृतिक परिवेश किसी भी सैलानी के लिए जन्नत से कम नहीं है। यहाँ आप परिवार या दोस्तों के साथ भी घूमने के लिए जा सकते हैं।
टिकट की कीमत: किसी भी सैलानी के लिए लगभग 100 रुपये।
घूमने का समय: सुबह 9 बजे से लेकर शाम 4 बजे तक।
सुंदरवन राष्ट्रीय उद्यान
पश्चिम बंगाल के प्रसिद्ध राष्ट्रीय उद्यानों में सबसे टॉप पर सुंदरवन का नाम है। सुंदरवन को दुनिया के सबसे बड़े मैंग्रोव जंगल के रूप में भी जाना जाता है। यह एक टाइगर रिज़र्व पार्क है, जहाँ लगभग 400 से भी अधिक रॉयल बंगाल टाइगर और 30 हज़ार से भी अधिक चित्तीदार हिरण मौजूद हैं। वन्यजीव प्रजातियों को देखने से लेकर खूबसूरत नज़रों से परिपूर्ण यह उद्यान भारत में बेहद ही खास स्थान रखता है। इस उद्यान में मौजूद नदियां प्राकृतिक परिवेश का अद्भुत नज़ारा भी प्रस्तुत करती हैं।
टिकट की कीमत: भारतीय पर्यटकों के लिए लगभग 60 रुपये और विदेशी पर्यटकों के लिए लगभग 200 रुपये।
घूमने का समय: सुबह 9 बजे से लेकर शाम 4 बजे तक।
बुक्सा राष्ट्रीय उद्यान
भूटान और असम की सीमा पर स्थित बुक्सा राष्ट्रीय उद्यान कई प्रकार के विलुप्त वन्यजीवों के लिए जाना जाता है। यहाँ ऐसे कई जानवर भी मौजूद है, जो बहुत कम भी भारत के किसी राष्ट्रीय उद्यान में मौजूद है। लगभग 759 वर्ग किलोमीटर में फैले इस राष्ट्रीय उद्यान को साल 1983 में बाघ अभयारण्य के रूप में स्थापित किया गया था। बंगाल टाइगर, हाथी, भारतीय सिवेट, पाम सिवेट, वाइल्ड डॉग्स आदि कई जानवरों को भी करीब से देख सकते हैं।
टिकट की कीमत: किसी भी सैलानी के लिए फ्री।
घूमने का समय: सुबह 10 बजे से लेकर शाम 4 बजे तक।
सिंगलिला राष्ट्रीय उद्यान
समुद्र तल से लगभग 7 हज़ार से भी अधिक फीट की ऊंचाई पर मौजूद सिंगलिला राष्ट्रीय उद्यान किसी भी प्रकृति प्रेमी के लिए किसी जन्नत से कम नहीं है। इस उद्यान के उत्तर में कंचनजंगा पर्वत और दक्षिण में गंगा सैलानियों के लिए बेहद ही मनमोहक नज़ारा प्रस्तुत करते हैं। अनेकों वन्यजीवों के साथ-साथ हिमालय की चोटी के लुभावने और मनमोहक दृश्य के लिए भी प्रसिद्ध है। यहाँ बंगाल टाइगर, चित्तीदार हिरण और जंगली सुअर आदि कई जानवरों को करीब से देख सकते हैं।
टिकट की कीमत: भारतीय पर्यटकों के लिए लगभग 60 रुपये और विदेशी पर्यटकों के लिए लगभग 200 रूपये।
घूमने का समय: सुबह 8 बजे से लेकर शाम 4 बजे तक।
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