मोकोकचुंगः नागालैंड का ये खूबसूरत कस्बा आपकी अगली ट्रिप के लिए बिल्कुल परफेक्ट है

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Photo of मोकोकचुंगः नागालैंड का ये खूबसूरत कस्बा आपकी अगली ट्रिप के लिए बिल्कुल परफेक्ट है by Rishabh Dev

नाॅर्थ ईस्ट में खूबसूरती का खजाना भरा पड़ा है लेकिन अफसोस कम लोग ही वहाँ जाते हैं। हालाँकि बहुत सारी जगहों पर अब लोग आने लगे हैं लेकिन कुछ जगहें अब भी लोगों की नजरों से दूर हैं। नागालैंड में शहरीकरण के मामले में कोहिमा और दीमापुर के बाद मोकोकचुंग का नाम आता है। मोकोकचुंग को नागालैंड की कल्चर कैपिटल भी कहा जाता है। 4,430 फीट की ऊँचाई पर बसा मोकोकचुंग ओ नागा आदिवासियों का घर है। यहाँ आज भी आपको पुराने रीति-रिवाजों और आधुनिकता का बड़ा ही खूबसूरत मिश्रण देखने को मिलेगा।

क्यों जाएँ मोकोकचुंग?

तेजी से हो रहे शहरीकरण और नाॅर्थ-ईस्ट में भारी संख्या में लोगों के आने के बाद भी मोकोकचुंग अब भी घुमक्कड़ों और पर्यटकों की पहुँच से दूर है। चारों ओर से पहाड़ों और जंगलों से घिरी ये शांत जगह देखने लायक है। सुंदर नजारों से भरा मोकोकुचुंग में रंग-बिरंगी इमारतों के अलावा साफ और सरल वातावरण भी है। इनसे सबसे अच्छी बात यहाँ के लोग बेहद प्यार हैं जो इस जगह को और भी खास बना देते हैं। अगर आप भी अपनी रोज की भाग दौड़ भरी जिन्दगी से परेशान हो चुके हैं लेकिन बहुत अंदरूनी जगहों पर नहीं जाना चाहते हैं तो मोकोकचुंग अच्छा ऑप्शन है।

क्या करें?

इतिहास जानेंः यहाँ के बारे में जानने के लिए आपको जिला संग्रहालय में जाना चाहिए। आर्ट्स और कल्चरल परिसर के अंदर बने इस म्यूजियम में इतिहास से जुड़े पन्ने पलट सकते हैं। यहाँ ओ नागा आदिवासियों का इतिहास, उनकी बनाई हुई कलाकृतियों, शस्त्र और पारंपरिक पहनावे को भी रखा गया है।

टाउन पार्क में पिकनिकः मोकोकचुंग का टाउन पार्क लोकल और टूरिस्टों के लिए सबसे पसंदीदा जगहों में से एक है। ऐसा इसलिए क्योंकि यहाँ से लगभग पूरे शहर का खूबसूरत नजारा दिखाई देता है। बसंत ऋतु में ये जगह फूलों से लद जाती है। ऑर्किड और रोडडिन्ड्रन के फूलों से पूरा इलाका महक उठता है। ऐसे में खाना पैक कीजिए और अपने किसी खास के साथ एक मखमली दिन बिताने के लिए तैयार हो जाइए।

मदर चर्च की प्रार्थना में जाइएः ओ बापटिस्ट चर्च, जिसे यहाँ के लोग मदर चर्च या मोकोकचुंग चर्च के नाम से भी जानते हैं। ये नागालैंड के सबसे बड़े बाप्तिस्ट चर्चों में से एक है। अगर आप बाप्तिज्म के बारे में नहीं जानते तो आपको बता दें इसाई धर्म में बापटिज्म वो समारोह है जिसमें छोटे बच्चों का नामकरण होता है। हर रविवार को सैकड़ों लोग इस चर्च में इकट्ठा होते हैं और प्रार्थना करते हैं। त्योहारों के समय इस चर्च की भव्यता देखने लायक होती है। खास बात ये है कि ये चर्च एक स्कूल, कॉलेज और युवाओं के लिए एक डिपार्टमेंट भी चलाता है। इसके अलावा ये चर्च सामाजिक कार्यक्रमों का भी हिस्सा बनता है।

लोंगखुम में देखें रोडडिन्ड्रन और चेरी ब्लॉसम की खूबसूरतीः एक पुरानी नागा कहावत है, लोंगखुम से बस एक मुलाकात काफी नहीं होती क्योंकि पहली बार में आपका मन पीछे छूट जाता है और आपको उसे बटोरने के लिए दोबारा वापस आना ही पड़ता है। अगर आपने लोंगखम को स्प्रिंग में देख लिया तो आप इस कहावत का मतलब अच्छे से समझ जाएँगे। रोडडिन्ड्रन फूलों से पटे पहाड़ों की खूबसूरती देखने लायक बनती है। साथ ही चेरी ब्लॉसम के फूलों से ढँकी सड़कों की सुंदरता कुछ ऐसी कि शब्द कम पड़ जाएँगे। सच में इससे ज्यादा रोमांटिक और क्या ही होगा? 

मोकोकचुंग से 17 किमी. दूर यहाँ का फेमस हैंडलूम और हैंडीक्राफ्ट्स है। दिलचस्प बात ये है कि यहाँ आज भी जीववादी तरीके से पूजा की जाती है। जीववादी पूजा यानी जिसमें माना जाता है कि प्राकृति में मिलने वाली हर चीज में एक तरह की शक्ति होती है। इस धर्म में इसी शक्ति की पूजा की जाती है। इसको मानने वाले लोग स्थानीय देवता लोंग्लानपा शुंग्रेम की पूजा करते हैं।

उंगमा में जानें ओ संस्कृतिः उंगमा गांव ओ आदिवासियों का सबसे बड़ा गाँव है। ये नागालैंड का दूसरा सबसे बड़ा गाँव भी है। मोकोकचुंग शहर से 3 किमी. दूर इस गाँव की कहानी बड़ी दिलचस्प है। माना जाता है ओ आदिवासी के चुंगलियिमती जगह के बाद उंगमा वो जगह थी जहाँ इन लोगों ने अपना घर बसाया। इसके पहले उनका घर चुंगलियिमती था जो अब संगतम नागा इलाके में आता है। कहते हैं ये गाँव ओ नागा लोगों की संस्कृति के लिए आइने जैसा है। यहाँ के लोग बेहद सरल और सुलझे स्वभाव के हैं। यहाँ के लोग मेहमानवाजी बहुत अच्छी करते हैं। अगर आपकी किस्मत अच्छी रही तो आपको एक पारंपरिक ओ घर में खाने पर बुलाया जा सकता है।

चूचियिमलांग में लें घूमने का मजाः चूचियिमलांग अपने फेस्टिवल के लिए फेमस है। इसे त्योहारों का गाँव भी कहा जाता है। सभी फेस्टिवल यहाँ धूमधाम से मनाते हैं। मई के पहले वीक में यहाँ मोट्सू फेस्टिवल और अगस्त के पहले वीक में ट्सुंग्रेमोंग फेस्टिवल मनाया जाता है। मेरे हिसाब से तो आपको अपनी ट्रिप की प्लानिंग कुछ इस तरह करनी चाहिए कि आपको ये दोनों फेस्टिवल में हिस्सा लेने का मौका मिल जाए। इन त्योहारों के अलावा भी चूचियिमलांग की हवा एक जादुई एहसास देने के लिए काफी है।

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श्रेय: यु किचु।

टाउन मार्केट में शॉपिंगः मोकोकचुंग को नागालैंड का फैशन कैपिटल भी कहा जाता है और ये बात यहाँ के लोग बड़े गर्व के साथ बताते हैं। ट्रेंडी कपड़ों से लेकर लेटेस्ट फैशन तक की हर चीज आपको यहाँ कम दाम में मिल जाएगी। कई चीजें ऐसी भी हैं जो म्यांमार से मंगवाई जाती हैं। यहाँ मिलने वाले कपड़ों में जापानी और कोरियाई संस्कृति की भी झलक दिखाई देती है। अगर आपको ऐसे कपड़े पसंद हैं तो आपको शाॅपिंग के लिए बहुत सारी आॉप्शन मिल जाएँगे।

क्या खाएं?

पारंपरिक नागा खाना यहाँ की विशेषता है। यहाँ पर सड़क किनारे खाने की टपरियों पर आपको नॉन वेजेटेरियन खाने की लाजवाब वैरायटी मिल जाएगी। बीफ और पोर्क से लेकर फ्राइड कीड़े और छिपकली आपको खाने को मिल जाएँगे। बढ़ते टूरिज्म की वजह से यहाँ पर इंडियन, चाइनीज और कॉन्टिनेंटल खाने के भी काफी रेस्त्रां मिल जाएँगे। इसके बावजूद भी यहां वेजेटेरियन के लिए ऑप्शन बहुत कम हैं। वेज में यहाँ कद्दू, बीन्स, बम्बू और सूखे याएम के पत्तों की डिशेज मिल जाएँगी।

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नागालैंड में सबसे ज्यादा चावल खाया जाता है इसलिए यहाँ मिलने वाला ज्यादातर खाना चावल ही होता है। यहाँ के लोगों को मिर्च भी बहुत पसंद है इसलिए यहां के हर डिश का मिजाज आपको थोड़ा तीखा ही लगेगा। अगर आप शराब पीते हैं तो आपको यहाँ थोड़ी परेशानी उठानी पड़ सकती है। हालांकि यहाँ आप चावल से बनी लोकल बियर जूथो का मजा ले सकते हैं।

फेमस रेस्त्रांः हंगर्स हेवेन और कैफे लिल स्टार यहाँ के फेमस रेस्त्रां हैं। इसके अलावा ब्लैक एंड व्हाइट, ईट एंड फिट और मैरीगोल्ड रेस्त्रां भी खाने की मनपसंद जगहों में से एक हैं।

कैसे पहुँचे?

हवाई मार्गः मोकोकचुंग से सबसे नजदीकी एयरपोर्ट है दीमापुर जो यहाँ से 195 किमी. दूर है। दीमापुर के लिए आपको हर शहर से कनेक्टिंग फ्लाइट मिल जाएगी लेकिन यहाँ के लिए सीधी फ्लाइट केवल गुवाहाटी और कोलकाता से ही है। दीमापुर से आप आसानी से बस या टैक्सी लेकर मोकोकचुंग आ सकते हैं।

रेल मार्गः मोकोकचुंग से सबसे पास रेलवे स्टेशन है मरियानी। मरियनी असम में आता है जो मोकोकचुंग से 85 किमी. दूर है। मोकोकचुंग के लिए सीधी गाड़ी मिलना मुश्किल है इसलिए बेहतर है कि आप पहले ट्रेन से गुवाहाटी आएँ फिर वहाँ से बस से मोकोकचुंग पहुँच सकते हैं।

सड़क मार्गः मोकोकचुंग नेशनल हाईवे 61 पर है जो कि कोहिमा से होकर असम के अमगुरी की ओर जाता है। यहाँ पर आपको आसानी से नागालैंड परिवहन की बसें मिल जाएँगी। चाहें तो आप टैक्सी भी ले सकते हैं। कोहिमा से मोकोकचुंग के लिए रोजाना बस चलती हैं। कोहिमा से मोकुचंग की दूरी लगभग 162 किमी. है।

कहाँ ठहरें?

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मोकोकचुंग में ठहरने के ज्यादा ऑप्शन नहीं है इसलिए अगर आप यहाँ आने की सोच रहें हैं तो पहले से ही बुकिंग कर लेनी चाहिए।

एन अबॉड इन द माउंटेंस

यह एक होमस्टे है जो कि शहर के बीच में है। इस जगह पर ठहरने का फायदा ये भी है कि आप यहाँ के लोकल कल्चर को और भी पास से देख पाएंगे।

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होटल व्हिस्परिंग विंड्स

मोकोकचुंग के सबसे ऊँची जगह पर बना ये होटल यहाँ का सबसे फेमस होटल है। इस तीन सितारा होटल में साफ और बड़े कमरों के साथ-साथ पूरे शहर का बेहतरीन नजारा आपको बोनस में मिलता है।

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होटल मेट्सुबें

बजट में रहने के लिए इस तीन सितारा होटल से अच्छा और कुछ नहीं है। पहाड़ पर बना ये होटल टाउन स्क्वेयर से बस 5 मिनट की दूरी पर है। यहाँ एक रेस्त्रां भी है जहाँ आप इंडियन और चाइनीज से लेकर नागा क्वाइजीन तक कुछ भी खा सकते हैं।

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