दोस्तों, भारत मंदिरों का देश है, यहाँ हर गली में एक ना एक मंदिर देखने को मिल ही जाता है। मंदिर देवताओं की पूजा करने के लिए बनाये जाते हैं। सनातन परंपरा में इनका निर्माण हजारों सालों से होता आ रहा है। हमारे देश में भी बहुत से ऐसे प्राचीन मंदिर हैं जिनके बारे में ऐसे कई रहस्य हैं जिन्हें आजतक कोई नहीं जान पाया। इतना ही नहीं इन मंदिरों की प्रसिद्ध मान्यता के चलते श्रद्धालु दूर-दूर से इसकी भव्यता देखने और दर्शनों के लिए आते हैं। ऐसे ही भोलेनाथ के अनोखे मंदिरों के बारे में आज हम आपको बताएंगे जिनका रहस्य आजतक कोई नहीं जान पाया। भगवान शिव के कई मंदिर हैं जिनके चमत्कारों को सुनकर लोग हैरान हो जाते हैं। इन चमत्कारिक और रहस्यमयी घटनाओं पर कई रिसर्च हुए, लेकिन कोई भी इन रहस्यों का राज नहीं खोल पाया। तो आइए जानते हैं वो प्रसिद्ध मंदिर कौन-कौन से और कहाँ स्थित हैं।
1. बिजली महादेव मंदिर
बिजली महादेव मंदिर हिमाचल प्रदेश के कुल्लू में एक पहाड़ी पर 2460 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है जो भारत के प्राचीन और पवित्र शिव मंदिरों में से एक है। शिव जी के इस मंदिर में शिवलिंग पर हर 12 साल के बाद आसमानी बिजली गिरती है। जिसके बाद मंदिर में स्थित शिवलिंग टुकड़ों में बंट जाता है। लेकिन इसके बाद जब मंदिर के पुजारी शिवलिंग को मक्खन में लपेटकर रख देते हैं। फिर कुछ इस तरह से चमत्कार होता है कि शिवलिंग पुन: अपने आकार में आ जाती है। यह शिव लिंग क्यों टूट जाती है इस बारे में विभिन्न स्रोतों में अलग-अलग मान्यताएं हैं। स्थानीय लोगों का मानना है कि बिजली का प्रहार सरासर भगवान की कृपा है और वे यहाँ के निवासियों को सभी प्रकार की बुराई से बचाना चाहते हैं। बिजली महादेव मंदिर की उत्पत्ति और वास्तविक कहानी अभी भी ज्ञात है, लेकिन विभिन्न मान्यताओं के कारण, यह भारत में सबसे अधिक पूजे जाने वाले मंदिरों में से है।
2. अचलेश्वर महादेव मंदिर
अचलेश्वर महादेव मंदिर माउंट आबू से लगभग 11 किलोमीटर दूर उत्तर दिशा में अचलगढ़ की पहाड़ियों पर अचलगढ़ के किले के पास स्थित है। एक ओर जहाँ अचलेश्वर महादेव मंदिर धौलपुर दिन में तीन बार रंग बदलने वाला शिवलिंग है। वहीं राजस्थान के माउंट आबू में स्थित अचलेश्वर महादेव पूरी दुनिया में ये एक ऐसा मंदिर है, जहाँ पर भगवान शिव तथा उनके शिवलिंग की नहीं, बल्कि उनके पैर के अंगूठे की पूजा की जाती है। माना जाता है कि यहाँ भोलेनाथ अंगूठे में वास करते हैं। और इस मंदिर में मौजूद भगवान शिव के अंगूठे की वजह से ही माउंट आबू के पहाड़ टिके हुए हैं। दोस्तों, इस मंदिर की एक और खासियत है कि इस मंदिर में स्थापित शिवलिंग दिन में 3 बार अपना रंग बदलता है। शिवलिंग देखने में आपको एकदम सामान्य लगेगा, लेकिन इसके बदलते हुए रंग आपको हैरान कर देंगे। शिवलिंग का रंग सुबह लाल, तो दोपहर में केसरिया और रात में श्याम रंग हो जाता है।
3. लक्ष्मणेश्वर महादेव मंदिर
लक्ष्मणेश्वर महादेव मंदिर के गर्भगृह में एक शिवलिंग है जिसके बारे में मान्यता है कि इसकी स्थापना स्वयं लक्ष्मण ने की थी। इसलिए इस मंदिर को लक्ष्मणेश्वर महादेव कहते हैं। इस शिवलिंग में एक लाख छिद्र है। इसलिए इसे लक्षलिंग कहा जाता है। ये मान्यता है कि इस मंदिर के शिवलिंग में एक लाख छेद हैं। इनमें से एक छेद ऐसा है जो पाताल से जुड़ा है। इसमें जितना भी पानी डाला जाता है सब उसी में समा जाता है। इसके अलावा एक छेद ऐसा है जो पूरा का पूरा जल से भरा रहता है। इस रहस्य से आज तक कोई परदा नहीं उठा पाया है। मंदिर के पुजारी के अनुसार एक लाख छिद्रों वाला यह दुनिया का एकलौता शिवलिंग है। दूर-दूर से लोग इस अद्भुत शिवलिंग के दर्शन करने आते हैं।
4. भोजेश्वर महादेव मंदिर
भोजेश्वर महादेव मंदिर ये दुनिया का सबसे पुराना शिव मंदिर है। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से करीब 30 किलोमीटर की दूरी पर भोजपुर नामक गाँव में ये मन्दिर स्थित है। इसे भोजपुर मन्दिर के नाम से भी जाना जाता हैं। मान्यताओं के अनुसार, इस मन्दिर को एक ही रात में निर्मित होना था किन्तु इसकी छत का काम पूरा होने के पहले ही सुबह हो गई, इसलिए इस मंदिर का काम आजतक अधूरा रह गया। और इसका फिर से निर्माण नहीं करवाया गया। मंदिर से जुड़े कई सवाल भी अधूरे ही रह गए, जिनका जवाब आज तक किसी के पास नहीं है। आपकी जानकारी के लिए बता दूं दोस्तों, सावन के महीने में हर दिन इस मंदिर में विशेष पूजा की जाती है। इस प्राचीन शिव मंदिर में पूरे सावन में भक्तों का तांता लगा रहता है। यहाँ भोपाल और उसके आसपास के इलाकों और देशभर से श्रद्धालु हजारों की संख्या में आते हैं।
5. स्तंभेश्वर महादेव मंदिर
भगवान शिव के कई प्राचीन मंदिर हैं जो बहुत प्रसिद्ध हैं। उन्हीं में से एक गुजरात के स्तंभेश्वर महादेव मंदिर का भी उल्लेख हैं। दोस्तों, आपकी जानकारी के लिए बता दूं भगवान शिव का एक ऐसा अद्भूत मंदिर है, जो कुछ समय के लिए देखते ही देखते दिन में दो बार के लिए गायब हो जाता है। हैरानी की बात है न। जीं हाँ लेकिन फिर थोड़ी देर बाद अचानक ही दुबारा नजर आने लगता है। सबसे पुराना मंदिर होने के होने के साथ स्तंभेश्वर महादेव मंदिर को 'गायब मंदिर' भी कहा जाता है। सावन के महीने में इस मंदिर में लोगों की भीड़ उमड़ पड़ती है। दूर-दूर से लोग महादेव के दर्शन करने के लिए यहाँ आते हैं। मंदिर के गायब होने के पीछे लोग समुद्र द्वारा शिव जी का अभिषेक करना मानते हैं।
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