भारत में कई ऐसे स्थल आज भी मौजूद हैं, जो खूबसूरती के साथ-साथ अपने रहस्यमयी इतिहास के लिए भी जाने जाते हैं। आधे-अधूरे पन्नों पर लिखी गई इनकी कहानी, एक पल के लिए किसी को भी हैरान कर सकती है। पुराने राजा-महाराजाओं के दौर से अब तक के सफर के बीच, भारत कई रहस्यमय घटनाओं का अकेला साक्षी रहा है। आज हम आपको भारत की कुछ चुनिंदा जगहों से रूबरू कराने जा रहे हैं, जिनका डरावना मंजर, विज्ञान को भी चुनौती दे चुका है। पैरानॉर्मल गतिविधियों से भरी यह जगहें आज भी दुनिया के लिए बनी हुई हैं 'सबसे बड़ा रहस्य'।
Tripoto हिंदी के इंस्टाग्राम से जुड़े
राजस्थान का कुलधारा
जैसलमेर से लगभग 18 किमी की दूरी पर स्थित कुलधारा, बुरी शक्तियों का गढ़ माना जाता है। जानकारों की मानें तो यहाँ कभी हंसता-खेलता गांव हुआ करता था, पर आज यह जगह रूहानी ताकतों के कब्जे में हैं। हालांकि यहाँ पर्यटकों का आना जाना लगा रहता है, पर कई बार उन्हें भी अजीबो-गरीब आवाजों का आभास हुआ है। जैसे, किसी के चलने की आहट, चूड़ियों व पायलों की आवाज। इस जगह के कई ऐसे कोने हैं, जो दिन में भी काफी ज्यादा भयावह लगते हैं। यहाँ शाम के वक्त, फाटक को पार करने की कोई हिम्मत नहीं करता।
इस जगह रातों रात वीरान होने की कहानी
कहा जाता है यह गांव रातों रात विरान हो गया। जिसकी वजह यहाँ का लंपट दीवान सालम सिंह था। जिसकी गंदी नजर यहाँ गांव के किसी पंडित की बेटी पर पड़ गई। काम उत्तेजना में पागल उस दीवान ने पंडित की बेटी को उठा ले जाने का संदेश तक भिजवा दिया। बेटी की इज्जत बचाने के चलते सभी गांव वाले एक मंदिर में इकट्ठा हुए, और गांव छोड़ने का फैसला कर दिया। जिसके बाद उन सभी ने गांव रातों-रात खाली कर दिया। और जाते-जाते यह श्राप भी दिया की यह गांव कभी बस नहीं पाएगा। जिसके बाद ये गांव एक खंडहर में बदल गया, जहाँ अब शैतानी हुकूमत है। ऐसा लोगों का आज भी मानना हैं। अगर आप यहाँ आना चाहते हैं, तो सुबह या दोपहर के समय का प्लान बनाएं, इस दौरान आप आराम से घूम सकते हैं।
राजस्थान का भानगढ़
भारत के उत्तर-पश्चिमी राज्य, राजस्थान में ढेरों ऐतिहासिक भवन व किले मौजूद हैं, जिनमें से कुछ अच्छी अवस्था में हैं, जबकि बहुत से भवन व किले खंडहर में तब्दील हो चुके हैं। उन्हीं में एक खंडहरनुमा किला है 'भानगढ़', जो यहाँ रात के वक्त होने वाली 'पैरानॉर्मल गतिविधियों' के लिए कुख्यात है। जब भी भारत में डरावनी जगहों की बात आती है, भानगढ़ का नाम शीर्ष पर होता है। यह किला अब भारतीय पुरातत्व विभाग के संरक्षण में है। यहाँ होने वाली अजीबो-गरीब हरकतों के चलते यहाँ शाम के 6 बजे के बाद प्रवेश प्रतिबंधित है। स्थानीय निवासी व जानकारों की मानें तो इस किले में अब भूतों का बसेरा है, जिसका संबंध इतिहास में घटित एक घटना से बताया जाता है। कहा जाता है, यहाँ कभी एक तांत्रिक को राज्य की राजकुमारी रत्नावती से प्रेम हो गया था।
तांत्रिक के श्राप की कहानी
एक तांत्रिक को राज्य की राजकुमारी रत्नावती से प्रेम हो गया था। राजकुमारी के यौवन के रस में डूबा तांत्रिक, किसी भी हालत में उसे पाना चाहता था। एक बार राजकुमारी रत्नावती इत्र की दुकान पर इत्र खरीदने गई, जिसके बाद उस जादूगर तांत्रिक ने राजकुमारी को वश में करने के लिए उस इत्र की बोतल पर जादू कर दिया। पर वो इत्र की बोतल रत्नावती के हाथ से गिर गई, और उसका इत्र तांत्रिक की ओर बढने लगा , जिसके नीचे आकर उस जादूगर तांत्रिक की मौत हो गई, लेकिन उसने मरते-मरते यह श्राप दिया, कि यहाँ सब तहस-नहस हो जाएगा, कोई नहीं बचेगा। तब से आज तक यह जगह वीरान पड़ी हुई है, जहाँ अब शैतानी शक्तियों का गढ़ बताया जाता है। अगर आप यहाँ आना चाहते हैं, तो सुबह या दोपहर के समय का प्लान बनाएं, इस दौरान आप पूरे किले की सैर आराम से कर सकते हैं।
शनिवार वाडा किला
महाराष्ट्र के पुणे स्थित 'शनिवार वाडा किला' भले ही अपनी भव्यता व ऐतिहासिक महत्व के लिए जाना जाता हो, पर इसके काले इतिहास से मुंह नहीं फेरा जा सकता है। इस किले का निर्माण कभी पेशवा शासकों ने करवाया था। जिनसे इस किले की सबसे अहम कड़ी जुड़ी हुई है। कहते हैं, मराठा साम्राज्य के पांचवे शासक 18 वर्षीय 'नारायण राव ' को एक षड्यंत्र के तहत उन्हीं से रिश्तेदारों ने मौत के घाट उतार दिया था। जिसके बाद से उनकी आत्मा इस किले में आज तक भटक रही है। ऐसा लोगों का कहना हैं।
'चाचा मुझे बचा लो' के पीछे की कहानी
यहाँ के लोगों को कई बार रोने-चीखने 'चाचा मुझे बचा लो' जैसे शब्द भी सुनाई दिए हैं। शाम होते ही किले के मुख्य दरवाजे को सुबह तक के लिए बंद कर दिया जाता है। रात होते ही यहाँ अजब सा सन्नाटा पसर जाता है। यहाँ रात के समय कोई जल्दी आने की हिम्मत नहीं करता। इसलिए इसे देश के सबसे डरावनी जगहों में गिना जाता है। अगर आप यहाँ आना चाहते हैं, तो सुबह या दोपहर के समय का प्लान बनाएं, इस दौरान आप पूरे किले की सैर आराम से कर सकते हैं।
रहस्यमयी जतिंगा वैली
असम के गुवाहटी से तकरीबन 330 किमी की दूरी पर स्थित 'जतिंगा वैली' अपनी प्राकृतिक खूबसूरती के लिए प्रसिद्ध है। यह वैली बर्ड सेंचुरी के लिए भी जानी जाती है। जहाँ ढेरों प्रजाति के पक्षियों को देखा जा सकता है। लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि यह खूबसूरत वैली किसी और एक चीज के लिए भी जानी जाती है, वो है 'पक्षियों की आत्महत्याएं'। जी हाँ यह सोचना जरा सोच से परे होगा कि भला पक्षी कैसे आत्महत्या कर सकते हैं। पर यह सच्चाई है कि यहाँ शाम से देर रात के बीच आत्महत्या का दौर शुरू हो जाता है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि यहाँ पक्षी समूह में अपनी जान देते हैं।
आत्महत्या बनी रहस्य इसके पीछे की कहानी
इस वैली में पक्षियों की आत्महत्या एक रहस्य बनी हुई है। जिसके बारे में आज तक किसी को कुछ नहीं पता चल सका। इन आत्महत्याओं के पीछे कई शोध भी हो चुके हैं, जिसमें यह तर्क रखा गया है, कि यह घाटी चुंबकीय शक्तियों से भरी हुई है, जिस कारण पक्षी थोड़ा अलग बर्ताव करने लगते हैं, जो उनकी मौत का कारण बन जाता है। इस बात में कितनी सच्चाई है, इस बात का और कोई तर्क मौजूद नहीं। पर पक्षियों का इस तरह मर जाना दुनिया के लिए आज भी रहस्य बना हुआ है।
मेरठ का जीपी ब्लॉक
उत्तर प्रदेश के मेरठ स्थित 'जीपी ब्लॉक', दुनिया के सबसे भूतिया बंगलों में से एक है। इस खंडहरनुमा बंगले को भारत के 10 टॉप हॉन्टेड प्लेस में शामिल किया गया है। यह बंगला किसका है, कौन यहाँ रहता था, इस विषय में किसी को कोई जानकारी नहीं। जानकारों का कहना है कि इस बंगले को इसके मालिक ने कभी ब्रिटिश अफसरों को किराए पर दे दिया था। जिसे 1930 के बाद हमेशा के लिए बंद कर दिया गया। इसके बाद का क्या रहस्य है कोई नही जानता।
अजीबो-गरीब आवाजें आने के पीछे का रहस्य
अब इस बंगले के आसपास कोई नहीं भटकता, जिसका कारण नेगेटिव एनर्जी का यहाँ होना। स्थानीय निवासियों का मानना है कि यहाँ रात के वक्त लाल रंगे के लिबास में कोई महिला टहलते हुए दिखाई देती है। कई बार यहाँ अजीबो-गरीब आवाजें भी सुनी गई हैं। जिस वजह से यहाँ कोई गलती से भी नहीं भटकता। रात के समय यह बंगला बहुत ही डरावना लगता है।
क्या आपने भी इन रहस्यमय जगहों में से किसी जगह की यात्रा की हैं अपने अनुभव को हमारे साथ साझा करने के लिए यहाँ क्लिक करें।
बांग्ला और गुजराती में सफ़रनामे पढ़ने और साझा करने के लिए Tripoto বাংলা और Tripoto ગુજરાતી फॉलो करें।
Tripoto हिंदी के इंस्टाग्राम से जुड़ें और फ़ीचर होने का मौक़ा पाएँ।