सच बोलू तो मेरे लिए इतना आसान नही था क्योंकि मैं जानता था कि बाइक ट्रिप पे जाने के लिए परिवार वाले कभी नही मानेंगे सो मैंने अपने पूरे परिवार वालो को फेसबुक पे ब्लॉक कर दिया !
घर से दूर किसी दूसरे शहर में रहने का कुछ फायदा हो न हो यह फायदा जरूर होता है कि आपको थोड़ी फ्रीडम जरूर होती है !
खैर जैसा कि सब राइडर किसी राइड पर जाने से पहले बाइक की अच्छे से सर्विस कराते है मैंने भी एक हफ्ते पहले करा की थी जिससे जहां तक संभव हो कोई दिक्कत न हो !
मध्य भारत मे तो मई के महीने में काफी गर्मी होती है सो बस मैं सुबह जल्द एक गहरी सांस लेकर निकल पड़ा अपनी एक long bike ride पर !
मैंने पहले दिन भोपाल से बनारस जाने का target fix किया ! भोपाल से दमोह - कटनी - रीवा होते हुए बनारस जाने का रूट तय किया था !
लगभग मैं दोपहर तक कटनी पहुँच चुका था ! धूप तो अपने चरम पर थी और ऊपर से मैंने राइडिंग गियर्स पहन रखे थे , लेकिन इन सब के बावजूद भी रोड ट्रिप पे बहुत मजा आ रहा था क्योंकि मैंने एक लंबी छुट्टी ले रखी थी तो मुझे कोई जल्दी नही थी !
रोड ट्रिप पे ढाबो में खाना खाने से ज्यादा उम्दा क्या हो सकता है सो मैं भी एक ढाबे पे रुक गया और अपनी favourite दाल फ्राई और बटर रोटी order कर दी !
अब तक तो सब कुछ अच्छा चल रहा था जो भी रोड मैंने तय की थी सब अच्छी condition में थी लेकिन कटनी से रीवा वाला हाईवे under constuction था ! एक तो मई की दोपहर , ऊपर से under constuction हाईवे , लू के थपेड़े इतनी तेज कि बाइक disbalance हो जाये , जगह जगह डायवर्सन !
जब आप किसी भी long drive पर जाते है तो आपको मानसिक तौर पर हर condition face करने के लिए मजबूत होना ही पड़ता है !
खैर मैं इन सब परिस्थितियों में भी आराम से ड्राइव कर रहा था लेकिन मुझे समय लगभग तीन गुना लग गया !
लेकिन वाराणसी अब भी काफी दूर था और शाम अब रात हो जाने को बेताब थी ! रास्ते की dust जो आंखों में चली गई थी उसे eyedrop से साफ करता रहा !
अब ये साफ था कि मैं वाराणसी नही पहुच पाऊंगा सो मैंने अब एक दिन प्रयागराज में रुकने का निर्णय किया !
उस पूरे दिन में मैंने अब तक कि लंबी दूरी तय की थी जो कि 678 km थी ( 14017-13339 =678 km ) !
दूसरे दिन की शरुआत मैंने कुछ जल्दी ही कर दी क्योकि नींद जल्दी खुल गई ! 4 बजे सुबह मैं फैजाबाद के लिए निकल चुका था ! गंगा जी का पुल पार कर सुबह की एक नई ताज़गी के साथ मैं ride का मजा ले रहा था , लेकिन कुछ ही आगे जाने पर यह मजा काफ़ूर हो गया ! प्रयागराज से फैज़ाबाद जाने वाला हाईवे भी under constuction था , लेकिन सुबह का मौसम ठंडा था तो कोई खास दिक्कत नही महसूस हुई !
एक चाय break लेते हुए मैं लगभग 200km की राइड के बाद फैज़ाबाद पहुँच चुका था !
अब तक मैंने अपनी राइड की pics फेसबुक पे डाल दी थी सो मेरे एक दोस्त को मेरे से अकेला मजा लेता देख बर्दाश्त न हुआ और उसने मुझे खुद को फैज़ाबाद से जॉइन करने की बात की !
अब हम एक से दो हो चुके थे लेकिन बाइक एक ही थी , मेरा दोस्त मुझे फैज़ाबाद से जॉइन कर चुका था ! अब हम लोगो की बाइक पर दो बड़े बैग , और मेरी राइडिंग जैकेट ( जो मैंने उतार दी थी चूंकि मेरा दोस्त ड्राइव कर रहा था ) देखकर ही अंदाज़ा लगाया जा सकता था कि हम लोग भारत भ्रमण पे है !
अब हम लोग बिना ब्रेकफास्ट किये ही गोरखपुर के लिए निकल चुके थे चूंकि हमने तय किया कि हम गोरखपुर में ही ब्रेकफास्ट करेंगे !
फैज़ाबाद से गोरखपुर का हाईवे काफी अच्छा है सो हम लोग अब गोरखपुर में किसी रेस्टोरेंट में ब्रेकफास्ट कर रहे थे !
@ जब कम नींद और बिहार की उमस भरी गर्मी ने बुरा हाल कर दिया @
अब तक हम लोग बिहार में entry कर चुके थे, दिन बस चढ़ता ही जा रहा था और उसके साथ ही पारा भी ! मैंने दो दिन से एक अच्छी नींद नही ली थी और बिहार की उमस भरी गर्मी ने हालात खराब कर दी थी ! एक बार तो ये लगा कि मैंने गलत समय chhose किया है !
@ बिहार की दाल फ्राई और यूपी और मप्र की दाल फ्राई में बहुत अंतर था @
बिहार के ढाबो मे अगर आप दाल फ्राई आर्डर करेंगे तो यह तुअर दाल बिल्कुल भी नही होगी , यह मिक्स दाल होगी या कुछ और !
आज हम लोगो ने बहुत ही कम ड्राइव कर पाया था लेकिन फिर भी हम लोग फैज़ाबाद से दरभंगा पहुँच चुके थे !
चूंकि हम लोगो ने रात में एक अच्छा होटल ले लिया था तो बहुत अच्छी नींद भी आई ! हम लोगो ने सुबह 5 बजे निकलने का तय किया था लेकिन नींद ही 8 बजे खुली थी !
फ्रेश होकर हम लोग चेकआउट करने के बाद बिहार का परंपरागत नाश्ता किया !
आज ऊपरवाला हम लोगो पे मेहरबान था , ऊपर कुछ बादल छा जाने से आज धूप कुछ कम महसूस हो रही थी ! एक खूबसूरत सी नींद के बाद एक अच्छे से हाईवे में हम अपनी बाइक से 100 km की रफ्तार से बस मजा लेते चले जा रहे थे ! अब यह अपनी ड्राइव का real adenventure था !
अब हम लोग जैसे जैसे आगे बढ़ते जा रहे थे , मौसम काफी अच्छा होता रहा था ! अब हम लोग सिलीगुड़ी में चाय बागान के खूबसूरत से रास्तो के बीच से होते हुए आगे जा बढ़ते जा रहे थे ! चाय के बागान देखने का यह मेरे पहला अनुभव था !
आज हम लोगों को दार्जलिंग पहुँचना था , दार्जलिंग से 50-60 km पहले ही ढेर सारी मोमोस की शॉप देख हम लोगो ने एक शॉप पर मोमोज खाये !
मोमोस शॉप वाले ने ही हमको बताया कि दार्जलिंग यहां से 50 - 60 km है और हम लोगो को 3 -4 घंटे लग जाएगा ! मैंने सोचा कि 50 km तो बस एक घंटे में ही तय कर लेंगे लेकिन मैंने जब दार्जलिंग जाने के लिए बेहद खड़ी चढ़ाई वाली रोड देखी तो मैं खुद ही जान गया कि मैं गलत था !
रात में हम लोगो ने दार्जलिंग पहुँच एक होटल ले कर सुबह का प्लान बना लिया था कि हमे टाइगर हिल पर sunrise देखने जाना है सो सुबह हमलोग जल्दी ही उठ गए और टाइगर हिल की तरफ चल दिए ! Foggy weather , ठंडा मौसम काफी अच्छा लग रहा रहा था !
Tiger hill से वापस आने के बाद हम लोगो ने breakfast किया और फिर रॉक गार्डेन की तरफ चल दिये !
Rock garden की तरफ जाने वाला रास्ता एक adventures hilly है ! यहाँ बाइक चलाने का एक अलग ही अनुभव था ! चारो तरफ हरे भरे खूबसूरत पहाड़ और ये खूबसूरत रास्ते !
रॉक गार्डन की खूबसूरती निहारने के बाद हम लोग ने वापस आकर होटल से चेकआउट किया और निकल पड़े अपनी इस ट्रिप के अगले पड़ाव Gantok की ओर !
दार्जीलिंग से Gangtok की तरफ जाने वाला पूरा का पूरा रास्ता बिल्कुल ऐसा था जैसे बचपन मे हम पेंटिंग बनाते थे जिसने नदी , पहाड़ , झोपड़ी , झरने सब साथ साथ आ जाते है ! लगभग पूरे रास्ते हमारे साथ testa नदी साथ साथ ही चली ! लगभग आधा रास्ता तय करने के बाद बारिश शुरू हो गई ! मेरे साथ वाले दोस्त ने रुकने को बोला लेकिन मैं यह riding in rain वाली oppurtunity बिल्कुल नही छोड़ना चाहता था , एक छोटी सी बहस के बाद हम दोनों बारिश में ही निकल लिए !
इस बारिश में कुछ ताज़े ताज़े वॉटरफॉल अगल बगल से बन जाते है लेकिन landslide का खतरा भी बढ़ जाता है लेकिन ये अगल बगल के वॉटरफॉल जो बारिश शुरू होने जे साथ ही बन गए थे मुझे रुकने नही दे रहे थे !
आखिर रात में लगभग 10 बजे तक हम Gantok पहुँच चुके थे ! हम लोगो के सारे कपड़े भीग चुके थे और हद तो तब हो गई जब हम लोगो ने चेंज करने के लिए बैग खोला , एक भी कपड़ा सूखा नही बचा था हमारे बैग में ! अब इतना मजा लेने के लिए कोई कीमत तो चुकानी ही थी !
उस दिन रात को आशीष ( मेरा दोस्त ) मेरे से नाराज हो गया क्योंकि कपड़े सिर्फ मेरी वजह से ही गीले हुए थे ! मैंने उसे raincoat ख़रीदने से यह कहकर मना कर दिया कि मौसम का मजा लेने आये है इससे बचने नही , और एक लम्बी लड़ाई के बाद हम दोनों बिना dinner किये ही सो गए !
सुबह उठे तो अब एक अच्छे ब्रेकफास्ट की जरूरत थी सो हमने पीछे MG रोड की तरफ रुख किया !
अब तक बाइक 2000 km चल चुकी थी तो अब इसे सर्विस भी कराना था तो बस मैंने एक बार फिर से इसकी deep servicing करवा दी !
आज का दिन हमने नामची जाने के फैसला किया ! Gantok से नामची जाने वाला पूरे रास्ते भर ट्रैफिक की तो छोड़िए , काफी सुनसान सा लगता है ! मैं पूरे रास्ते पीछे बैठ बस hilly नजारों को निहारता रहा ! इन पहाड़ी रास्तो से पहाड़ो को निहारना ....... कोई शब्द नही है बताने के लिए जो मैं महसूस कर रहा था !
चूंकि मेरी बाइक मेरे पापा के नाम पे थी तो मुझे आगे लाचेन जाने का permit नही मिला या तो उन्होंने बोला नोटरी ला के दो ! मैं तो बिन बताए घर से आया था तो Notary कहाँ से देता !
हम लोगो ने Sharing टैक्सी बुक कर ली थी ! अब सारी जिम्मेदारी उनकी थी ! बाइक को हम एक पार्किंग में पार्क कर Lachen जाने के लिए तैयार थे !
आज का पूरा दिन सफर में ही निकल गया लेकिन रास्ते के नजारों की बात ही क्या कहना ! हम लोग अब India के उस भू भाग पे थे जो अपनी खूबसूरती के लिए ही जाना जाता है !
@ गुरुडोंगमार लेक और काला पत्थर @
आज सुबह हम लोग जल्द ही निकल गए थे ! आज का ब्रेकफास्ट हमने रास्ते मे ही किया ! Snow boot वही से रेंट पर मिल गए थे जहाँ हम रात में रुके थे !
चेकपोस्ट को पार कर अब हम हम प्रकृति की कुछ बेहद रचनाओं को देखने जा रहे थे !
काला पत्थर - नाम से ही पता लग रहा है कि इस जगह के पत्थर काले होंगे और सफेद बर्फ में लिपटे पहाड़ और रात में हुई snow फॉल ने इस नजारे को कैसा बना दिया आप खुद ही देख सकते है ! यह पहला अनुभव था जब मैंने snowfall का खूबसूरत नजारा देखा !
Gurudongmar lake - सिक्किम आने वाले किसी भी टूरिस्ट के लिए यह lake main attraction होती है !
गहरे आसमानी रंग में रंगे खूबसूरत आकाश , बर्फ से ढकी पहाड़ो की चोटिया , अधजमी खूबसूरत lake !
इन सब खूबसूरत नजारों को अपने कैमरे और दिल मे कैद कर हम अपने hotel वापस आ गए और लंच कर हम फिर Lachung के लिए निकल गए !
Lachung के जिस छोटे से गांव में हम रुके थे वहाँ हम जब दूसरी तरफ बने घर मे dinner करने के लिए बेसमेंट में जा रहे थे तो पीछे की तरफ घुप्प अंधेरे में बहती नदी की लहरों की भयानक आवाज सुनाई दे रही थी ! रात के अंधेरे में इसे सुनना किसी एडवेंचर से कम नही था !
@ Zero point and Yumthang valley
दिन की शुरुआत हो चुकी थी ! आज हम लोगो पहले ज़ीरो पॉइंट देखने गए !
Zero point देखने के बाद हम सब Yumthang वैली देखने आ गए !
रात 9 बजे हम लोग वापस Gantok आ गए और अब शुरू होने वाली थी अब तक कि सबसे scary राइड !
हम लोगो ने रात Gantok के बजाय सिलीगुड़ी वापस जाने की सोच ली और बस यह ride डरा देने वाली थी ! हम लोग testa नदी के साथ बने रोड के साथ सिलीगुड़ी वापस आ रहे थे ! Testa नदी की जो लहरे दिन में बहुत खूबसूरत लग रही थी अब रात के घुप्प अंधेरे में यह सच मे डरा देने वाली थी ! और फिर रात 1 बजे हम लोग सिलीगुड़ी पहुँच चुके थे !
सुबह ब्रेकफास्ट करने के बाद हम लोग वापस निकल चुके थे ! शाम होते होते हम लोग गोरखपुर पहुँच चुके थे !
अब आगे की ड्राइव मुझे अकेले ही करनी थी ! आशीष को bye बोल मैं लगभग 8 बजे झांसी के लिए निकल चुका था !
मैंने झांसी के लिए गोरखपुर , लखनऊ , कानपुर हाईवे लिया ! सच बोलू तो आज bike ड्राइव करने में confidence ही नही आ रहा था ! ऐसा लग रहा था कि अब एक्सीडेंट हुआ कि अब हुआ !
मैंने बाइक एक जगह रोक हल्का ब्रेकफास्ट किया ! और फिर से मैं निकल पड़ा ! यह हाइवे इतना अच्छा था कि मेरा कॉन्फिडेंस वापस आ गया था और मैंने 590 km बाइक ड्राइव कर की थी ! चाय break लेते लेते मैं शाम तक झांसी पहुँच चुका था !
झांसी से भोपाल बहुत कम दूरी ( 300 km aaprox ) है तो मैं बिल्कुल रिलैक्स था ! आज मैने सनराइज बेतवा नदी पर देखा ! दोपहर का लंच मैं भोपाल में कर रहा था !
यह 2019 की मेरी जिंदगी की सबसे पहली राइड थी ! हमने 4000 km की राइड बिना किसी गलती के पूरी कर ली थी ! यह मेरे लिए किसी adventure से कम नही था ! अब इसके बाद मैं चाहे जितनी राइड कर लूं लेकिन इससे ज्यादा memorable राइड मेरे लिए और कोई नही होगी !
इंडिया बहुत खूबसूरत है , अपने सेफ zone से बाहर आइए और राइड कीजिये !