महाराष्ट्र के ये जुड़वा कस्बे, वीकेंड पर घूमने के लिए एकदम परफेक्ट

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घुमक्कड़ी इस दुनिया का सबसे खूबसूरत फसाना है। अगर आप कभी-कभार घूमने वालों में से हैं तब भी अपनी बिजी जिंदगी में घूमले वाले दिनों और जगह को याद करते हैं। ऐसे लोग हसरत रखते हैं कि फिर से ऐसी ही किसी जगह पर घूमले निकला जाए। वही व्यक्ति घूम पाता है जो अपने सोचे हुए पर अमल करता है। भारत में वैसे तो कई जानी-मानी जगहें हैं जिनको एक्सप्लोर किया जा सकता है। इनमें से मैं आपको ऐसे दो कस्बों के बारे में बताने जा रहा हूं जिनका आपने नाम तक सुना होगा। महाराष्ट्र के गणेशपुरी और वज्रेश्वरी कस्बे हर घुमक्कड़ की लिस्ट में होने चाहिए।

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अगर आप अपनी बिजी लाइफ से थोड़ा ब्रेक चाहते हैं तो वीकेंड पर घूमने के लिए ये कस्बे परफेक्ट हैं। महाराष्ट्र के थाणे जिले में स्थित दोनों कस्बे तन्सा नदी के किनारे स्थित है। दोनों कस्बों की बीच की दूरी 3 किमी. से कम है। गणेशपुरी और वज्रेश्वरी अपने पुराने मंदिरों और प्राकृतिक खूबसूरती के लिए जाने जाते हैं। अगर आप किसी ऑफबीट जगह पर जाना चाहते हैं तो आप महाराष्ट्र के इन जुड़वा कस्बों को एक्सप्लोर कर सकते हैं।

कैसे पहुँचे?

गणेशपुरी और वज्रेश्वरी महाराष्ट्र के शहरों से अच्छी तरह से कनेक्टेड हैं। ये कस्बे वसई और विरार से लगभग 30 किमी. की दूरी पर है। मुंबई से लोकल बस और टेन से वसई और विरार पहुँच सकते हैं। जहाँ से आप टैक्सी बुक करके आराम से इन जुड़वा कस्बो में पहुँच सकते हैं। इसके अलावा वसई और विरार से इन दोनों कस्बों के लिए बसें भी चलती हैं। आपको महाराष्ट्र के इन कस्बों में पहुँचने में कोई बड़ी दिक्कत नहीं आएगी।

वज्रेश्वरी मंदिर

इस क्षेत्र की सबसे फेमस जगहों में से एक है, वज्रेश्वरी मंदिर। 1739 में मराठा योद्धा चीमाजी अप्पा ने वसई फोर्ट पर हमला किया। उसने वादा किया अगर वो ये जंग जीतता है तो वज्रेश्वरी देवी का मंदिर बनवाएगा। जीतने के बाद उसने अपने वायदा पूरा किया और एक शानदार मंदिर का निर्माण करवाया। जिसे सभी लोग वज्रेश्वरी मंदिर के नाम से जानते हैं। ऊँचाई पर स्थित इस मंदिर तक पहुँचने के लिए थोड़ी चढ़ाई करनी पड़ती है। यहाँ से कस्बे का खूबसूरत नजारा देखने को मिलता है।

अकोली कुंड

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वज्रेश्वरी मंदिर से कुछ की किलोमीटर की दूरी पर एक खूबसूरत जगह है, अकोली कुंड। यहाँ पर सात गर्म कुंड हैं। अकोली के गर्म कुंड हमेशा भरे रहते हैं। इन गर्म कुंडों में आप डुबकी भी लगा सकते हैं। सर्दियों में इन गर्म कुंडों में जाना आपको अच्छा लगेगा। कहा जाता है कि इन गर्म कुंडों में नहाने से रोग दूर हो जाते हैं। सुबह और शाम के वक्त ये जगह खूबसूरत लगती है। स्थानीय लोग शाम को इस जगह पर सैर करने आते हैं। आप भी इस जगह को देख सकते हैं।

गणेशपुरी

वज्रेश्वरी से लगभग 2 किमी. की दूरी पर गणेशपुरी कस्बा है। घने जंगलों से घिरा हुआ ये कस्बा प्राकृतिक नजारों से भरपूर है। आप पैदल पैदल ही इस कस्बे तक आ सकते हैं। गणेशपुरी में कई सारे मंदिर हैं जिनको आप देख सकते हैं। आप इस कस्बे को अच्छे-से एक्सप्लोर करना चाहिए। मंदिर के पास यहाँ पर भी गर्म कुंड है। जिनको आप देख सकते हैं।

नित्यानंद आश्रम

गणेशपुरी कस्बे में कई सारे मंदिर हैं जिनमें से सबसे फेमस है, नित्यानंद आश्रम। इस मंदिर को नित्यानंद स्वामी की याद में बनाया गया है। कहा जाता है कि उनका व्यक्तित्व साईं बाबा के समान था। इस मंदिर में आपको सुकून और शांति का एहसास होगा। यहीं पर एक गणेश मंदिर है जिसको आप देख सकते हैं।

कब जाएं?

गणेशपुरी और वज्रेश्वरी को आप पूरे साल में कभी भी एक्सप्लोर कर सकते हैं। ये कस्बे सर्दियों में अलग प्रकार की खूबसूरती लेकर आते हैं। अगर आपको गर्म कुंड का अनुभव करना है सर्दियों में आना ही बेहतर होगा। आप यहाँ पर नवंबर से फरवरी के महीने में कभी भी आ सकते हैं। वज्रेश्वरी कस्बे में कई सारे लॉज हैं जिनमें आप ठहर सकते हैं।

लोकल फूड

महाराष्ट्र के रिमोट इलाके में जाओ तो वहाँ के लोकल फूड का स्वाद जरूर लें। आप यहाँ महाराष्ट्र के कई व्यंजनों को चख सकते हैं। आपको यहाँ का रस्सा, सोल कढ़ी और आमती जरूर लेना चाहिए। इसके अलावा यहाँ कई सारे होटल हैं जिनमें आप मारवाड़ी, गुजराती, चाइनीज और इंडियन फूड का स्वाद भी ले सकते हैं। ये सब चीजें गणेशपुरी और वज्रेश्वरी को घूमने के लिए एकदम परफेक्ट बना देती हैं।

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