जब भी चंपारण की बात आती है तो हमारे जेहन में बिहार का चंपारण आता है, जहाँ महात्मा गांधी ने सत्याग्रह किया था लेकिन क्या आपको पता है? गांधीजी के चंपारण के अलावा भारत में एक और चंपारण है। छत्तीसगढ़ में एक छोटी सी जगह है, चंपारण। छत्तीसगढ़ के चंपारण के बारे में कम लोगों को ही पता है। खेत खलिहान और प्राकतिक संपदा से भरपूर चंपारण में देखने लायक काफी कुछ है। अगर आप छत्तीसगढ़ में किसी अनछुई जगह पर जाना चाहते हैं तो आपको चंपारण जरूर जाना चाहिए।
छत्तीसगढ़ के चंपारण को चंपाझार के नाम से भी जाना जाता है। चंपाझार का अर्थ है, चंपा के फूलों का शहर। चंपारण छत्तीसगढ़ का एक छोटा सा गांव है। चंपारण राजधानी रायपुर से 60 किमी. और राजिम से सिर्फ 15 किमी. की दूरी पर है। चंपारण महाप्रभु वल्लभाचार्य की जन्मस्थली की वजह से भी काफी लोकप्रिय है। ऐसी शांत और सुकून वाली जगहों पर हर घूमने वाले को आना चाहिए।
1- प्राकट्य बैठक जी मंदिर
छत्तीसगढ़ की इस छोटी सी जगह की सबसे लोकप्रिय जगह है, श्री महाप्रभुजी प्राकट्य बैठक जी मंदिर। चंपारण महाप्रभु वल्लभाचार्य की जन्मस्थली के लिए जाना जाता है। महाप्रभु वल्लभाचार्य ने पूरे भारत की पैदल यात्रा की। वो जहाँ पर भी रुके, वहाँ पर बैठक बनाई गई। चंपारण में भी दो बैठकें हैं। चंपारण का महाप्रभुजी प्राकट्य बैठक जी मंदिर बेहद खूबसूरत है। इस मंदिर को देखकर लगेगा कि आप किसी महल में आ गये हों। इस परिसर में मां यमुना जी का मंदिर, राम दरबार और गौशाला देखने को मिलती है।
2- श्री चंपेश्वरनाथ महादेव मंदिर
चंपारण का चंपेश्वरनाथ महादेव मंदिर छत्तीसगढ़ के सबसे प्रसिद्ध मंदिर में से एक है। वल्लभाचार्य की बैठक के पास में बना चंपेश्वरनाथ महादेव मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। इस मंदिर में शिवलिंग विराजमान है। इस शिवलिंग को त्रिमूर्ति शिवलिंग के नाम से जाना जाता है। शिवलिंग में आपको तीन स्वरूप देखने को मिलेंगे। ऊपरी भाग भगवान गणेश, मध्य भाग भगवान शंकर और और निचला भाग पार्वती जी का है।
3- डिपरा वाले हनुमान जी
चंपारण से 5 किमी. दूर सेमरा गांव में महानदी के किनारे हनुमान जा का मंदिर स्थित है। इस मंदिर में हनुमान जी की मूर्ति है। इसके अलावा भगवान शिव की भी मूर्ति भी रखी हुई है। नदी किनारे बना ये मंदिर वाकई खूबसूरत है। आप घंटों नदी किनारे बैठक दूर तलक दिखनी वाली हरियाली, मछली पकड़ते मछुआरों और नदी मे नहाते हुए लोगों को निहार सकते हैं। आपको इस खूबसूरत नजारे के लिए इस मंदिर की सैर करनी चाहिए।
4- वीर हनुमान टीला
चंपारण से वीर हनुमान टीला लगभग 10 किमी. की दूरी पर है। महानदी के किनारे इस जगह पर हनुमान जी की 185 फुट ऊंची मूर्ति है। यहाँ पर एक छोटा सा डैम बना हुआ है। इस बांध को टीला बांध के नाम से भी जाना जाता है। महानदी का दृश्य बहुत सुंदर होता है। यहाँ पर एक गॉर्डन भी है। जहाँ आप अपने परिवार के साथ पिकनिक मना सकते हैं।
5- राजिम
राजिम चंपारण से लगभग 15 किमी. की दूरी पर है। चंपारण और राजिम को आप एक साथ एक्सप्लोर करने का प्लान बनाएँ। राजिम एक छोटा सा कस्बा है जो तीन नदियों के संगम पर स्थित है। इस कस्बे की सबसे लोकप्रिय जगह है, राजिम मंदिर समूह। इसके अलावा यहाँ पर धनेश्वर मंदिर, कुलेश्वर नाथ मंदिर, रामचन्द्र मंदिर और मांमा-भांजा मंदिर भी हैं।
कैसे पहुँचे?
फ्लाइट से: आप हवाई मार्ग से चंपारण जाना चाहते हैं तो निकटतम एयरपोर्ट रायपुर का स्वामी विवेकानंद एयरपोर्ट है। हवाई अड्डे से चंपारण 58 किमी. की दूरी पर है। आप बस से चंपारण जा सकते हैं या फिर कैब बुक करके चंपारण पहुँच सकते हैं।
ट्रेन से: अगर आप रेलवे मार्ग से चंपारण जाने का प्लान बना रहे हैं तो सबसे नजदीक महासमुंद रेलवे स्टेशन है। महासमुंद से चंपारण 30 किमी. की दूरी पर है। आप बस या ऑटो बुक करके चंपारण पहुँच सकते हैं।
वाया रोड: सड़क मार्ग से भी आप चंपारण पहुँच सकते हैं। रायपुर समेत छत्तीसगढ़ के कई शहरों से चंपारण के लिए बसें मिल जाएगी। अगर आपके पास खुद की गाड़ी है तब तो चंपारण पहुँचने में कोई दिक्कत नहीं आएगी।
कब जाएँ?
छत्तीसगढ़ के चंपारण को पूरे साल में कभी भी एक्सप्लोर किया जा सकता है लेकिन सर्दियों में ये जगह सबसे खूबसूरत होती है। चंपारण जाने का सबसे बेस्ट टाइम नवंबर से मार्च तक का माना जाता है। इसके अलावा आप चंपारण के वार्षिक महोत्सव के दौरान जाने का प्लान बना सकते हैं। छत्तीसगढ़ ने नये रंगों को जानने के लिए चंपारण की सैर करना तो बनता ही है।
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