उत्तर भारतीय के मन में दक्षिण भारत की एक अलग की छवि होती है। उनका मानना होता है कि साउथ इंडिया हर शहर गांव में नदी होती है और उसके किनारे खूब सारे नारियल के पेड़ लगे होते हैं। अगर आपके मन में दक्षिण भारत की ऐसी कल्पना है तो आप गलत तो हैं लेकिन आंध्र प्रदेश के अमलापुरम में आपको ऐसा ही कुछ देखने को मिलेगा। आंध्र प्रदेश के अमलापुरम में हरे-भरे ताड़ और नारियल के पेड़ देखने को मिलते हैं। अगर आपको ऑफबीट जगहों पर जाना पसंद है तो फौरन अमलापुरम को अपनी लिस्ट में जोड़ लो।
अमलापुरम आंध्र प्रदेश का एक छोटा-सा कस्बा है जिसके बारे में शायद ही आपने सुना हो। भारत की दूसरी जगहों की तरह अमलापुरम बहुत मशहूर नहीं है लेकिन यहां देखने को काफी कुछ है। अमलापुरम भगवान शिव के पांच मंदिरों के लिए जाना जाता है। जिसे पंचलिंगापुरम के नाम से भी जाना जाता है। आंध्र प्रदेश का ये कस्बा सांस्कृतिक समृद्धि का एक प्रतीक है और यहां देखने को भी काफी कुछ है।
कैसे पहुँचे?
फ्लाइट से: आप हवाई मार्ग से अमलापुरम जाना चाहते हैं तो सबसे निकटतम एयरपोर्ट राजमुंदरी में है। राजमुंदरी से अमलापुरम लगभग 54 किमी. की दूरी पर स्थित है। एयरपोर्ट से अमलापुरम के लिए आप कैब ले सकते हैं।
ट्रेन से: यदि आप रेल मार्ग से अमलापुरम जाने का प्लान बना रहे हैं तो सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन पलाकोलू जंक्शन है। पलाकोलू से अमलापुरम 31 किमी. की दूरी पर है। पलाकोलू रेलवे स्टेशन से अपने गंतव्य के लिए आप कैब बुक कर सकते हैं।
सड़क मार्ग: अमलापुरम वाया रोड अच्छी तरह से कनेक्टेड है। भारत के कई शहरों से अमलापुरम के लिए आपको बस मिल जाएगी। अगर आपके पास खुद की गाड़ी है तब तो अमलापुरम पहुंचने में आपको कोई दिक्कत नहीं आएगी।
क्या देखें?
1- श्री वीरेश्वर मंदिर
अमलापुरम में आप घूमने की शुरूआत श्री वीरेश्वर मंदिर से कर सकते हैं। वीरेश्वर मंदिर अमलापुरम के सबसे फेमस मंदिरों में से एक है। गौरी नदी के किनारे स्थित श्री वीरेश्वर मंदिर का आर्किटेक्चर बेमिसाल है। इस मंदिर में भगवान के साथ एक देवी की मूर्ति भी स्थापित है। मंदिर की दीवारों पर नक्काशी की गई है जो देखने लायक है। मंदिर के पीछे की तरफ आपको हरियाली ही हरियाली नजर आएगी।
2- सिद्धि विनायक मंदिर
वीरेश्वर मंदिर की तरह एना विल्ली सिद्धि विनायक मंदिर भी काफी मशहूर है। हरियाली, घास के मैदानों और नारियल के घने ग्रूव्स में स्थित ये मंदिर अमलापुरम के सबसे सुंदर मंदिरों में से एक है। इस मंदिर परिसर को दो भागों में बांटा गया है। मंदिर के एक गेट से आने पर आपको भगवान सिद्धि विनायक के दर्शन होंगे तो दूसरे गेट से विश्वेश्वरा स्वामी के दर्शन होंगे। वास्तुकला के मामले में भी ये मंदिर काफी खास है। मंदिर की दीवारों पर उकेरी गई कलाकारी देखने लायक है।
3- अप्पानपल्ली मंदिर
अमलापुरम में अप्पानपल्ली मंदिर एक महान सांस्कृतिक केन्द्र है और इस मंदिर से समृद्ध इतिहास भी जुड़ा हुआ है। मंदिर की संरचना वाकई में बेजोड़ है। मंदिर के गर्भगृह को दूसरा तिरुपति माना जाता है। तीन ओर से गोदावरी नदी औ एक तरफ से बंगाल की खाड़ी से घिरा अप्पानपल्ली मंदिर देखने में बहुत खूबसूरत है। आसपास का नजारा देखकर आपका दिल खुश हो जाएगा। इस मंदिर को देखने लिए दूर-दूर से पर्यटक और दर्शन के लिए भक्तों का तांता लगा रहता है।
4- ओडालारेवु बीच
समुद्री बीच दुनिया की सबसे खूबसूरत जगहों मे से एक है। एक जैसे नजारे को हर रोज देखा जा सकता है। आंध्र प्रदेश में ऐसा ही एक खूबसूरत समुद्री तट है, ओडालारेवु बीच। अमलापुरम से ओडालारेवु की दूरी लगभग 22 किमी. की दूरी पर है। अमलापुरम की यात्रा में इस जगह को भी देखा जा सकता है। ओडालारेवु बीच पर आप समुद्र ही लहरों को देखें, सुंदर सनसेट देखें और रेत में दूर तक पैदल चलें। ये जगह अमलापुरम की यात्रा को और भी शानदार बना देगी।
5- मंदिर ही मंदिर
अमलापुरम में इतने सारे मंदिर हैं कि इसे मंदिरों का शहर भी कहा जा सकता है। बाला बालाजी देवास्थनम मंदिर अमलापुरम से 12 किमी. की दूरी पर है। इसके अलावा अमलापुरम से मंडपल्ली सनेश्वर देवस्थानम 26 किमी., कोटिपल्ली सोमेश्वर 16 किमी और जगनमोहिनी केशव स्वामी मंदिर अमलापुरम से 35 किमी. की दूरी पर है। प्राकृतिक सौंदर्य से भरे इन मंदिरों को वाकई में देखा जाना चाहिए।
कब जाएँ?
अमलापुरम आंध्र प्रदेश का एक छोटा-सा कस्बा है। इस राज्य में गर्मी बहुत ज्यादा होती है इसलिए उस मौसम में अमलापुरम जाने के बारे में सोचना भी बेवकूफी होगी। सर्दियों के मौसम में अमलापुरम को एक्सप्लोर किया जा सकता है। अमलापुरम जाने का सबसे बढ़िया समय दिसंबर से मार्च तक का है। उस समय मौसम बहुत सुहावना और खुशनुमा होता है।
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