चकाचौंध-भीड़भाड़ से दूर सिक्किम का ये छोटा-सा गांव, सुंदर नजारों के मामले में है बेस्ट

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Photo of चकाचौंध-भीड़भाड़ से दूर सिक्किम का ये छोटा-सा गांव, सुंदर नजारों के मामले में है बेस्ट by Rishabh Dev

यात्राओं का अपना अलग सुकून होता है। कितना भी घूम लो कम ही लगता है। कुछ दिनों बाद दिमाग और दिल नई जगह पर जाने के लिए तैयार हो जाता है। आज हम आपको एक ऐसी जगह के बारे में बताने जा रहे हैं जहाँ आप एक बार जाओगे तो बार-बार जाने का मन करेगा। ऐसी जगहें हमेशा जेहन में बनी रहती हैं। ऐसी ही दिलकश और खूबसूरत नजारों से भरी हुई जगह का नाम है, यांग्तेय।

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यांग्तेय सिक्किम का एक छोटा-सा गाँव है और पेलिंग से सिर्फ 7 किमी. की दूरी पर है। समुद्र तल से 6,000 फीट की ऊँचाई पर स्थित यांग्तेय गाँव घूमने वालों के लिए किसी जन्नत से कम नहीं है। इस जगह की सुंदरता देखकर आप दंग रह जाएंगे। अगर आप सिक्किम की यात्रा पर जाने का प्लान बना रहे हैं तो इस जगह को अपनी बकेट लिस्ट में जरूर शामिल करें।

क्या देखें?

पेमायांग्तसे मोनेस्ट्री

पेमायांग्तसे मोनेस्ट्री यांग्तेय से 7 किमी. दूर पेलिंग में एक पहाड़ी पर स्थित है। हिलटॉप पर स्थित ये मोनेस्ट्री वाकई में बेहद सुंदर है। हिमालय के खूबसूरत नजारे देखकर आप प्रफुल्लित हो जाएंगे। तिब्बती शैली में बनी ये मोनेस्ट्री बौद्ध के कला और संस्कृति को दिखाती है। पेमायांग्तसे मोनेस्ट्री सिर्फ पेलिंग और यांग्तसे की नहीं पूरे सिक्किम में फेमस है। आपको एक बार तो यहाँ जरूर आना चाहिए।

चांगेय वाटरफॉल

यांग्तेय गाँव से लगभग 18 किमी. दूर एक खूबसूरत जलप्रपात है, चांगेय वाटरफॉल। खूबसूरत पहाड़ों और जंगलों के बीच स्थित ये झरना लगभग 50 मीटर की ऊँचाई से गिरता है। ये वाटरफॉल सिक्किम के सबसे खूबसूरत झरनों में से एक है। जब आप इस झरने को पहली बार देखेंगे तो देखते ही रह जाएंगे। यांग्तेय जाएं तो इस वाटरफॉल को देखना न भूलें।

रबडेन्तसे

पेमायांग्तसे मोनेस्ट्री से कुछ ही दूरी पर रबडेन्तसे खंडहर है। पहले ये जगह कभी सिक्किम की राजधानी हुआ करती थी। राजा के बेटे चाडोग नामग्याल ने सिक्किम की राजधानी को युकसोम से रबडेन्तसे किया था। बाद में गोरखा आर्मी ने इस जगद को तहस नहस कर दिया। यहाँ पर आप महल और अन्य संरचनाओँ के खंडहर देख सकते हैं। पहाड़ी की ऊँचाई पर स्थित इस जगह से खूबसूरत नजारा दिखाई पड़ता है।

खेचेओपलरी लेक

यांग्तेय की यात्रा में आप सिक्किम की खूबसूरत खेचेओपलरी लेक को देख सकते हैं। हिन्दुओं के साथ-साथ बौद्ध भी इसे बेहद पवित्र जलाशय के रूप में मानते हैं। खेचेओपलरी लेक दो शब्दों से मिलकर बनी है, खचेओ और पलरी। जिसका अर्थ है, उड़ने वाले फरिश्ते या स्वर्गदूत। पहाड़ों से घिरी ये लेकर बेहद सुंदर है। इस जगह के बारे में किवदंती हैं। यहाँ आकर आप इन सारी कहानियों को जान सकेंगे।

गाँव देखें

यांग्तेय सिक्किम का बेहद खूबसूरत गाँव है। यहाँ जैसी शांति और सुकून शायद ही आपको कहीं और मिले। इस जगह के बारे में कम लोगों को पता है। इस वजह से यहाँ कम ही लोग आते हैं। आप पैदल-पैदल इस गाँव को घूम सकते हैं और यहाँ के स्थानीय लोगों से बात कर सकते हैं। स्थानीय लोग आपको वो बातें बताएंगे जो आपको कहीं नहीं मिलेगा।

कैसे पहुँचे?

फ्लाइट से: अगर आप फ्लाइट से यांग्तेय जाने का प्लान बना रहे हैं तो सबसे निकटतम बागडोगरा एयरपोर्ट है। बागडोगरा से यांग्तेय लगभग 125 किमी. की दूरी पर है। बागडोगरा से यांग्तेय जाने के लिए आप टैक्सी ले सकते हैं।

ट्रेन से: यदि आप ट्रेन से यांग्तेय जाने के बारे में सोच रहे हैं तो नजदीकी न्यू जलपाईगुड़ी रेलवे स्टेशन है। न्यू जलपाईगुड़ी से यांग्तेय 140 किमी. की दूरी पर है।

वाया रोड: आप वाया रोड भी यांग्तेय पहुँच सकते हैं। गंगटोक से आपको यांग्तेय के लिए प्राइवेट बस मिल जाएगी। अगर आपके पास खुद की गाड़ी है तब तो यांग्तेय तक जाने में कोई बड़ी दिक्कत नहीं आएगी।

कहाँ ठहरें?

यांग्तेय जाएंगे तो आपको ठहरने में भी कोई दिक्कत नहीं आएगी। यहाँ पर कुछ रिजॉर्ट और होटल हैं जिनमें आप ठहर सकते हैं। इसके अलावा 7 किमी. दूर ही पेलिंग है। जहाँ पर आपको ठहरने के कई सारे विकल्प मिल जाएंगे। आप अपने बजट और सुविधा के हिसाब से उनमें ठहर सकते हैं।

कब जाएं?

सिक्किम के यांग्तेय गाँव में वैसे तो आप साल में कभी भी आ सकते हैं लेकिन मानसून में आने की गलती न करें। उस समय कुछ भी घूम नहीं पाएंगे और यहाँ तक पहुँचना भी कठिन हो जाएगा। मानसून के बाद ये जगह और भी खूबसूरत लगने लगती है। सर्दियों में भी ये जगह देखने लायक होती है। आपको एक बार तो यहाँ जरूर आना चाहिए।

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