पहाड़ों को नजदीक से देखना और बादलों को छूना भला कौन नहीं चाहता। आज से कुछ सालों पहले मैंने भी इस खूबसूरत जगह का दीदार किया हैं। और सच कहूं तो मेरी पसंदीदा जगहों में से एक ये जगह भी है। मैंने भी इन पहाड़ों की खूबसूरती को गूगल बाबा की मदद से देखा फिर इतनी जिज्ञासा हुई की हमने अपना ट्रिप प्लान किया। अगर आपके भी कुछ ऐसे सपने हैं तो आप उत्तराखंड स्थित मसूरी हिल स्टेशन की सैर का प्लान बना सकते हैं।
अंग्रेजों के वक्त अस्तित्व में आया यह ग्रीष्मकालीन गंतव्य आज पूरे विश्व में अपनी पहाड़ी खूबसूरती के लिए जाना जाता है, जहाँ की मनमोहक आबोहवा का लुत्फ उठाने के लिए न सिर्फ देश बल्कि दुनिया के कोने-कोने से सैलानी आते हैं। मसूरी की पर्वतीय खूबसूरती का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इसे 'पहाड़ों की रानी' के नाम से भी संबोधित किया जाता है। यहाँ का हर एक नजारा किसी चित्रकार की कृति भांति प्रतीत होता है।
फोटोग्राफी के शौकीनों के लिए यह स्थल किसी जन्नत से कम नहीं। और इस खूबसूरत जगह की इन्ही खूबियों के कारण ये जगह हर एक घुम्मकड़ की लिस्ट में ज़रूर शामिल होनी चाहिए। आज इस आर्टिकल में मैं आपको "पहाड़ों की रानी" मसूरी के खूबसूरत जगहों और इस जगह की खास बातों को बताऊंगी जो उसे आज भी सबसे ज्यादा खास बनाती हैं। तो आइए जानते हैं।
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मसूरी में घूमने के लिए बेस्ट हैं ये जगह
वैसे तो मसूरी में घूमने के लिए छोटी- बड़ी कई खूबसूरत जगहें हैं। अपनी यात्रा के दौरान मैंने जिन बेहतरीन जगहों को खुद, करीब से देखा है आज उन ही फेमस जगहों के बारे में बात करेंगे। आज हम आपको ‘क्वीन ऑफ हिल्स’ यानि पहाड़ों की रानी मसूरी की ऐसी जगहों के बारे में बताएंगे, जहाँ जाए बिना आपकी मसूरी सैर अधूरी रह जाएगी।
केम्पटी फॉल्स
केम्पटी फॉल्स मसूरी का सबसे बड़ा टूरिस्ट अट्रैक्शन है। हर मौसम में यहाँ पर्यटकों की अच्छी- खासी भीड़ जमा रहती है। खासतौर पर गर्मियों में तो यहाँ पैर रखना भी मुश्किल हो जाता है। यहाँ वॉटरफॉल के नज़दीक जाकर नहाने का मज़ा ही कुछ और है। वैसे केम्पटी फॉल्स का पूरा आनंद लेना है, तो वहाँ ज़रूर जाइये, जहाँ से यह वॉटरफॉल शुरू हो रहा है।इसके लिए केम्पटी फॉल जाते समय रास्ते में ऊपर की ओर जाती हुई कुछ संकरी सीढ़ियां मिलेंगी। बस आप भी चल दीजिए इन सीढ़ियों के साथ। ये आपको केम्पटी फॉल्स के भी ऊपर ले जाएंगी, जहाँ का नज़ारा केम्पटी फॉल से भी कहीं ज्यादा खूबसूरत होता है। इस जगह पर आपको छोटे- छोटे कई वॉटर फॉल मिल जाएंगे, जो बाद में मिलकर केम्पटी फॉल्स बन जाते हैं। साथ ही इस जगह पर आपको अपने फोटो सेशन के लिए भी कई स्पॉट मिल जाएंगे। जो आपकी यात्रा को और भी यादगार बना देंगे।
लाल टिब्बा
मसूरी की सबसे ऊंची चोटी की बात करें तो लाल टिब्बा का नाम सबसे पहले आता है। यहाँ के पहाड़ का रंग लाल होने के कारण इसका नाम लाल टिब्बा रख दिया गया है। कुछ लोग इसे डिपो हिल के नाम से भी जानते हैं। एक समय जब भारत मे अंग्रेजों का शासन था तब यहाँ से अंग्रेज़ पूरे क्षेत्र पर नजर रखते थे। लाल टिब्बा पर अब भारतीय सेना दल भारी मात्र मे मौजूद रहता है। आज यहाँ पर दूरदर्शन का ब्रॉडकास्टिंग स्टेशन और ऑल इंडिया रेडियो का टावर मौजूद है। लाल टिब्बा की ऊंचाई इतनी है की यहाँ की चोटी से आप दूरबीन की सहयता से गंगोत्री, बद्रीनाथ, नंदादेवी ओर श्रीकंता की चोटियों को भी देख सकते हैं।
मसूरी झील
मसूरी झील एक कृतिम झील है जिसे सिटी बोर्ड एवं देहरादून विकास प्राधिकरण द्वारा तैयार किया गया है। यह झील मसूरी से 7 किलो मीटर दूर देहरादून मार्ग पर निर्मित है। परिवार के साथ पिकनिक मानने के लिए यह बहुत ही अच्छी जगह है। मसूरी झील में वोटिंग करने के लिए पैडल वोट की सुविधा उपलब्ध है। पर्यटक यहाँ आकर नौका विहार का आनंद लेते हैं। मसूरी झील से दून की घाटी और अन्य गांव का सुन्दर नजारा भी देखा जा सकता है। यह मसूरी का बहुत ही आकर्षक पर्यटन स्थल है।
गनहिल
गनहिल समुद्र तट से 2024 मीटर की ऊचाई पर स्थित है। गनहिल मसूरी की दूसरी सबसे ऊँची चोटी है। गनहिल से सूरज की झलक दिखाई देती है। यहाँ से देखने पर बर्फ से ढके हुए पेड़ बहुत ही मनभावन लगते है। गनहिल का लोकप्रिय वर्णन गनहिल के इतिहास से जाना जा सकता है। प्रचीन काल में जब घड़ी नहीं होती थी उस समय गनहिल चोटी पर गन चलाई जाती थी। जिससे यहाँ के निवासियों को समय का ज्ञान हो जाता था। तभी से इस चोटी का नाम गनहिल पड़ गया।
क्लाउड ऐंड
क्लाउड एंड वह जगह है जहाँ बादलों को बड़े ही करीब से देखा जा सकता है। यह जगह मसूरी लाइब्ररी रोड से लगभग 7.5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। मसूरी की अन्य जगहें जहाँ हमेशा पर्यटकों की चहल पहल दिखाई देती है वहीं क्लाउड एंड आ कर आपको शहर की भीड़ भाड़ से दूर एकदम शांति का एहसास होगा। क्लाउड ऐंड नवविवाहितों की भी पसंदीदा जगह है। क्लाउड ऐंड पर इसी नाम से एक होटल भी है जो कि चारों ओर से घने जंगलों से घिरा हुआ है। जंगलों की हरियाली और प्राकर्तिक मनोहर हर युगल को यहाँ आने के लिए मजबूर करती है। पर्यटक यहाँ गाड़ी से या फिर हैप्पी वैली से हथिपाओन रोड पर ट्रेकिंग का लुफ्ट उठाते हुये आ सकते हैं।
सर जॉर्ज एवरेस्ट हाउस
सर जॉर्ज एवरेस्ट हाउस 18वी शताब्दी में भारत के सर्वेयर जनरल रहे सर जॉर्ज एवरेस्ट का घर था। यहाँ रहते हुए ही जॉर्ज ने भारत की कई ऊंची चोटियों की खोज की और उन्हें मानचित्र पर उकेरा। माउंट एवेरेस्ट की सबसे ऊँची चोटी की खोज भी सर जॉर्ज ने ही की थी, इसके बाद ही इस पर्वत का सर जॉर्ज एवरेस्ट के नाम पर रख दिया गया। मसूरी में गांधी चौक से महज 6 km की दूरी पर स्थित सर जॉर्ज एवरेस्ट हाउस आज पर्यटकों के लिए एक रेस्टॉरेंट के रूप में बदल दिया गया है। यहाँ से पहाड़ों के बहुत ही मनोरम दृश्य पर्यटकों को दिखाई देते हैं। इसे कई लोग ‘पार्क एस्टेट’ के नाम से भी जानते हैं।
तिब्बती मंदिर
तिब्बती मंदिर बोद्ध सभ्यता का अनुपम उदहारण हैं। यह मंदिर पर्यटकों को दूर से ही अपनी ओर आकर्षित करता है। कहा जाता है की तिब्बत से भारत आने के बाद बौद्ध गुरु दलाई लामा ने मसूरी की इसी स्थान पर आ कर शरण ली थी। मसूरी मे स्थित इस तिब्बती मंदिर के बारे में कहा जाता है कि जो भी व्यक्ति यहाँ आकर लगे ड्रम को बजाता है उसकी हर मनोकामना पूरी होती है।
द मॉल रोड
यह मसूरी के मुख्य बाज़ारों मे से एक है। इसे लोग मॉल रोड के नाम से भी जानते हैं। मसूरी के अधिकांश फेमस मुख्य स्टोर माल रोड पर ही स्थित है। आपको कपड़ों से लेकर बिजली के उत्पाद तक हर प्रकार की चीज यहाँ मिल जाएगी। यही वजह है की यहाँ हर समय पर्यटकों की भीड़ लगी रहती है। इस रोड पर शाम का नजारा तो दिल को छू लेता है। यह बाजार लाइब्ररी पॉइंट से शुरू होकर पिक्चर पैलेस तक जाता है। यह बाजार करीब 2 किलोमीटर लंबे क्षेत्र मे फैला हुआ है।
बेनोग वन्यजीव अभयारण्य मसूरी
बेनोग वन्यजीव अभयारण्य उन लोगो के लिए दिलचस्प है जो वाइल्ड लाइफ देखना पसंद करते हैं। चारों ओर घने वन से घिरा बेनोग वन्यजीव अभयारण्य में आप कई ऐसे पक्षियों को देख सकते हैं जो की विलुप्त होने की कगार पर हैं। विभिन्न पक्षियों के अलावा यहाँ आपको तेंदुआ, हिरण, भालू और हिमालयन बकरियां देखने को मिलेंगी। यह स्थान मसूरी से लगभग 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहाँ आने से पहले आपको बता दूं कि यह जगह सुबह 5 बजे से शाम को 4 बजे तक ही खुलती है साथ ही यहाँ पालतू जानवरों को लाना सख्त मना है।
मसूरी जाने का उचित समय
मसूरी जाने का सबसे सही समय गर्मियों का मौसम है। देश के विभिन्न क्षेत्रों में पड़ती भीषण गर्मी से बचने के लिए मसूरी जाया जा सकता है। बरसात के मौसम में यहाँ जाना थोड़ा जोखिम भरा है। भारी वर्ष की वजह से मसूरी के सभी पहाड़ी रास्ते इतने फिसलन भरे हो जाते हैं कि यहाँ रोड पर गाड़ियां अक्सर स्लिप हो जाती हैं और दुर्घटना हो जाती है।
ठण्ड के मौसम में स्नोफॉल का मजा लेने भी मसूरी आया जा सकता है। परन्तु बता दूं कि कभी कभी ज्यादा हिमपात के कारण यहाँ रास्ते बंद हो जाते हैं। तो अगर आप बिना किसी परेशानी के मसूरी घूमना चाहते हैं तो आपके लिए मार्च से जून तक का समय मसूरी घूमने के लिए सबसे उपयुक्त रहेगा।
कैसे पहुंचे मसूरी
मसूरी जाने के लिए हवाई जहाज, ट्रैन या गाड़ी तीनों में से किसी भी संसाधन का उपयोग किया जा सकता है।
हवाई जहाज से: फ्लाइट से देहरादून का जोली हवाई अड्डा मसूरी जाने के लिए निकटतम हवाई अड्डा है। यह हवाई हड्डा नई दिल्ली और इंद्रागांधी अन्तर्राष्टीय हवाई अड्डे से जुड़ा हुआ है। आप इसकी मदद से मसूरी कम समय में पहुँच सकते है।
ट्रैन से: मसूरी जाने के लिए सबसे पास का रेलवे स्टेशन देहरादून का है जो की लगभग 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। ये रेलवे जक्शन भारत के कई हिस्सों से जुड़ा हुआ है। आप दिल्ली या मुंबई से देहरादून के लिए ट्रेन पकड़ कर मसूरी आसानी से पहुँच सकते हैं।
सड़क से: बस के द्वारा भी मसूरी पहुंचा जा सकता है यहाँ सरकारी बसे और निजी बसे भी चलती है, दिल्ली और नैनीताल से बस का सफर नजदीक एवं पास का रहता है।
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