पश्चिम बंगाल के पुरुलिया जिला में स्तिथ मुरादी डैम और जयचंडी पहाड़ दो खूबसूरत पिकनिक स्पॉट है। आप किसी से भी पूछ लीजिये की पुरुलिया में कौन कौन से जगह घूमने लायक है तो ज्यादातर लोग आपको ये दो जगह के नाम गिनवायेगा। १३ तारीख की सुबह मैने मेरे एक दोस्त के साथ निकला मुरादी और जयचंडी पहाड़ देखने के लिए। वैसे आप चाहे तो यह दो जागा एक ही दिन में कम्प्लीट कर सकते है पर मैने एक लोकल के घर ठैरा हुआ था और शांति से घुमा। सुबह करीब ५:३० बजे दुर्गापुर से चलते हुए मेपहुच गया मेजिया ब्रिज तक। यह से बरांटी (मुरादी डैम ) डैम की दुरी महज ४४ कम की है और कुल दुरी दुर्गापुर से है ६५ किलोमीटर का। मई जब वह पहुचा तब सुबह के ९:३० बज चुके थे और पहाड़ और डैम के चारो तरफ घना कोहोरा छाया हुए था। हमलोगो ने कुछ नास्ता वगेरा कर निकल परे डैम और आस पास के इलाके को घूमने के लिए। बरांटी डैम पहाड़ की ठीक सामने ही है इस्सलिये पहाड़ का जो प्रतिफलन है वह पानी में साफ़ दीखता है जो की दूर से काफी मनमोहक है। डैम के एक तरफ आपको हल्का जंगल मैदानी इलाका और दूसरी तरफ कुछ गेस्ट हाउस देखने को मिलेगा। यहां एक सरकारी गेस्ट हाउस भी है जहा पर आपको एक वाचटावर देखने को मिल जायगा। यहां रह कर आप रात को इस पूरी जागा की ख़ूबसूरती का दीदार कर सकते है । मैंने डैम की चारो तरफ घुमा और कुछ तस्वीरें भी उठाए। मुझे साबसे अच्छा लागा की कभी कभी यहां कुछ बिदेशी पक्क्षी देखने को मिल जरा था सायद मेरा शोभाग्य है। आप यहां आ कर इन गेस्ट हाउस में रह सकते है खाना वगेरा आपको एहि से ही मोहिया करवाएगा। लोकल से बात कार के पता चला चांदनी रात में इस जगह की खूबसूरती देखने लायक है। कोलकाता से अगर अआप आते है थो ट्रैन पाकर कर मुराड़ी स्टेशन पर उतर सकते है। साउथ ईस्टर्न रेलवे की इलाके में यह पड़ता है वैसे आप चाहे थो खरगपुर से भी ट्रैन पाकर कर यहां आ सकते है।
अगर आप एडवेंचर के शौकीन है अगर आपका रूचि ट्रैकिंग में या पहाड़ चढ़ने में है अगर आप कैंपिंग के शौकीन है तो जी हां पश्चिम बंगाल के पुरुलिया जिले का जयचंदी पहाड़ आपका प्रतीक्षा कर रहा है। यहाँ जाने के लिए आपको कई ट्रैन मिल जायगा कोलकाता या फिर खरगपुर रीलवे स्टेशन से जो सीधा आपको जयचंदी पहाड़ जंक्शन में उतारे गा। मेरा इस यार्ता की शुरुयात हुहा था १४ दिसम्बर २०२१ को । उस दिन सुबह करीब ६:३० बजे हमलोग बाइक से मेरे एक दोस्त के रिस्तेदार के घर से निकले जयचंदी पहाड़ की और। सुबह के टाइम वैसे ही पुरुलिया के इलाके में काफी ठण्ड पड़ता है इसलिये हमलोगोंने पूरा तयारी कर्क निकले थे ब्रेकफास्ट साथ में ही था। मेरे गाओ से जयचंदी की दुरी करीबन ९० किलोमीटर की है। आपको एक चीज बतादू के अगर अप्प मेजिया -साल्तोरा रोड को पकड़ के पुरुलिया जाते है थो आपको छोटे छूटे गाओ और पहाड़िया वगेरा देखने को मिलेगा। बारिस के टाइम में इसका दीदार काफी मनमोहक होता है। सालतोडा से दो रास्ते जाते है एक जयचंदी पहर की और और उसका बिपरीत दूसरा रास्ता जाता है गारपंचकोट पहाड़ी की और। रास्ते में जाते जाते एक गाओ पड़ता है जहा आपको घर की छत बनाने वाला टाली और खपरा बनता हुआ दिख जायग। इस गाओ का नाम है मुरलु। सुबह करीब १०:०० बजे हमलोग पोहोच गए जयचंदी पहाड़ के सामने। पहले कुछ ब्रेकफस्ट करने के बाद हमलोग निकले पहाड़ चरने के लिए। जयचंदी पहाड़ के सामने आपको कुछ छोटे मोठे दूकान दिखने को मिलेगा और ऊपर आपको सिरिओ से जाना होता है ऊपर जयचंदी माता के मंदिर है। हमलोग सिरिओ से जाते हुए एक टुटा हुआ लाइटहाउस भी देखा पूरा ज़माने का। ऊपर पहुँच ने के बाद जो प्राकृतिक रूप मायने देखा वह कभी भूल नहीं पाउँगा । यहा से आपको पुरुलिया के दो तीन पहाड़ देखने को मिलेगा। इस्सके ठीक बगल में ही है बड़ा पहाड़ जिसके नजदीक में ही आपको गेस्ट हाउस और चिल्ड्रन पार्क देखने को मिलेगा। अगर आप ट्रैकिंग या कैंपिंग के दीवाने है तो जयचंदी पहाड़ से बेहतर लोकेशन आपको नहीं मिलेगा। गेस्ट हाउस में आप रात को ठहर कर प्रकृति का लुफ्त उठा सकते है। यहा से नजदीकी में आपको अजोध्या पहाड़ बरांटी डैम और पहाड़ फुटियरी डैम बाँदा देओल जैसे खूबसूरत जगह आप घूम सकते है। अगर आप आसनसोल - दुर्गापुर के आस पास रहते है तो यहा से आपको ५००/- रूपए में ही जयचंदी घूमना हो जायगा बाइक में। कोलकाता आ जाते है तो आप तरीन पकड़ कर जयचंदी आ सकते है।
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