मुन्नार : केरल का सबसे खूबसूरत नगीना

Tripoto
Photo of मुन्नार : केरल का सबसे खूबसूरत नगीना by Rakesh kumar Varma

केरल को प्रकृति ने अपने सभी खूबसूरत विधाओं से नवाजा है। यहाँ पहाड़ भी हैं, हरे भरे जंगल भी हैं, हरियाली से भरे चाय के बागान भी हैं, विस्तृत समुंदर के किनारे भी हैं, कलकल करते झरने भी हैं, नदियाँ भी हैं लेकिन इन सब नगीनों में से सबसे खूबसूरत नगीना है 'मुन्नार'..मुझे पहाड़ हमेशा से खूबसूरत लगते हैं तो हमने भी मुन्नार की योजना बनाई और निकल पड़े घूमने.....

दिसंबर के महीने की शुरुआत थी, दिल्ली से सुबह की फ्लाइट पकड़कर हम तीन घंटे का सफर तय करके पहुंचे कोच्चि एयरपोर्ट पर। हमने पहले ही गाड़ी बुक कर रखी थी इसलिए बाहर पहले से ही हमारा ड्राइवर कम गाइड हमारे नाम का प्ले कार्ड लिए खड़ा था। वहाँ से हम निकल पड़े मुन्नार की सैर पर.....

Photo of मुन्नार : केरल का सबसे खूबसूरत नगीना by Rakesh kumar Varma

मुन्नार दक्षिण का स्वर्ग है। यूं तो मसूरी को पहाड़ों की रानी कहते हैं लेकिन दक्षिण के पहाड़ों की रानी का तमगा अगर किसी को मिलना चाहिए तो वो है मुन्नार..केरल के इडुक्की जिले में समुद्र तट से 1600 मी. की ऊँचाई पर स्थित मुन्नार अंग्रेजी शासनकाल में अंग्रेजों का ग्रीष्मकालीन रिजॉर्ट हुआ करता था। मुन्नार एक मलयालम शब्द है जिसका अर्थ है 'तीन नदियों का संगम'। यहाँ वो तीन नदियाँ हैं मधुरपुजहा, नल्लापन्नी और कुंडाली।

यह झरना कोच्चि से मुन्नार जाते समय हाईवे पर सड़क किनारे ही है। कलकल की शोर करता यह झरना बरबस ही आपके मन को आकर्षित करता है। यह सात सीढ़ीदार चट्टानों से बहता हुआ नीचे की ओर आता है और बहुत ही खूबसूरत लगता है। यहाँ एक प्लेटफॉर्म बना हुआ है जहाँ से खड़े होकर आप इसे निहार सकते हैं और अपने कैमरे में कैद कर सकते हैं। बगल में सडक़ किनारे ही स्नैक्स की दुकानों से आप आम और अनन्नास की पतली पतली स्वादिष्ट टुकड़ियों का आनन्द ले सकते हैं जोकि पूरे केरल में आपको हर जगह खाने को मिल जाती हैं।

Photo of चीयाप्पारा वाटरफॉल्स by Rakesh kumar Varma

थोड़ा आगे जाने पर यह झरना दिखाई देता है। वैसे तो यह झरना जंगल में है पर इसको 1000 फीट की ऊंचाई से गिरता हुआ हाईवे से ही देख सकते हैं। ट्रैकिंग के शौकीन लोग यहाँ जा सकते हैं।

Photo of Valara Waterfalls by Rakesh kumar Varma

मुन्नार से 15 किमी की दूरी पर है यह पार्क। इस नेशनल पार्क के बेस तक किसी भी साधन से, चाहे सरकारी बस या प्राइवेट कैब, कैसे भी जा सकते हैं। यहाँ टिकट लेने के बाद पार्क की ट्रांजिट बसें सभी को नेशनल पार्क के अंदर तक ले जाती हैं और फिर वापस भी बेस तक छोड़ जाती हैं। टिकट काउंटर से नेशनल पार्क तक का रास्ता बहुत ही खूबसूरत है, एक तरफ पहाड़ है तो दूसरी तरफ हरीभरी गहरी खाई। बस जहाँ छोड़ती है वहाँ से ऊपर ट्रैक करके जाना होता है और ऊपर जाने पर मुन्नार का नजारा मन मोह लेने वाला होता है। चारों तरफ हरे भरे जंगल और चाय के बागान जन्नत सा अहसास कराते हैं। यह राष्ट्रीय उद्यान 'नीलगिरी तहर' नामक बकरी की एक दुर्लभ प्रजाति का निवास स्थान है जोकि तमिलनाडु राज्य का राज्यपशु भी है। यह पार्क दुर्लभ 'नीलकुरिंजी पुष्प' का भी घर है जोकि 12 वर्षों में एक बार खिलता है।

Photo of एराविकुलम राष्ट्रीय उद्यान by Rakesh kumar Varma
Photo of एराविकुलम राष्ट्रीय उद्यान by Rakesh kumar Varma
Photo of एराविकुलम राष्ट्रीय उद्यान by Rakesh kumar Varma

अनाईमुदी पीक नीलगिरी पर्वतमाला की सबसे ऊंची चोटी है। यह केरल का गौरव है जिसकी ऊँचाई समुद्रतल से 2695 मी. है। अनाईमुदी का अर्थ है 'हाथी का मस्तक' और यह देखने में सच में हाथी के मस्तक जैसा दिखाई देता है। यह चोटी एराविकुलम नेशनल पार्क की बाउंड्री बनाती है। अनाईमुदी चोटी हिमालयन पर्वतश्रृंखला के बाद भारत की सबसे ऊंची चोटी है। यहाँ एशियाई हाथियों की सर्वाधिक जनसंख्या पायी जाती है। ट्रैकिंग के शौकिनों के लिए यह किसी जन्नत से कम नहीं है। पहाड़ी के ऊपर छायी सफेद धुंध को देखकर ऐसा लगता है जैसे किसी ने पहाड़ी के ऊपर सफेद चादर तान रखी हो।

Photo of Anamudi by Rakesh kumar Varma
Photo of Anamudi by Rakesh kumar Varma
Day 2

मुन्नार से 13 किमी. की दूरी पर है मत्तुपेट्टी डैम। मुन्नार के प्रमुख दर्शनीय स्थलों में से एक है यह डैम। आप इस मत्तुपेट्टी झील में बोटिंग भी कर सकते हैं या यहां से घने जंगलों को निहार सकते हैं।

Photo of मत्तुपेत्टी डैम by Rakesh kumar Varma

मुन्नार से चार किमी. की दूरी पर है टाटा या KDHP टी म्यूजियम। यहाँ कई प्रकार की चाय की किस्में उगायी जाती हैं। इस म्यूजियम में एक डाक्यूमेंट्री फिल्म दिखाई जाती है जिसमें मुन्नार के चाय बागानों की शुरुआत से लेकर अब तक की यात्रा का वर्णन होता है। साथ ही साथ यहाँ चाय की पत्तियों से चाय कैसे बनायी जाती है, मशीनों द्वारा दिखाया जाता है। साथ ही यहाँ एक छोटा सा टी कैफेटेरिया है जिसमें आप अलग अलग प्रकार की चाय का स्वाद ले सकते हैं। और यहाँ एक स्टोर भी है जहाँ से आप विभिन्न प्रकार की चाय की किस्मों के साथ साथ अन्य हर्बल चीजें, मसाले, केसर आदि की भी खरीददारी कर सकते हैं।

Photo of टी म्यूज़ियम by Rakesh kumar Varma

यह एक शांत और खूबसूरत जगह होने के साथ साथ एक सुंदर पिकनिक स्पॉट भी है। यह एक झील के किनारे है जहाँ बोटिंग की सुविधा भी है। झील के उस पार एक घना जंगल है। अगर आप इस तरफ से जोर से आवाज लगाएं तो आपकी आवाज झील पार खड़े जंगल के झुरमुटों से टकराकर वापस आती हैं इसीलिए इस जगह को इको प्वाइंट कहते हैं। आप यहाँ नारियल के पानी के साथ साथ अलग अलग स्नैक्स का भी मजा उठा सकते हैं। आप चाहें तो यहाँ सडक़ किनारे दुकानों से कुछ यादगार चीजें भी खरीद सकते हैं।

Photo of इको प्वाइंट by Rakesh kumar Varma

मुन्नार से 2 किमी. की दूरी पर हाईवे के किनारे ही यह रोज़ गार्डेन स्थित है। दो एकड़ में फैले इस रोज़ गार्डन में केवल गुलाब ही नहीं बल्कि दूसरे अन्य फूलों और पौधों की भी तमाम किस्में मौजूद हैं। यहाँ का नजारा बहुत ही सुंदर है। सुबह के 8 बजे से शाम के 5 बजे तक यह खुला रहता है।

Photo of रोज़ गार्डन by Rakesh kumar Varma
Photo of रोज़ गार्डन by Rakesh kumar Varma
Day 3

एडवेंचर/एम्यूजमेंट पार्क्स-

मुन्नार में कई एम्यूजमेंट पार्क्स हैं जिसमें आप विभिन्न प्रकार के फ़नी और साहसिक एक्टिविटीज़ और खेलों में भाग ले सकते हैं। हमने भी ऐसे ही एक पार्क में जाने का निश्चय किया। एक तय शुल्क अदा करके हमने कई एक्टिविटीज़ में हिस्सा लिया जिसमें रॉक क्लाइम्बिंग, रस्सी के हिचकोले खाते झूले को पार करना, घोड़े की सवारी , ऊंट की सवारी, बड़े गुब्बारे में बैठकर पानी में चलना, 5-D शो का मजा लेना, कांच के घर में चहलकदमी करना आदि शामिल थीं। आपको भी अगर कभी मौका मिले तो जरूर एक बार ऐसे पार्क में जाएं।

एलीफेंट सफारी--

आप केरल की यात्रा पर हों और हाथी की सवारी न करें ऐसा कैसे हो सकता है। हाथी केरल का राज्यपशु है। हाथी पर बैठकर रोमांचित होना, टेढ़े मेढ़े रास्तों पर चलना, उबड़ खाबड़ ढ़लानों पर चलना, ऊँचे ऊँचे पेड़ों के बीच में से गुजरना साथ ही साथ हाथी को खाना खिलाना एक लग ही अनुभव देता है। ये हाथी बाकायदा प्रशिक्षित होते हैं और कुशल महावत इनकी अच्छे से देखभाल करते हैं। केरल में बहुत सी जगहें हैं जहाँ आप हाथी की सवारी कर सकते हैं।

Photo of मुन्नार : केरल का सबसे खूबसूरत नगीना by Rakesh kumar Varma

इस तरह हमने अपनी मुन्नार की तीन दिनों की यात्रा पूरी की। केरल को यूं ही 'भगवान का अपना देश' नहीं कहा जाता। भगवान ने पूरे मन से कितनी खूबसूरती बख्शी है केरल को, यह यहाँ आकर ही जाना जा सकता है। और मुन्नार के बारे में जितना सुना था उससे कहीं ज्यादा खूबसूरत है यह। प्लेन की खिड़की से पीछे छूटते केरल को इस प्रण के साथ हमने अलविदा कहा कि 'हम फिर आएंगे'.......।

कैसा लगा आपको यह आर्टिकल, हमें कमेंट बॉक्स में बताएँ।

बांग्ला और गुजराती में सफ़रनामे पढ़ने और साझा करने के लिए Tripoto বাংলা और Tripoto ગુજરાતી फॉलो करें

रोज़ाना Telegram पर यात्रा की प्रेरणा के लिए यहाँ क्लिक करें।

Further Reads