कलावंतिन दुर्ग
कलावंतिन दुर्ग, दुनिया की सबसे ख़तरनाक जगह पर बना ये किला मुंबई के पास सहयाद्री पर्वतों में प्रबल पठार के उत्तरी किनारे पर स्थित है। ये किला समुद्र तल से 2,300 फीट की ऊंचाई पर बना हुआ है। इस किले को पुराने समय में निगरानी करने के लिए भी काम में लाया जाता था | इस किले तक पहुँचने के लिए आपको एक दिन की चढ़ाई करनी पड़ेगी जो खड़े रास्तों, चट्टानों और बिना किसी सहारे के अपने आप में काफ़ी मुश्किल है | लेकिन एक बार चोटी पर पहुँच गये तो आस पास का नज़ारा देख कर लगेगा की आप जन्नत में पहुँच गए हैं |
कहाँ है?
कलावंतिन दुर्ग के लिए ट्रेक ठाकुरवाड़ी गाँव से शुरू होता है। यहाँ पहुँचने के लिए रेल के जरिए मुंबई से पनवेल पहुँचना होता है और फिर स्टेशन के बाहर से बस पकड़नी होती है | ठाकुरवाड़ी पहुँचने में आपको एक घंटा लग जाएगा | इसके अलावा आप चाहें तो स्टेशन से निकलकर मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे की ओर पैदल निकल पड़ें जहाँ से आपको साझे में टुकटुक रिक्शा मिल जाएगा | फिर आप शेदूँग पाथा पहुँच कर एक और शेयर ऑटो लीजिए जिससे आप ठाकुरवाड़ी गाँव पहुँच जाएँगे |
कठिनाई का स्तर
इस रास्ते पर चट्टानों को काट कर सीढ़िया बनाई हुई हैं और कई जगह खड़ी चढ़ाई है इसलिए चढ़ने में और रास्ता ढूँढने में थोड़ी मुश्किल हो सकती है | हालाँकि कठिनाई का स्तर मध्यम ही है जिसके लिए बुनियादी रूप से शारीरिक स्वास्थ्य ठीक होना चाहिए | ध्यान रहे कि बारिश के मौसम में फिसलन होने की वजह से चढ़ना ज्यादा मुश्किल हो जाता है |
खुद करें या ना करें
चाहें तो इस ट्रेक की चढ़ाई खुद कर लें या किसी ट्रैवल कंपनी द्वारा बुक कर लें | अगर खुद से चढ़ाई कर रहे हों तो गूगल मैप्स का सहारा न ही लें तो बेहतर होगा क्योंकि नक्शा आपको घने जंगलों के रास्ते दुर्ग तक ले जाएगा | इसकी बजाय मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे से ऑटो लेकर शेदूँग उतर जाएँ | यहाँ उतरकर स्थानीय लोगों से ठाकुरवाड़ी का रास्ता पूछें | ये लोग आपको दुर्ग तक पहुँचने का रास्ता भी बता देंगे |
वैसे तो आप ये ट्रेक खुद से भी कर सकते हैं लेकिन अगर आप ट्रैवल कंपनी से इस ट्रेक को बुक करते हैं तो आपको जगह-जगह रुक कर रास्ता पूछने का झंझट नहीं पालना होगा और एक ग्रुप के साथ चलने से जोश भी बना रहेगा | अगर आप सोलो ट्रैवलर हैं तो हो सकता है कि आप रास्ते में चलते हुए कुछ मुसाफिर दोस्त भी बना लें | ट्रेक्स एंड ट्रेल्स इंडिया, मुंबई हायिकर्स और ट्रिप हिप्पी कुछ ऐसी कंपनियाँ हैं जो लोगों को इस ट्रेक की यात्रा करवाती हैं |
कीमत
अगर आप अकेले यात्रा कर रहे हैं तो आपका खर्च सिर्फ यहां तक पहुंचने का ही होगा जो 150 रुपये जितना कम भी हो सकता है | वहीं ट्रैवल ग्रुप आपसे 800 से 1000 रुपये ले सकते हैं | कुछ कंपनिया दुर्ग पर ही रातभर ठहरने और कैंपिंग की सुविधा भी देती हैं जिनका शुल्क कीमत में ही शामिल है |
कब करें?
अक्टूबर से मार्च जाने का सबसे अच्छा समय है। जाने के लिए मॉनसून भी सुहाना मौसम है मगर भारी बारिश के कारण पहले से ही मुश्किल रास्ता और भी ख़तरनाक हो जाता है | धूप और ऊमस की वजह से गर्मी के मौसम में चढ़ाई करने से बचे |
मार्ग
चूँकि ये केवल एक दिन की चढ़ाई है इसलिए रूट यानी मार्ग काफ़ी आसान है | आप सुबह जल्दी शुरू करके दोपहरी में मुंबई वापिस लौट भी सकते हैं |
मुंबई - पनवेल - ठाकुरवाड़ी - कलावंतिन दुर्ग
यात्रा कार्यक्रम
पहला दिन
ठाकुरवाड़ी पहुँचकर प्रबलमाची की ऊँची चढ़ाई शुरू करें | कलावंतिन दुर्ग की ओर बढ़ने से पहले आप प्रबलमाची की तलहटी पर ब्रेक ले सकते हैं और गाँव की छोटी दुकानों और रेस्तराँ में कुछ स्नैक्स का लुत्फ़ उठा सकते हैं | यहाँ से आप कलावन्तिन दुर्ग की ओर चढ़ाई शुरू कर सकते हैं | चट्टानें काट कर बनाई सीढ़ियों पर बिना रेलिंग के सहारे के चढ़ने से आपको चक्कर आ सकता है | इसलिए अगर आपको ऊँचाई से डर लगता है तो सावधान रहें | उतरते हुए भी रास्ता आसान नहीं है इसलिए अगर आपको ऊँचाइयों का डर है तो इस ट्रेक को ना करें | ऐसे में आप दुर्ग के पास ही स्थित प्रबलगढ़ का किला देख सकते हैं | वैसे तो मुंबई से दुर्ग तक का रास्ता 10 से 12 घंटे में तय किया जा सकता है मगर पूरा आनंद लेने के लिए रात में गाँव के पास ही अपने तंबू गाड़ दें |
साथ क्या लेना है?
ये केवल एक दिन का ही ट्रेक है इसलिए ज़्यादा कुछ पैक करने की ज़रूरत नहीं हैं | ट्रेकिंग या लंबी पैदल यात्रा के लिए सही जूते पहनें, प्रति व्यक्ति दो लीटर पानी ले जाएं और फल, ड्राई फ्रूट्स, एनर्जी बार जैसा सामान पैक कर लें |
क्या आपने ये ट्रेक या मुंबई के पास ऐसा ही कोई ट्रेक किया है? अपने अनुभवों के बारे में ट्रिपोटो पर लिखें और लाखों लोगों को प्रेरणा दें |
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