हैलो 👋 दोस्तों
आप सब कैसे हो में आशा करता हूं कि सब कुशलमंगल होगा। आज में आपके साथ अपना शिरडी और शनि शिंगणापुर के टूर का एक्सपीरियंस शेयर करना चाहता हूं शिरडी और शनि शिंगणापुर नाम पड़ कर आप लोग जान ही गए होंगे की में किस जगह के बारे में बात करने वाला हूं
हम पांच दोस्तो ने महाराष्ट्र गुमने का मन बनाया और हम लोग सब से पहले बठिंडा ( पंजाब) से मनमाड (महाराष्ट्र) तक ट्रेन से सफर किया हमे पहुंचने में एक दिन और दो रात का समय लगा क्योंकि बठिंडा से मनमाड की दूरी करीब 1340km है और ट्रेन से time 25 hr लगते हैं ट्रेन काम से काम 6 राज्यों से होकर जाति है लेकिन आप by air भी जा सकते हैं रात को हम लोग करीब 2बजे मनमाड जैक्शन पर पहुंचे और बहा से टैक्सी लेकर हम शिरडी की ओर चल पड़े शिरडी में रूम लाने के लिए हम सबसे पहले शिरडी साईं ट्रस्ट की जो श्री द्वारावती भक्ति निवास में गए उसको देख कर ये लग नही रहा था कि ये कोई धर्मशाला है । क्योंकि जो उसका डिजाइन था उससे लगता था जैसे कोई 5स्टार होटल हो और उसकी बुकिंग online होती है ऐसे साई ट्रस्ट की दो ओर बिल्डिंग है जिसमे हम online booking कर सकते हैं जैसे भक्त निवास ,साई आश्रम ये तीनों की बुकिंग online होती है हमने online booking नही की थी इसलिए हमे बहा कमरा नही मिला
हम लोगो ने और होटल में कमरा ले कर बहा पर फ्रेश होकर श्री शिरडी साईं बाबा दरबार में माथा टेकने चले गय और कहते है की जो भी साई बाबा जी के दर्शन कर लेता है वो कभी भी बहा से खाली हाथ नही आता है साई बाबा जी के दर्शन करने के लिए भारत के कोने कोने से लोग आते है बाबा को कलजुग का अवतार माना गया है और बाबाजी की जो मूर्ति है वो बहुत मनमोहक है बाबा समाधि है ठीक उसके पीछे एक नीम का पेड़ है उस नीम के पेड़ के नीचे बाबा साई जी ने कई सालों तक तपस्या की थी उस पेड़ का एक भी पता नीचे नही गिरने देते है मंदिर प्रशासन के लोग उस पेड़ के नीचे जाल लगा हुआ है मंदिर के बाहर का दृश्य बहुत ही सुंदर है इसके बाद हमने द्वारका माई में जाकर देखा की जहा पर पांच घर है जहा आज भी साई बाबा किसी न किसी रूप में बिख्शा मांगने आते है मंदिर के आस पास चारो ओर हरियाली और बड़े बड़े होटल है इसके बाद हम ने शिरडी में शॉपिंग की
शिरडी से फिर हम लोग शिंगणापुर जाने के लिए एक टैक्सी की शिरडी से शिंगनापुर की दुरी सिर्फ 73km है शनि शिंगणापुर जाते time हमने उन चीजों को देखा जो जिंदगी में हमने पहली बार देखा था जैसे की लकड़ी की मशीन से गन्ने का जूस निकलना उस को हमने पहली बार देखा था
शनि शिंगणापुर पहुंचने के बाद हमने सबसे पहले प्रशाद लिया और मंदिर की ओर चल पड़े मंदिर परिसर बहुत ही अच्छा और बड़ा था मंदिर के मेन गेट से ही लोगो की लंबी कतारें लगी हुई थीं हम भी उसी कतार में लग गए शनि शिंगणापुर मंदिर के बारे में सब जानते ही होंगे लेकिन फिर भी में बताना चाहता हूं की मंदिर में शनि देव जी की कोई भी मूर्ति नहीं है सिर्फ मंदिर के प्रांगण में एक शिला है जो की सकसात शनि देव ही है। उस time में भी थोड़ा जा चकित रह गया देख कर मंदिर के अंदर लिखा हुआ है की ये शिला साथ लगती नदी में तारती ही आई है और उस नदी को आज भी लोग देखने जाते है। उनने शिला पर सरसों का तेल चढ़ने के बाद शनि देव जी से प्रार्थना की की हम सब की मनोकामना पूर्ण करे और हम सब पर अपनी दया दृष्टि बनाए रखना है
जय शनि महाराज की
शनि शिंगणापुर में भी हमने शॉपिंग करने के बाद हम लोग बापिस शिरडी की ओर चल पड़े और हमने नाइट शिरडी में ही गुजरी अगले दिन की स्टोरी में आपके साथ फिर करूंगा
में आशा करता हूं की आपको ये स्टोरी पसंद आएगी।
Thanks you 🎉