कोई भी पर्यटक चाहे वह भारतीय हो या फिर विदेशी घूमने के लिए अपना समय हिल स्टेशनों पर बिताना चाहता है। क्योंकि किसी भी हिल स्टेशन की खूबसूरती और वहाँ के खूबसूरत नजारों को देख उनके रोजमर्रा की थकान को कम करने के लिए काफी महत्वपूर्ण रहता है। इसी वजह से जब भी पर्यटकों को मौका मिलता है तो वह उत्तराखंड और हिमाचल के हिल स्टेशनों को ज्यादा अहमियत देने लगते हैं। भारत में बहुत से ऐसे खूबसूरत हिल स्टेशन हैं, जिनके भारतीय ही नहीं बल्कि विदेशी भी मुरीद हैं।
विदेशी सैलानियों के मुरीद होने की वजह
जब बात आती है भारतीय खूबसूरती से विदेशियों के मुरीद होने की तो आपको बता दें कि, विदेशी सैलानी भारतीय हिल स्टेशनों को केवल दूर से निहारते ही नहीं बल्कि करीब से प्रकृति को महसूस भी करते हैं और वहाँ बैठ सुकून भरा वक्त भी बिताते हैं। कुछ विदेशी सैलानी हिल स्टेशनों में जाकर लंबी नेचर वॉक भी करते हैं और कैंपिंग और ट्रैकिंग जैसी एक्टिविटीस को भी दिल से करते हैं। भारतीय हिल स्टेशनों की हरी भरी पहाड़ियां विदेशी सैलानियों की हमेशा से ही आकर्षण का केंद्र रही हैं।
भारत के 5 खूबसूरत हिल स्टेशन जिसे देखने के लिए सैलानी ज्यादा मुरीद रहते हैं
1) नैनीताल
नैनीताल में हर साल लाखों की तादाद में विदेशी सैलानी आते हैं और यहां प्रकृति के बीच समय बिताना पसंद करते हैं। उत्तराखंड से नैनीताल की दूरी मात्र 225 किलोमीटर पर है। सैलानी यहां घूमने के साथ ही सुकून और शांति के बीच अपने तनाव को भी कम करते हैं। वैसे उत्तराखण्ड में घूमने लायक खूबसूरत जगहें बहुत सी हैं लेकिन विदेशी सैलानी नैनीताल की खूबसूरती को नजदीक से निहारने के लिए ज्यादा मुरीद रहते हैं। नैनीताल में विदेशी सैलानियों को पहाड़ों की खूबसूरती के साथ साथ वाटर स्पोर्ट्स एक्टिविटीज बहुत भाती हैं।
2) कौसानी
उत्तराखण्ड से खूबसूरत कुमाऊँ की दूरी मात्र 187 किलोमीटर है। उत्तराखंड के कुमाऊं में स्थित कौसानी बेहद खूबसूरत हिल स्टेशनों में से एक है। जिसे देखना विदेशी सैलानियों की पहली पसंद है। यहां देश ही नहीं बल्कि विदेशों से भी सैलानी घूमने के लिए आते हैं। कौसानी की खूबसूरती और प्राकृतिक सौंदर्य की वजह से इसे धरती का स्वर्ग’ कहा जाता है। यहां पर आकर विदेशी पर्यटक पहाड़ों की हरी भरी खूबसूरत हरियाली, घने जंगल, देवगार और चिड़ के वृक्षों के साथ ही झरने और नदियां देखना पसंद करते हैं। यह बेहद ही खूबसूरती से भरपूर हिल स्टेशन है, जहां आने वाले विदेशी सैलानी इसकी खूबसूरती के आगे मंत्रमुग्ध हो जाते हैं।
3) ऋषिकेश
उत्तराखण्ड से ऋषिकेश की मात्र दूरी 163 किलोमीटर है। ऋषिकेश कई प्रसिद्ध ऋषियों की तपोभूमि है और यहाँ बहुत से खूबसूरत धार्मिक स्थान भी हैं। ऋषिकेश का अध्यात्म ही विदेशी पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करके यहां ले आता है। वैसे ऋषिकेश को योग साधना के लिए जाना जाता है। यहां ऐसे कई आश्रम है, जो पूरे साल योग और ध्यान का कोर्स पर्यटकों को सिखाते हैं।
विदेशी लोग यहां योग प्रशिक्षण ध्यान आदि को सीखने के लिए आते हैं। ऋषिकेश की दूसरी खासियत इसके वाटर स्पोर्ट्स हैं। वैसे ऋषिकेश वाटर स्पोर्ट्स, खासकर राफ्टिंग के लिए भी जाना जाता है। एडवेंचर स्पोर्ट्स का लुत्फ यहां विदेशी जमकर उठाते हैं। ऋषिकेश का प्रसिद्ध खूबसूरत रामझुला देशी और विदेशियों द्वारा सबसे ज्यादा देखे जाने बाला झुला है। यही कारण है कि विदेशी सैलानी इस जगह के मुरीद हुए हैं।
4) शिलांग
वैसे तो मेघालय राज्य की राजधानी शिलांग अपने खूबसूरती के लिए जानी जाती है। लेकिन शिलांग एक ऐसा खूबसूरत पहाड़ी क्षेत्र है जहां पर हरे भरे पहाड़, झील झरने और बादलों का नीचे की ओर हवा में तैरना कई सारे ऐसे खूबसूरत दृश्य यहां आने वाले विदेशी पर्यटकों को मंत्रमुग्ध कर देता है। गुवाहाटी से लगभग 98 किलोमीटर की दूरी पर स्थित यह स्थान समुद्र तल से 1490 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। यहाँ हर साल विदेशी पर्यटक घूमते हुए नजर आ जाएंगे।
5) धर्मशाला
धर्मशाला हिमाचल प्रदेश का एक खूबसूरत शहर है। धर्मशाला के धौलाधार की दिलकश ऊंची-ऊंची पहाड़ों की खूबसूरत चोटियां जो ज्यादातर बर्फ से ढकी रहती हैं और चारों ओर हरे भरे खेत, हरियाली और कुदरती सुंदरता यहां आने वाले विदेशी पर्यटकों का मन मोह लेतीं हैं। इसीलिए धर्मशाला में ज्यादातर विदेशी पर्यटकों का जमावड़ा देखा जा सकता है।
धर्मशाला की खास बात यहां के मौसम की है जो कि कभी भी बरस जाता है। तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा के यहां आने के बाद धर्मशाला को अंतर्रष्ट्रिय स्तर पर पहचान मिली थी, जिसके बाद यहां विदेशी सैलानियों की संख्या भी बढ़ने लगी। यहां बने संग्राहलय में बड़ी संख्या में विदेशी छात्र और विदेशी पर्यटक आते हैं।
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