सिक्किम भारत के सबसे खूबसूरत राज्यों में से एक है। सिक्किम की यात्रा के बिना पूर्वोत्तर की यात्रा को अधूरा ही माना जाएगा। सिक्किम में बेहद सुंदर पहाड़, मठ और मंदिर हैं। इसके अलावा सिक्किम में बेहद सुंदर और अनदेखी झीलें भी हैं। सिक्किम की ये झीलें आपको एक अलग ही दुनिया की सैर पर ले जाएगी। झील के चारों तरफ़ बर्फ़ से ढँके पहाड़ हैं, यहाँ की ताज़ा हवा आपको दीवाना बना देगी। अगर आप सिक्किम जाते हैं तो इन झीलों की सैर ज़रूर करें।
सिक्किम की चुनिंदा झीलें:
1. गुरूडोंगमर लेक
गुरुडोंगमर झील सिक्किम के सबसे अद्भुत स्थानों में से एक है। गुरूडोंगमर लेक समुद्र तल से 5,430 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है। ये जगह हिन्दू और बौद्ध धर्म मनाने वालों के लिए बेहद पवित्र मानी जाती है। लगभग 290 एकड़ में फैली गुरूडोंगमर झील गंगटोक से लगभग 190 किमी. की दूरी पर है। सर्दियों में ये झील पूरी तरह से जम जाती है। गुरूडोंगमर लेक दुनिया की सबसे ऊँचाई पर स्थित है। अगर आप सिक्किम जाते हैं तो स्वर्ग जैसी सुंदर इस जगह पर ज़रूर जाएँ।
2. त्सोंगमो लेक
त्सोंगमो झील सिक्किम की सबसे खूबसूरत जगहों में से एक है। जब आप इस झील को देखेंगे तो इसकी सुंदर आपको दीवाना बना देगी। शायद ही आपने इससे खूबसूरत कोई जगह देखी होगी। ये झील राजधानी गंगटोक से लगभग 40 किमी. की दूरी पर है। त्सोंगमो लेक को चांगू झील के नाम से भी जाना जाता है। कहा जाता है कि इस झील में औषधि गुण हैं जिससे कई बीमारी ठीक हो जाती हैं। गर्मियों में जाते हैं तो झील के चारों तरफ फैले फूल इस जगह को और भी खास बना देते हैं। चारों तरफ बर्फ से ढंके पहाड़ और धुंध से ढंका माहौल इस जगह को और भी खास बना देता है।
3. कथोक झील
सिक्किम के दूरदराज़ इलाक़े में कई सारी झील हैं। इन्हीं शानदार झीलों में एक बेहद सुंदर लेक है, जिसे कथोक झील के नाम से जाना जाता है। कथोक झील को स्थानीय भाषा में कथोक त्शो के नाम से जाना जाता है। कथोक झील सिक्किम के युकसोम में स्थित है और राजधानी गंगटोक से लगभग 120 किमी. की दूरी पर स्थित है। इसे लामा कथोक कुंटू ज़ंगपो की आत्मा झील माना जाता है, जिन्होंने 1642 ईस्वी में इस खूबसूरत भूमि पर बौद्ध धर्म की शुरुआत की थी। उन्होंने इस झील को दिव्य प्रथाओं के लिए भगवान से जुड़ने के माध्यम के रूप में उपयोग करने के लिए पवित्र किया था। आप युकसोम जाएँ तो कथोक झील को देख सकते हैं।
4. लंपोखोरी लेक
लंपोखोरी लेक सिक्किम की सबसे पुरानी झीलों में से एक है। घने हरे देवदार के जंगलों से घिरी ये झील समुद्र तल से 4,600 फ़ीट की ऊँचाई पर स्थित है। इस लेक को अरितार झील के नाम से भी जाना जाता है। लंपोखोरी लेक गंगटोक से लगभग 70 किमी. की दूरी पर स्थित है। यदि आप बोटिंग करना चाहते हैं तो लंपोखोरी इसके लिए एकदम परफ़ेक्ट है। प्रकृति के रंगों में सरोबार लंपोखोरी का अनुभव एक बार तो लेना ही चाहिए।
5. त्सो ल्हामो झील
यदि आपको सुकून और शांति में रहना पसंद है तो सिक्किम की त्सो ल्हामो झील ज़रूर पसंद आएगी। समुद्र तल से 5,330 मीटर की ऊँचाई पर स्थित त्सो ल्हामो झील दुनिया की सबसे ऊँचाई पर स्थित झीलों में से एक है। इस झील को छो ल्हामो और चोलमू झील के नाम से भी जाना जाता है। ये झील चारों तरफ़ से बर्फ़ से ढँके पहाड़ों से घिरी हुई है और तीस्ता नदी के स्त्रोतों में से एक है। त्सो ल्हामो झील गंगटोक से लगभग 200 किमी. की दूरी पर है। यदि आपको अवसर मिले तो सिक्किम की इस झील को देखना ना भूलें।
6. खेचेओपलरी लेक
पश्चिमी सिक्किम में एक बेहद सुंदर जगह है, पेलिंग। पेलिंग से लगभग 31 किमी. की दूरी पर खेचेओपलरी लेक है। ये झील हिन्दू और बौद्ध धर्म को मानने वाले लोगों के लिए एक पवित्र स्थान है। खेचेओपलरी झील समुद्र तल से 1,700 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है। प्राकृतिक हवा और पेड़ों की खूशबू और पक्षियों की आवाज़ आपका तन मन सब साफ कर देगी और आप में नई ऊर्जा भर देगी। यहाँ से जाने के बाद आप यहाँ के नज़ारों को बिल्कुल भी नहीं भूल पाएँगे।
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