![Photo of गोवा अगर मानसून में नहीं देखा तो क्या देखा? #MonsoonYatra #TripotoHindi by Ashish](https://static2.tripoto.com/media/filter/nl/img/1299611/TripDocument/1564051851_psx_20190725_010046.jpg)
गोवा, भारत का एक खुबसूरत राज्य । सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी गोवा का आकर्षण हैं । ज़्यादातर पर्यटक कुछ वक्त पहले तक मॉनसून सत्र में आना पसंद नहीं करते थे, पर हाल ही कुछ मेरे जैसे यात्रियों के कारण कुछ स्वरुप बदल गया है । इसके पिछे कारण है तो मॉनसून में गोवा को प्राप्त होने वाली सुंदरता जो स्वर्ग सा महसूस करा देती है।
![Photo of गोवा अगर मानसून में नहीं देखा तो क्या देखा? #MonsoonYatra #TripotoHindi by Ashish](https://static2.tripoto.com/media/filter/nl/img/1299611/TripDocument/1564051533_psx_20190710_230104.jpg.webp)
ये मेरा पहला गोवा जाने का अनुभव था । बहुत सारे दोस्त और शुभचिंतकों ने मुझे मॉनसून में गोवा ना जाने की हिदायत दी पर मैं ऐसे बढ़िया मौके को गंवाना नहीं चाहता था। मैंने अपने दिल की सुनी और चल पड़ा। गोवा पहुँचने के लिए कोंकण रेलवे से सफर करने का फैसला सबसे अच्छा रहा। और अगर आपको खिड़की के बगल वाली सीट मिल जाए तो सोने पे सुहागा। बहती हवा से बातें करती ट्रेन, बारिश की बूंदों से टकराते हुए वक्राकार अनगिनत मोड़ लेती हुई, कभी सुरंग के अंदर तो कभी नदी या नालों के उपर से गुज़रते हुए पहाड़ियों के बीच से निकलती।
![Photo of Miramar, Panaji, Goa, India by Ashish](https://static2.tripoto.com/media/filter/nl/img/1299611/TripDocument/1564051550_psx_20190725_004514.jpg.webp)
गोवा में पहला दिन बारिश और सफ़र में बर्बाद हो गया। अगले दिन सुबह हमने किसी तरह पणजी पहुँचकर NTorq 125CC स्कूटर ₹700 प्रति दिन हिसाब से हमने रेन्ट पर ले लिया। ज़्यादातर लोग सिर्फ उत्तर गोवा व पुराना गोवा ही घुम कर आते हैं, लेकिन दक्षिण गोवा कुछ लोगों को ही पता है।
2 घंटे के सफर बाद हम राजबाग बीच पर पहुँचे, जहाँ तालपोना नदी समंदर में समा जाती है। मेरे जीवन का यह पहला मौका था जब मैंने नदी और समुद्र के अनोखे संगम देखा। जहाँ समंदर पर ऊँची लहरें उठ रही थी, तो नदी समंदर में धिरे से सम रही थी । राजबाग बीच साफ़, सुंदर और शांत है।
मैंने अपना रूख पालोलीम बीच कर दिया। पालोलीम बीच अपनी नैसर्गिक सौंदर्य और भव्य रेतीय तट के लिए महशूर है, साथ ही यह जगह हनीमून पर आए जोडों के लिए बेहद पसंदीदा है। समुद्री व्यंजन चखने के लिए शायद इस से कोई और जगह होगी । हम बस निकल ही रहे थे तभी अचानक बारिश कि बूंदें पड़नी लगी। हम तो मॉनसून में गोवा घूमने ही आए थे, तो बारिश से बचने का सवाल ही नहीं था।
दक्षिण गोवा का एक और अप्रतिम सौंदर्य से परिपूर्ण "द बे अगोंदा" (अगोंदा बीच) । पालोलीम से अगोंदा बीच का रास्ता अपने दोनों ओर नारियल के पेड़, चावल के भरे खेत से होता है। अगोंदा बीच अपने शांत माहौल के लिए महशूर है। अगोंदा बीच पर रात के समय अंधेरे में कछुओं के घोंसले का मैदान देख सकते हैं। बीच के निकट ही ढेर सारे रहने की जगह बेहद कम दाम पर उपलब्ध है। अगोंदा बीच मेरा सबसे पसंदीदा बीच है जिसमें से मैं अब तक होकर आया हूँ।
![Photo of Agonda, Goa, India by Ashish](https://static2.tripoto.com/media/filter/nl/img/1299611/TripDocument/1564051851_psx_20190725_010046.jpg.webp)
शाम होने से पहले हम फिर एक बार अपनी स्कूटर पर सवार कुछ टुरिस्ट टाइप जगह निकल पड़े। बस कुछ ही घंटों के सफर में हमें शायद प्यार हो गया इन रास्तों से। अनजान रास्ते भी अपने लगने लगे, मानो ठंडी ताज़ा हवा मुँह से टकराती हुई कुछ बातें करना चाहती है। हम रात के अंधेरे में साफा मस्जिद पहुँच गए, जो अपनी वास्तुकला के लिए महशूर है। यह मस्जिद भी गोअन वास्तु से प्रभावित है, जो इस वास्तु को सबसे अलग स्थान प्रदान करती है।
अगला स्थान "श्री मंगेश देवस्थान" था, मंगेशी मन्दिर या मंगेश देवस्थान गोवा के मंदिरों में सर्वाधिक प्रसिद्ध है। यहाँ अंधेरे में पहँचना थोड़ा मुश्किल है। इसलिए आपको अंधेरे से पहले पहुँचना बेहतर होगा। मगर रात के समय मंदिर रोशनी से जगमगा उठता है। गोअन वास्तु शैली और उसपर सफेद निले रंग की छोटा बेहद सुंदरता प्रदान करती है। यहाँ एक पानी का कुण्ड भी है।मंदिर के सभी स्तम्भ पत्थर के बने हैं और इसके मध्य में एक भव्य दीपस्तंभ भी है। शायद बिना इस मंदिर के दर्शन किए लौटना आपकी यात्रा अपूर्ण रह जायेगी ।
![Photo of Shri Mangesh Temple Parking Lot, Mardol, Goa, India by Ashish](https://static2.tripoto.com/media/filter/nl/img/1299611/TripDocument/1564053049_psx_20190719_230953.jpg.webp)
![Photo of Shri Mangesh Temple Parking Lot, Mardol, Goa, India by Ashish](https://static2.tripoto.com/media/filter/nl/img/1299611/TripDocument/1564053051_psx_20190719_232752.jpg.webp)
गोवा के गिरजाघर लगभग सोलहवीं शताब्दी में निर्मित किए गए। द अवर लेडी ऑफ द इमैक्यूलेट कॉन्सेप्ट चर्च गोवा की राजधानी पणजी में स्थति एक खूबसूरत चर्च हैं। इस चर्च को औपनिवेशिक पुर्तगाली बारोक शैली में एक पहाड़ी के किनारे पर चैपल के रूप में सन 1541 में बनाया गया था। पणजी में बहुत अधिक दूरी से इस गिरजाघर की घंटाघर को देखा जा सकता हैं। चर्च को सफेद रंग से रंगा गया हैं, जोकि देखने में मनमोहक लगता हैं। रात के समय चमचमाती हुई रोशनी इसकी खूबसूरती में चार चांद लग जाते हैं।
हमारे पास आखिर दिन गोवा घूमने के लिए सिर्फ 4 से 5 घंटे थे, क्योंकि दुपहर 3.10 को हमें वास्को डा गामा से अपनी ट्रेन पकड़नी थी। सुबह होटल में नाश्ता करने बाद लगभग 1 बजे हम चेक आउट करके निकल गए।
हम दोना पौला पहुँचे जहा सिंघम फिल्म का एक द्रुश्य फिल्माया गया था। तब से यह पर्यटक के बीच आकर्षण का केंद्र रहा है। हम जब भी बाहर घुमने निकल पड़े होते तभी अचानक बारिश शुरू हो जाती।
पणजी स्टीट आर्ट कुछ दिन पहले ही पुरा होगया। जहाँ विश्वस्तर के कलाकारों ने भाग लिया और पणजी की गलियों को रंगों से रंगीन बना दिया। इनमें से कुछ मेरे पसंदीदा चित्र है जो हमेशा मेरे भितर रहेंगी।
![Photo of गोवा अगर मानसून में नहीं देखा तो क्या देखा? #MonsoonYatra #TripotoHindi by Ashish](https://static2.tripoto.com/media/filter/nl/img/1299611/TripDocument/1564053255_psx_20190725_013432.jpg.webp)
फोनटेनहास पणजी में एक पुराना लैटिन क्वार्टर है। यह अपने पुर्तगाली प्रभाव को बनाए रखता है, विशेष रूप से इसकी वास्तुकला के माध्यम से, जिसमें कई यूरोपीय शहरों में पाए जाने वाले संकीर्ण और सुंदर घुमावदार सड़कें शामिल हैं, पुराने विला और इमारतों में पीले, हरे या नीले, और छतों की पारंपरिक टोन में चित्रित बालकनियों को चित्रित किया गया है। फॉनटेनहस की विरासत परिवेश क्षेत्र में पारंपरिक पुर्तगाली प्रभाव का प्रतिनिधित्व करता है। अगर आप कभी युरोप की सैर की है तो फोनटेनहास आपको वहाँ की याद ज़रूर दिलायेगा। बारिश में भीगी सड़कें थोड़ी धुप खिलने बाद चमक जाती।
![Photo of गोवा अगर मानसून में नहीं देखा तो क्या देखा? #MonsoonYatra #TripotoHindi by Ashish](https://static2.tripoto.com/media/filter/nl/img/1299611/TripDocument/1564053299_psx_20190725_153129.jpg.webp)
सुबह के बस 10 बज गए थे और हम गोवा के सबसे महशूर और महत्त्वपूर्ण जगह पहुँच गए। बेसिलिका ऑफ़ बोम जीसस गिरजाघर रोमन कैथोलिक जगत में अपना महत्वपूर्ण स्थान रखता है।
बेसिलिका ऑफ़ बोम जीसस गिरजाघर चार दशक पुर्व निर्मित किया गया जो अब यूनेस्को द्वारा विश्व विरासत स्थल सूची में शामिल है। यह सबसे अधिक लोकप्रिय और सबसे अधिक सम्मानित गिरजाघर हैं, जिन्हें दुनिया भर के ईसाई मानते हैं।
![Photo of गोवा अगर मानसून में नहीं देखा तो क्या देखा? #MonsoonYatra #TripotoHindi by Ashish](https://static2.tripoto.com/media/filter/nl/img/1299611/TripDocument/1564053329_psx_20190719_130235.jpg.webp)
![Photo of गोवा अगर मानसून में नहीं देखा तो क्या देखा? #MonsoonYatra #TripotoHindi by Ashish](https://static2.tripoto.com/media/filter/nl/img/1299611/TripDocument/1564053331_psx_20190719_215937.jpg.webp)
कुछ दुरी पर सेंट केथेड्रल, सेंट फ्रांसिस आँफ असिसी व गोवा आर्कियोलॉजिकल संग्रहालय स्थित है, जो गोवा पर हुए पोर्तुगाल प्रभाव को समझने में मदद करती है।
![Photo of गोवा अगर मानसून में नहीं देखा तो क्या देखा? #MonsoonYatra #TripotoHindi by Ashish](https://static2.tripoto.com/media/filter/nl/img/1299611/TripDocument/1564053367_psx_20190719_225509.jpg.webp)
पुराने गोवा में बाइकिंग का मजा ही कुछ और है। आपको मनमोहन सड़कें, हरी भरी झाड़ियाँ तो कहीं मांडोवी नदी दिखाई देगी। जो किसी विडियो गेम मे सैर-सपाटा मारने जैसा अनुभव आपको प्रदान करेगा। बारिश में फिर एक बार भिग कर हम "किस्मूर" रेस्तरां में कुछ समुद्री व्यंजन चखने बैठ गए। जहाँ हमने गोअन फिश थाली चखी। स्वाद ऐसा था कि हम अपना दिल फिर एक बार दे बैठे।
जितना हमने सोचा था गोवा उससे भी अधिक भा गया। और मेरे ख्याल से गोवा को सच में जानना है तो ज़रूर मॉनसून में ही आना ।