![Photo of मोंगपोंग: बंगाल का प्राकृतिक गाँव जो घुमक्कड़ों की नज़रों से बचा हुआ है by Deeksha](https://static2.tripoto.com/media/filter/nl/img/1787859/TripDocument/1605799496_2016_5957fb8fdf6e9dblachung_mountain_village.jpg)
कभी-कभी लगता है घुमक्कड़ी भी उसी भाग-दौड़ वाली ज़िन्दगी की तरह हो गई है। हर इंसान चाहता है कि वो ज़्यादा से ज़्यादा जगहों को देख ले। हर शहर, हर राज्य की सीमाओं को जान ले। लेकिन इस सबकुछ देख लेने की दौड़ में असल घुमक्कड़ी कहीं पीछे छूट जाती है। ऐसा करने से हम खाली होने लगते हैं और हमारे अंदर एक तरह की थकान भर जाती है। उस थकान को मिटाने के लिए हम अक्सर किसी शांत जगह पर जाना चाहते हैं। शायद कोई ऐसी जगह जिसके बारे में ना किसी ने पहले सुना होगा और ना ही देखा होगा। ऐसी ही जगह है बंगाल का मोंगपोंग गाँव।
मोंगपोंग के बारे में
सिलीगुड़ी से 45 मिनट की दूरी पर बसा ये छोटा-सा गाँव तीस्ता नदी के किनारे पर स्थित है। अगर आप डूअर्स टूरिज्म सर्किट पर घूमने जा रहे हैं तो मोंगपोंग गाँव आपका पहला पड़ाव होगा और इसी वजह से इसे डूअर्स इलाके का प्रवेश द्वार भी कहा जाता है। मोंगपोंग की बात करें तो ये गाँव प्रकृति प्रेमियों के लिए किसी जन्नत से कम नहीं है। शांत और सुंदर होने साथ-साथ मोंगपोंग की पहचान प्राकृतिक गाँव के तौर पर भी होती है। प्राकृतिक गाँव यानी यहाँ होने और बनने वाली हर एक चीज इको-टूरिज्म को ध्यान में रखकर की जाती है। पर्यावरण को किसी भी तरह का नुकसान ना हो इसके लिए ख़ास तरीके इस्तेमाल किया जाते हैं।
![Photo of मोंगपोंग: बंगाल का प्राकृतिक गाँव जो घुमक्कड़ों की नज़रों से बचा हुआ है 1/4 by Deeksha](https://static2.tripoto.com/media/filter/nl/img/1787859/TripDocument/1605796260_mongpu_2.jpg)
गाँव बेहद खूबसूरत है। तीस्ता नदी सिक्किम से लगभग 200 किमी. का लंबा पहाड़ी सफर करके मोंगपोंग पहुँचती है और गाँव में अलग-अलग हिस्सों में बंट जाती है। असल मायनों में ये गाँव उसी किनारे पर बसा हुआ है। सिलीगुड़ी से गाँव तक आने का रास्ता मोहक नज़ारों से भरा हुआ है। गाँव आने के लिए एक पुल पार करना होता है जिसमें ब्रिटिश आर्किटेक्चर की झलक दिखाई देती है। मोंगपोंग की एक और खास बात है। गाँव से पूर्वी हिमालय और तेज़ बहती तीस्ता नदी का शानदार नज़ारा दिखता है जिसकी खूबसूरती को शब्दों में बता पाना मुश्किल है।
डूअर्स के बारे में
नेपाली और बंगाली भाषा में डूअर का मतलब होता है दरवाज़ा। अगर आप भूटान और उत्तरी बंगाल के हिल स्टेशनों की सैर करना चाहते हैं तो डूअर्स इलाका आपके लिए एंट्री प्वॉइंट की तरह होगा। एक समय पर यहाँ कुल 18 रास्ते हुआ करते थे जिससे भूटान और भारत के लोग आपस में व्यापार करते थे। डूअर्स का पूरा क्षेत्र 2 हिस्सों में बंटा हुआ है। इसके एक भाग को बंगाल डूअर्स और दूसरे भाग को असम डूअर्स के नाम से जाना जाता है। ये इलाका चाय के बागान, वाइल्डलाइफ, जंगल और तीस्ता नदी के लिए जाना जाता है और अगर आप नेचर के करीब रहकर कुछ पल बिताना चाहते हैं तो इस इलाके से बढ़िया जगह नहीं मिलेगी।
क्या देखें?
गाँवों की एक अच्छी बात होती है। यहाँ आकर ज़िन्दगी की रफ़्तार धीमी पड़ जाती है और ऐसा ही आपको मोंगपोंग में भी मिलेगा। इस सुंदर गाँव में लोगों को ना कहीं जाने की जल्दी है और ना ही कुछ करने की। इसलिए यहाँ आराम से ग्रामीण जीवन को नज़दीक से देखा जा सकता है। मोंगपोंग में घूमने के लिए कई जगहें हैं। ऐसा लगता है मानो प्रकृति ने इस गाँव के ऊपर भर-भरकर प्यार बरसाया है।
1. महानंदा वाइल्डलाइफ सैंक्चुरी
![Photo of मोंगपोंग: बंगाल का प्राकृतिक गाँव जो घुमक्कड़ों की नज़रों से बचा हुआ है 2/4 by Deeksha](https://static2.tripoto.com/media/filter/nl/img/1787859/TripDocument/1605796785_mahananda_wildlife_sanctuary.jpg)
ये सैंक्चुरी तीस्ता और महानंदा नदियों के बीच बसी हुई है। ये वो जगह है जहाँ आकर तीस्ता नदी अलग-अलग हिस्सों में बंट जाती है और एक तरह से मोंगपोंग गाँव इसी सैंक्चुरी के किनारे पर बसा हुआ है। ये सैंक्चुरी तरह-तरह के पक्षियों का घर है और दिन के समय ये जगह पक्षियों की चहचहाहट से गुलज़ार रहती है। सैंक्चुरी में पक्षियों की बहुत-सी प्रजातियाँ हैं जिन्हें आपको देख लेना चाहिए। इसमें कुछ प्रवासी पक्षी भी शामिल हैं। अगर आपको बर्ड वॉचिंग करना पसंद है फिर ये जगह आपको बहुत पसन्द आएगी।
2. तीस्ता नदी
शायद ही कोई ऐसा घुमक्कड़ होगा जिसको नदी किनारे कैंपिंग करना पसंद नहीं आएगा। लेकिन अगर आप तीस्ता नदी के किनारे कैंपिंग करने का सोच रहे हैं तक थोड़ा संभल जाना चाहिए। ये नदी उत्तरी सिक्किम में बसी त्सो लहमो झील से शुरू होती है। ये झील बंगाल और सिक्किम के बीच लक्षण रेखा का काम करती है। शुरू में तीस्ता नदी का बहाव इतना तेज़ होता है और इसके पास जाना बहुत खतरनाक होता है। आखिर में ये नदी ब्रह्मापुत्र नदी में मिल जाती है। तीस्ता पर आप बहुत से रोमांचक खेलों का मज़ा ले सकते हैं जिनमें व्हाइट वॉटर राफ्टिंग और रिवर क्रॉसिंग जैसी चीजें शामिल हैं।
3. चपरामारी वाइल्डलाइफ सैंक्चुरी
ये सैंक्चुरी बंगाल के सबसे फेमस अभ्यारण्यों में से है। अगर आपको वन्य जीवों और पौधों से प्यार है तो आपको इस सैंक्चुरी से बेहतर जगह नहीं मिलेगी। सैंक्चुरी कई तरह के पक्षियों का घर है जिनमें ग्रीन पिजन, पीफाउल, हॉर्नबिल जैसे पंछी शामिल हैं। इसके साथ ही ये सैंक्चुरी बंगाली टाइगर का राजसी ठिकाना भी है। सैंक्चुरी में बहुत से रेप्टाइल भी हैं। अगर आपने मतिया डैम का नाम सुना है तो ये सैंक्चुरी उससे थोड़ी ही दूरी पर है। हाथी, लैपर्ड, हिमालई लंगूर जैसे जानवरों के लिए मशहूर ये सैंक्चुरी नेशनल हाईवे 31 पर स्थित है।
4. कलिमपोंग-कुर्सियांग-दार्जिलिंग
![Photo of मोंगपोंग: बंगाल का प्राकृतिक गाँव जो घुमक्कड़ों की नज़रों से बचा हुआ है 3/4 by Deeksha](https://static2.tripoto.com/media/filter/nl/img/1787859/TripDocument/1605797329_kalimpong.jpg)
जो लोग सोचते हैं बंगाल में केवल दार्जिलिंग ही एक हिल स्टेशन है उन्हें कलिमपोंग और कुर्सियांग की सैर करनी चाहिए। पहाड़ों के क्षितिज पर बसा ये शानदार हिल स्टेशन समुद्र तल से 4000 फीट की ऊँचाई पर है। कम शब्दों में कहें तो अगर आप बंगाल की परंपराओं से वाकिफ होना चाहते हैं तो आपको कलिमपोंग आना चाहिए। यहाँ पर मिलने वाले ऑर्किड के फूलों की दुनियाभर में अलग पहचान है। मोंगपोंग की तरह कलिमपोंग में भी कई राष्ट्रीय उद्यानों और रिजर्व फॉरेस्ट हैं जिन्हें देखने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं।
दार्जिलिंग से केवल 30 किमी. दूर बसा कुर्सियांग उन हिल स्टेशनों में से है जिसके बारे में बहुत कम लोग जानते हैं। ये जगह दार्जिलिंग जाने वाले रास्ते में पड़ता है इसलिए ज़्यादातर लोग यहाँ रुकना नहीं पसंद करते हैं। जब आप यहाँ रुककर कुछ दिन गुजारेंगे तब आपको पता चलेगा ये जगह कितनी खूबसूरत है। कुर्सियांग की कल्पना अंग्रेज़ों ने की थी। पहाड़ियों के बीच बसी इस जगह की सबसे मशहूर चोटी डॉव हिल यहाँ आने वाले पर्यटकों के बीच काफी मशहूर है। इस पहाड़ के साथ कई भुतहा कहानियाँ भी जुड़ी हुई हैं।
हिल स्टेशनों की बात करें तो कुछ हिल स्टेशन ऐसे हैं जिनकी लोकप्रियता केवल भारत में ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में फैली हुई है। इसी में से एक हिल स्टेशन है दार्जिलिंग। दार्जिलिंग पश्चिम बंगाल का सबसे जाना-माना हिल स्टेशन है जिसकी खूबसूरती की चर्चे दूर-दूर तक हैं। चाहे ब्रिटिश शासन हो या आज का समय, दिलकश नजारों से सजी ये जगह हमेशा से ख़ास रही है।
कब जाएँ?
पहाड़ी इलाकों की एक ख़ास बात होती है। आप साल के किसी भी समय इन जगहों पर आ सकते हैं और क्योंकि मोंगपोंग सभी तरफ से खूबसूरत पहाड़ों से घिरा हुआ है इसलिए यहाँ का मौसम सालभर खुशनुमा बना रहता है। सर्दियों में तो ये जगह हरियाली से भर जाती है। इस समय के दौरान आस-पास के पहाड़ों पर बर्फबारी होती रहती है इसलिए आप चाहें तो उसका भी मज़ा ले सकते हैं। मैदानी इलाकों की भीषण गर्मी से बचने के लिए आप चाहें तो गर्मियों में भी मोंगपोंग आ सकते हैं। लेकिन यहाँ आने का सबसे सही समय सितंबर से मार्च का होता है।
कैसे पहुँचें?
मोंगपोंग दार्जिलिंग के बेहद नज़दीक है इसलिए यहाँ आने में आपको ज़्यादा दिक्कत नहीं होगी। मोंगपोंग आने के लिए आपको सबसे पहले न्यू जलपाईगुड़ी पहुँचना होगा। न्यू जलपाईगुड़ी आने के लिए आपको सभी शहरों से आसानी से बस, ट्रेन या फ्लाइट मिल जाएगी।
![Photo of मोंगपोंग: बंगाल का प्राकृतिक गाँव जो घुमक्कड़ों की नज़रों से बचा हुआ है 4/4 by Deeksha](https://static2.tripoto.com/media/filter/nl/img/1787859/TripDocument/1605797924_img_3382.jpg)
फ्लाइट से: बागडोगरा एयरपोर्ट मोंगपोंग से सबसे नजदीकी एयरपोर्ट है जो भारत के सभी प्रमुख शहरों से अच्छी तरह जुड़ा हुए है।
ट्रेन से: ट्रेन से आने के लिए निकटतम रेलवे स्टेशन न्यू जलपाईगुड़ी स्टेशन है जहाँ से मोंगपोंग पहुँचने के लिए आपको बस या टैक्सी का सहारा लेना होगा।
बस से: न्यू जलपाईगुड़ी से मोंगपोंग जाने के लिए आपके पास बसों के कई विकल्प हैं। उत्तर बंगाल राज्य परिवहन निगम और भूटान परिवहन की सरकारी बसें इनमें सबसे बढ़िया विकल्प हैं। इसके अलावा अगर आप चाहें तो जलपाईगुड़ी से प्राइवेट टैक्सी या मिनी बसों से भी पहुँच सकते हैं। नेशनल हाईवे 31 गुवाहाटी और सिलीगुड़ी के बीच से होकर गुजरता है जिसके रास्ते भी आप मोंगपोंग आ सकते हैं। इस 30 किमी. लंबे रास्ते को तय करने में आपको काफी समय लग सकता है इसलिए बेहतर होगा आप न्यू जलपाईगुड़ी से निजी कैब लेकर मोंगपोंग पहुँचें। न्यू जलपाईगुड़ी से मोंगपोंग जाने में केवल 45 मिनट का समय लगता है।
क्या आपने बंगाल के किसी हिल स्टेशन की यात्रा की है? अपनी यात्रा का अनुभव शेयर करने के लिए यहाँ क्लिक करें।
रोज़ाना वॉट्सएप पर यात्रा की प्रेरणा के लिए 9319591229 पर HI लिखकर भेजें या यहाँ क्लिक करें।