दोस्तों, बचपन में आपने दादी-नानी से परियों की कहानियां तो आपने जरूरी पढ़ी और सुनी होगी। सभी कहते हैं कि परियां बहुत ही सुंदर होती हैं और जिन पर मेहरबान हो जाएं उसे धनवान बना देती हैं। इंसानों से इनके प्रेम के किस्से भी बताएं जाते हैं। इसलिए किस्सों की दुनिया से आगे निकलते हुए एक ऐसी जगह की ओर चलते हैं जहाँ पर आज भी लोग परियों और वनदेवियों के होने का दावा करते हैं। वैसे दुनिया में ऐसे कई रहस्य छुपे हैं, लेकिन जरूरी नहीं है कि जिन्हें हम काल्पनिक समझ रहे हो वह वाकई में झूठ ही हो। दरअसल इंसान की प्रवृत्ति ही ऐसी है कि जब तक उसे किसी बात पर कोई पुख्ता सबूत नहीं मिलता वह उसे झूठ ही समझता है। इसलिए आज हम आपको बताते हैं भारत के उस जगह के बारे में जो परियों के देश के नाम से फेमस हैं और जिसे परियों का देश कहा जाता है।
खैट पर्वत कहाँ है?
खैट पर्वत को परियों का देश कहा जाता है। यह पर्वत टिहरी गढ़वाल में स्थित हैं। खैट पर्वत समुद्र तल से करीब 10000 फ़ीट की ऊंचाई पर है। ये पर्वत रहस्यमयी घंनसाली इलाक़े में स्थित थात गांव से क़रीब 5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। खैट पर्वत किसी जन्नत से कम नहीं है। कहते हैं यहाँ आज भी लोगों को अचानक से परियों के दर्शन हो जाते हैं इस पर्वत के बारे में उत्तराखंड में कई किंवदंतियां और कहानियां फैली हुई हैं। वहाँ के लोकल गढ़वाली भाषा में कहा जाता है कि इस पर्वत पर आंछरी निवास करती हैं। दरअसल, परियों को गढ़वाली भाषा में आंछरी ही कहा जाता है। इसीलिए इस पर्वत को परियों का देश भी कहा जाता है।
गांव की रक्षा करती है परियां?
खैट पर्वत के सबसे नजदीक थात गांव स्थित है। कहा जाता है कि इस खैट पर्वत पर सनातन काल से परियां निवास करती हैं। यहाँ पर आस-पास और भी कई गांव स्थित है ऐसी मान्याता है कि परियां इन सभी गांवों की रक्षा करती हैं। यहाँ के रहने वाले लोगों का ऐसा मानना भी है कि कई बार लोगों को यहाँ पर परियों के दर्शन भी हुए हैं। ऐसा भी माना जाता है कि परियों को अगर कोई पसंद आ जाता है तो वह उसे अपने साथ ले जाती है।
सुंदरता से भरपूर है खैट पर्वत
खैट पर्वत खूबसूरती के मामले में किसी जन्नत से कम नहीं है। परियों का देश के नाम से मशहूर इस पर्वत की खूबसूरती मानों परियों जैसी ही दिखती है। चारों तरफ हरियाली, हजारों किस्म के फल और फूल इसकी खूबसूरती में चार चांद लगाने का काम करते हैं। खैट पर्वत परियों के साथ ही लहसुन और अखरोट के लिए भी बहुत ही प्रसिद्ध है। सबसे बड़ी हैरानी की बात है कि इस पर्वत पर कोई भी लहसुन और अखरोट नहीं उगाता है। यह अपने आप ही उग जाते हैं।मानसून के समय इस जगह की खूबसूरती चरम पर होती है। यह पर्वत हर समय बादलों से ढका रहता है।
रहस्यमयी गुफा और मंदिर
दोस्तों, खैट पर्वत के पास स्थित थात गांव से लगभग 5 किलोमीटर दूरी पर खैटखाल नाम का प्रसिद्ध मंदिर स्थित है। जहाँ पर परियों की पूजा की जाती है। इस मंदिर में हर साल जून के महीने में मेला भी लगता है। यहाँ पर एक रहस्यमयी गुफा भी है जिसके अंत का आज तक किसी को पता नहीं चल पाया है। इस स्थान का संबंध महादेव द्वारा अंधकासुर और देवी द्वार शुंभ निशुंभ के वध से भी जोड़ा जाता है। यह प्रसिद्ध खैट पर्वत उत्तराखंड में रोमांच के साथ घूमने के लिए एकदम अच्छी जगहों में से एक है। यहाँ पर आपको परियां मिले या न मिले लेकिन यह स्थान किसी परिलोक की यात्रा से कम नहीं है।
क्या खैट पर्वत घूमने जा सकते हैं?
दोस्तों, अगर अब आपका सवाल यह है कि क्या खैट पर्वत घूमने के लिए जा सकते है? तो ऐसे में आपको बता दूं कि खैट पर्वत के आसपास स्थित गांव या फिर करीबी इलाकों में आप घूमने के लिए बिल्कुल जा सकते हैं, लेकिन खैट पर्वत की सबसे ऊंची चोटी पर चढ़ाई करना नामुमकिन है। यहाँ स्थित पहाड़ इतने खतरनाक है कि कोई भी यहाँ जाने की हिम्मत तक नहीं करता है। और मानसून के समय में खैट पर्वत पर जाना मौत को गले लगाने के बराबर होता है और अगर आप यहाँ जाना चाहते हैं तो इस पर्वत के करीबी गांव या वहाँ के करीबी इलाकों में जाकर घूम सकते हैं। और खैट पर्वत को करीब से निहार सकते हैं।
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