
कल फोन पे मैं अपने मामा जी से बात कर रहा था और बात करते करते हम कोलकाता के पर्यटक स्थलों के बातो तक कब पहुंच गए हमें कुछ पता तक नहीं चला।मामा ने मुझे वहां के बहुत जगहों के बारे में बताया पर मुझे एक जगह ने काफी अपने ओर आकर्षित किया। वो था कोलकाता का चाइना टाउन ,मेरा मतलब कोलकाता में लगने वाला "तिरेती बाजार"।


मामा जी से बात कर के मुझे पता चला कि कोलकाता का नाम बदलता रहा हैं कुछ समय से।
मामा जी ने फोन पे मेरे से कहां-कालीकट ,कलकत्ता और कोलकाता समय चक्र में कोलकाता के नाम बदलते रहे पर नहीं बदला तो उनका मस्तमौला की तरह घुमक्कड़ी का अंदाज और तुम्हारे जैसे घुम्मकड़ के लिए कोलकाता के प्रति इतना प्यार।
मामा जी ने मेरे से बताया कि कोलकाता में कई ऐसी जगह घूमने की या देखने की है, जहाँ साधारण सैलानी नहीं जाते या ये हम कह सकते है कि ये जगह उनके लिए साधारण है क्योकि टूरिज्म सरकार इस जगह पर ध्यान नहीं देती । सिर्फ विक्टोरिया, कालीघाट और एक दो जगह ही कोलकाता का प्रतिबिम्ब बनकर रह गयी है।


बातों बातों में मुझे पता चला कि तिरेती बाजार का इतिहास काफी पुराना है। गूगल बाबा से जानकारी लिया तो पता चला कि बिर्टिश साम्राज्य के दौरान करीब 20000 चाइनीज काम करने आये थे। हालांकि अब इनकी जनसंख्या काफी कम हो चुकी है लेकिन खत्म नहीं हुई है।
तिरेती बाजार कोलकाता के प्रमुख व्यवसयिक स्थल में से एक है । रविवार को यहाँ चीनी लोगो का बाजार या हाट लगता है ।जहा प्रसिद्ध चीनी खाने -पीने के व्यंजन आपको मिल जायेगे ।यह जगह न केवल अच्छे चीनी भोजन परोसता है, बल्कि स्थानीय चीनी अप्रवासी समुदाय की विरासत को भी सुरक्षित रखता है। 1780 के दशक के शुरू में कोलकाता में बसने के बाद, चीनी-भारतीय आबादी ने ऐतिहासिक रूप से शहर के व्यंजनों को परिभाषित करने में एक प्रमुख भूमिका निभाई और उसी का प्रमाण है कि वह चीनी-भारतीय नाश्ता परोसते हैं।इस नाश्ते के बाजार में परोसा जाने वाला सबसे लोकप्रिय आइटम स्टीम्ड मोमो (चिकन, पोर्क, समुद्री भोजन और सब्जियां) है। स्टीम्ड मोमो को सूप के साथ परोसा जाता है और तले हुए को सॉस के साथ परोसा जाता है।प्रसिद्ध मोमोज के अलावा, इस नाश्ते की गली में स्वादिष्ट होथों से बनाएं गए सॉसेज, भरवां बन्स, पोर्क रोल भी मिलते हैं। यहां सुबह 5 बजे से परोसा जाता है नाश्ता। इसके अलावा यहाँ दो चीनी बुध मन्दिर भी है, जहाँ रविवार को खास पूजा होती है ।
तिरेती बाजार का लैंडमार्क है डलहौजी स्क्वायर मील । यहां से पोद्दार न्यायाल और कोलकाता सुधार ट्रस्ट (उन्नयन भवन) से ओर जाने के लिए रास्ता है। इसी रास्ते पर आगे जाकर चाटवाली लेन है, जिसके आप सीधे अंदर जा सकते हैं।




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