हड्डियाँ जमाने वाली ठंड से मुठभेड़ करके आगे बढ़ने वाले पर्वतारोहियों की दास्तान लोगों को प्रेरित कर देती हैं | रिकॉर्ड कायम करने के लिए देश के कोने-कोने से लोग आकर पहाड़ों की चोटियाँ नापते हैं | लेकिन एक कुत्ता भी चोटियाँ नापने के मिशन में पीछे नहीं हैं, ये जानकर आपको कैसा लगेगा ?
एक नेपाली कुत्ते ने एक अभियान दल के साथ दोस्ती कर ली और पीछे-पीछे 23,000 फीट तक हिमालय की ऊँचाई पर चढ़ गया | 23,389 फीट की ऊँचाई पर माउंट एवरेस्ट के दक्षिण में बारुन्से शिखर को नापने वाला ये पहला कुत्ता भी है और अपने आप में पहले कारनामा भी |
सिएटल के एक माउंटेन गाइड, डॉन वारगाओस्की, काठमांडू के एक समिट क्लब का नेतृत्व कर रहे थे | पीक से लौटते समय उनकी टीम की मुलाकात इस कुत्ते से हुई |
कुत्ता तिब्बती मास्टिफ और हिमालयन शीपडॉग का मिक्स ब्रीड है जो मिस्टर वारगाओस्की के साथ काफ़ी घुल मिल गया था | बाद में इस कुत्ते ने तीन सप्ताह तक यात्रा में टीम के पीछे चलता रहा और 9 नवंबर, 2018 को टीम के साथ बारुन्से शिखर सम्मेलन में पहुँच गया |
हिमालयन डेटाबेस, एक संगठन जो नेपाल में चढ़ाइयों का ब्यौरा दर्ज करते हैं, इसके बीर्लिंग ने आउटसाइड मैगज़ीन को बयान दिया " नेपाल में किसी पर्वत की चोटी को फ़तह करने वालों में पहले कभी किसी कुत्ते का ज़िक्र नहीं सुना | मैं बस उम्मीद करता हूँ कि बिना परमिट के बारुन्से चढ़ने के लिए ये कुत्ता मुसीबत में ना पड़ जाए। ”
शेरपाओं ने भी इस कुत्ते की चढ़ने की काबिलियत को सराहा है | मौत के कई बार करीब होने के बावजूद ये कुत्ता चढ़ाई करने से पीछे नहीं हटा |
इंसानों की ही तरह कुत्ते भी पर्वतों की ऊँचाई पर थकान, सिरदर्द और उल्टी जैसी तकलीफ़ों से ग्रसित हो जाते हैं | सौभाग्य से, इस नेपाली कुत्ते की बनावट ऊँचाई पर चढ़ने के लिए सही थी |
अभियान के बेस-कैंप मैनेजर काजी शेरपा ने इस कुत्ते को गोद ले लिया है और बारुन्से चोटी के बाद इसका नाम बारू रखा है।
हमसे रोज़ यात्रा करने की प्रेरणा लें | 9599147110 नंबर को सेव करके व्हाट्स एप पर मेसेज करें |
यह आर्टिकल अनुवादित है | ओरिजिनल आर्टिकल पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें |