मध्यप्रदेश में पक्षी प्रेमियों के लिए है स्वर्ग है ये जगह! 5-10 नहीं, दिखेंगे 180 तरह के पंछी

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भारत का दिल कहा जाने वाला मध्यप्रदेश हमारे देश में पर्यटन के लिहाज़ से एक अलग ही पहचान रखता है। अनेक धर्मों की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत का समावेश आपको इस अद्भुत राज्य में देखने को मिल जायेगा। आम तौर पर मध्यप्रदेश, असंख्य स्मारक, जटिल नक्काशीदार मंदिर, स्तूप, किले और महलों के लिए जाना जाता है। लेकिन वहीं इन सबसे हटकर मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल को 'झीलों की नगरी' के तौर पर भी जाना जाता है। अब भोपाल शहर की खूबसूरती किसी से छिपी नहीं है लेकिन आज हम आपको भोपाल में स्थित एक ऐसी जगह के बारे में बताने वाले हैं जहाँ आप कुदरत की कुछ खूबसूरत कलाकारियों के अद्भुत दृश्य देख सकते हैं। यहाँ आपको 5-10 नहीं बल्कि करीब 170-180 रंग-बिरंगे प्रवासी और देशी पक्षी देखने को मिल सकते हैं और इन पंछियों के अलावा भी यहाँ देखने के लिए बहुत कुछ है। तो चलिए बताते हैं आपको इसके बारे में पूरी जानकारी...

भोज वेटलैंड

आम तौर पर भोपाल शहर ऊपरी झील (Upper lake) व निचली झील (Lower lake) के लिए जाना जाता है। इन्हीं में से जो ऊपरी झील है उसका निर्माण 11वीं सदी में राजा भोज ने करवाया था और करीब 36 वर्ग किमी की अपर लेक जिसे भोजताल भी कहते हैं उसी के पास ही स्थित है लोअर लेक जिसे छोटा तालाब भी कहा जाता है। इन दोनों जलाशयों से मिलकर बनता है भोज वेटलैंड जो की एक रामसर स्थल भी है। आपको बता दें कि रामसर स्थल के लिए रामसर अभिसमय अंतराष्ट्रीय तौर पर बेहद महत्वपूर्ण वेटलैंड या आद्रभूमि जो कि विशेष तौर पर जलप्रवाही पशु पक्षियों के प्राकृतिक निवास के लिए जानी जाती हैं, उनके सरंक्षण के लिए की गयी एक अंतराष्ट्रीय संधि है। भोपाल की इस वेटलैंड में हर साल करीब 170-180 प्रजातियों के करीब 30 से 40 हज़ार प्रवासी पक्षी यहाँ आते हैं।

इसके अलावा भी आप इस झील में सादा नाव की सवारी और मोटर बोट की सवारी के साथ कुछ शानदार प्राकृतिक नज़ारों का आनंद, ताज़ी व ठंडी बहती हवाओं के साथ भी ले सकते हैं।

यहाँ दिखने वाले प्रवासी पक्षी

जैसा कि हमने आपको बताया कि यहाँ हर साल करीब 170 से 180 प्रजातियों के हज़ारों पक्षी आया करते हैं और इन प्रजातियों में से कुछ विशेष प्रजातियों के नाम हैं-

लार्ज कॉर्मोरेंट, साइबेरियन स्टोन चैट, कॉमन शिफचैफ,गल, ब्लैक हेडेड गल, पर्पल हेरॉन, यूरेशियन कूट, स्पॉट बिल्ड डक, लेसर व्हिसलिंग डक , यूरेशियन राइनेक, ग्रे लेग्ड गूज बर्ड्स, ब्लैक हेडेड आइबिस, ग्लॉसी आइबिस, रेड स्टार्ट, कॉमन स्निप जैसे पक्षियों के साथ ही रेड नेप्ड आइबिस, नॉर्दर्न शॉवेलर, कॉमन टील, रेड क्रेस्टेड पोचार्ड, कॉमन पोचार्ड, ब्लैक हेडेड आइबिस, ब्लू थ्रोट, लेसर व्हाइट थ्रोट, ग्रीन सैंडपाइपर, पेंटेड स्टॉर्क, ब्राउन हेडेड, रेड नेप्ड आइबिस, नॉर्दर्न शॉवेलर, कॉमन टील, ब्लैक हेडेड बंटिंग जैसी अनेकों प्रजातियां।

अब अगर आप इन सभी प्रजातियों को न भी जानते हों तो भी बस इतना समझ लीजिये कि पक्षी प्रेमी और प्रकृति प्रेमियों के लिए यह जगह वास्तव में किसी स्वर्ग से कम नहीं है।

इसके अलावा क्यों है भोज वेटलैंड खास?

जैसा कि हमने आपको बताया कि यह विश्व के कुछ चुनिंदा रामसर स्थलों में से एक तो है ही इसके साथ ही पर्यटन की दृष्टि से भी यह एक बेहतरीन स्थान है। आपको बता दें कि हमारे देश में जितने भी रामसर वेटलैंड्स हैं उनमे से सबसे आसानी से पहुँच सकने वाली आद्रभूमियों में भोज वेटलैंड शामिल हैं। इसके साथ ही आपको यहाँ झील के चारों ओर खूबसूरत सड़क भी दिखेगी जिससे आप झील के चारों ओर के सुन्दर नज़ारों का आनंद ड्राइव करते हुए भी ले सकते हैं।

आपको बता दें कि सिर्फ पंछियों के लिए ही नहीं बल्कि यह वेटलैंड अन्य कई पौधों जैसे मैक्रोफाइट्स, फाइटोप्लांकटन व अनेक जीवों ज़ोप्लांकटन, मछली की अनेक प्रजातियों, कई तरह के कीड़ों और सरीसृपों के लिए जानी जाती है। इसीलिए जब भी आप यहाँ जाते हैं यह शानदार जगह आपको बिलकुल भी निराश नहीं करेगी।

यहाँ जाने का बेस्ट समय

वैसे तो भोपाल शहर में स्थित इन झीलों की सैर आप साल में किसी भी समय करेंगे तो आपको अच्छा ही लगने वाला है। लेकिन अगर आप इन पंछियों को देखने के हिसाब से जा रहे हैं तो आपको नवंबर महीने से फरवरी महीने के बीच भोज वेटलैंड की यात्रा प्लान करनी चाहिए। इस समय आपको देशी के साथ हज़ारों विदेशी पक्षी भी यहाँ आसानी से मिलेंगे। इसके अलावा आपको बता दें कि यहाँ जाने का सबसे अच्छा समय सुबह और शाम के समय का होता है। इसी वजह से आप हो सके तो सुबह जल्दी 6-7 बजे या फिर शाम को 4 बजे बाद यहाँ जाने का प्लान कर सकते हैं।

यहाँ कैसे पहुंचे?

मध्यप्रदेश राज्य की राजधानी होने की वजह से आपको भोपाल पहुँचने में किसी भी तरह की कोई परेशानी नहीं आने वाली। यहाँ पहुँचने के लिए आप हवाई,रेल या फिर सड़क मार्ग में से कोई भी विकल्प चुन सकते हैं। भोपाल इन तीनों मार्गों द्वारा पूरे देश के सभी बड़े शहरों से अच्छी तरह जुड़ा है। भोपाल पहुँचने के बाद आप आसानी से कोई भी ऑटो या बस वगैरह के साथ भोज वेटलैंड पहुँच सकते हैं। यहाँ पहुँचने के लिए आप बड़ा तालाब या छोटा तालाब के लिए ऑटो या बस ले सकते हैं। उसके अलावा अगर आप खुद के वाहन से जाना चाहते हैं तो आसानी से गूगल मैप को फॉलो करके यहाँ पहुँच सकते हैं। भोपाल रेलवे स्टेशन से भोज वेटलैंड की दूरी करीब 8 किलोमीटर की है।

भोपाल रेलवे स्टेशन से भोज वेटलैंड

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तो अगर आप भोपाल में या आस-पास हैं या फिर भोपाल जाने का प्लान कर रहे हैं तो इस सुकून भरी जगह प्राकृतिक खूबसूरती को हज़ारों पंछियों के साथ निहारने जरूर जाएँ। इससे जुडी जो भी जानकारी थी हमने आपसे इस लेख के माध्यम से साझा करने की कोशिश की है। अगर आपको ये जानकारी अच्छी लगी तो प्लीज इस आर्टिकल को लाइक जरूर करें और ऐसी ही अन्य जानकारियों के लिए आप हमें फॉलो भी कर सकते हैं।

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