मरचोई वैली: कश्मीर की एक बेहद सुंदर घाटी, जिसके बारे में कम लोगों को पता है

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Photo of मरचोई वैली: कश्मीर की एक बेहद सुंदर घाटी, जिसके बारे में कम लोगों को पता है by Rishabh Dev

कश्मीर किसी पहचान का मोहताज नहीं है। सभी लोग ये मानते हैं कि धरती में अगर कहीं स्वर्ग है तो वो सिर्फ कश्मीर में है। यही वजह है कि हर कोई कश्मीर की सुंदरता को देखने के लिए बार-बार आते हैं। हरे-भरे घास के मैदान, आसमान को छूते पहाड़ और दूर तक फैली वादियां। ये कश्मीर की खूबसूरती की पहचान है। कश्मीर की कुछ जगहें तो बहुत फेमस हैं तो कुछ जगहें ऐसी हैं जिनके बारे में बहुत कम लोगों को पता है। कश्मीर में एक ऐसी ही जगह है, मरचोई वैली।

मरचोई वैली कश्मीर के गाँदेरबल जिले के नारानाग क्षेत्र में आती है। इस घाटी में एक बेहद खूबसूरत ट्रेक है जिसे मरचोई ट्रेक के नाम से जाना जाता है। इस ट्रेक को नारानाग-मरचोई ट्रेक भी कहते हैं। समुद्र तल से 10,500 फीट की ऊँचाई पर स्थित मरचोई का ट्रेक कश्मीर के सबसे आसान ट्रेक में से एक माना जाता है। 18 किमी. लंबे इस ट्रेक को आप 3-4 दिन में आराम से कर सकते हैं। इस ट्रेक को कैसे करें, कब जाएँ? पूरी जानकारी हम आपको दे देते हैं।

ट्रेक रूट:

दिन 1

श्रीनगर पहुँचे

मरचोई वैली पहुँचने के लिए आपको सबसे पहले श्रीनगर पहुँचना होगा। आप श्रीनरगर हवाई और रेल मार्ग दोनों से पहुँच सकते हैं। श्रीनगर के लिए आपको देश के बड़े-बड़े शहरों से फ्लाइट आराम से मिल जाएगी। इसके अलावा सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन जम्मू और उधमपुर है। श्रीनगर पहुँचने के बाद आप श्रीनगर को देख सकते हैं और थोड़ा आराम भी कर सकते हैं।

दिन 2

श्रीनगर से नारानाग

अगले दिन सुबह नाश्ता करने के बाद नारानाग के लिए निकल पड़िए। नारानाग श्रीनगर से 50 किमी. की दूरी पर है। आप श्रीनगर से नारानाग जाने कि लिए शेयर टैक्सी ले सकते हैं या फिर कैब बुक कर सकते हैं। रास्ते में आपको खूबसूरत नजारे देखने को मिलेंगे। घास के सुंदर मैदान और बर्फ से ढंके पहाड़ आपका दिन बना देंगे। आप कुछ ही घंटे में नारानाग पहुँच जाएँगे। नारानाग को देखिए और रात में यहीं आराम करिए।

दिन 3

नारानाग से दुमैल

मरचोई वैली का ट्रेक नारानाग से ही शुरू होता है। अगले दिन अपना ट्रेक का सारा सामान लेकर चल पड़िए दुमैल की ओर। ट्रेक के शुरूआत में आपको नारानाग मंदिर मिलेगा। उसके बाद आप चीड़ के जंगलों से होकर गुजरेंगे। नारानाग से दुमैल गाँव की दूरी 4-5 किमी. है। अगर आपको ट्रेकिंग का अनुभव नहीं है तो आपको काफी थकावट महसूस होगी। दुमैल गाँव पहुँचने के बाद यहाँ अपने टेंट लगा लीजिए और सुंदर नजारों के मजे लीजिए।

दिन 4

दुमैल से मरचोई वैली

दुमैल गाँव से अगले दिन नाश्ता करने के बाद आगे बढ़ना शुरू कर दीजिए। दुमैल समुद्र तल से 2,400 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है। दुमैल से मरचाई वैली का ट्रेक 8 किमी. है। मरचोई वैली पहुँचने में लगभग 5-6 घंटे का समय लगेगा। ट्रेक के दौरान रास्ते में घास के मैदान और चीड़ के जंगल मिलेंगे। मरचोई वैली पहुँचने के बाद आपको दिल थामने वाला नजारा दिखाई देगा। मरचोई वैली में आप टेंट लगाकर रात गुजारेंगे। मरचोई समुद्र तल से 3,200 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है।

दिन 5

मरचोई से नारानाग

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जिस रास्ते से मरचोई वैली गए थे, उसी रास्ते से वापस लौटना है। मरचोई से नारानाग 12 किमी. है। जंगलों और घास के मैदान पार करते हुए आप नारानाग पहुँच जाएँगे। नारानाग पहुँचने में कम से कम 6-7 घंटे का समय तो लगेगा ही। नारानाग पहुँचने के बाद आप आराम करके अगले दिन श्रीनगर के लिए निकल सकते हैं या उसी दिन श्रीनगर जा सकते हैं।

कब जाएँ?

मरचोई ट्रेक कश्मीर के उन चुनिंदा ट्रेक में से एक है जिसे आप सर्दियों में भी कर सकते हैं। मरचोई वैली का ट्रेक करने का सबसे बेस्ट टाइम अक्टूबर से दिसंबर तक का माना जाता है। इस दौरान आपको हरियाली काफी देखने को मिलेगी। अगर आप स्नो ट्रेक करना चाहते हैं तो दिसंबर से फरवरी के बीच का प्लान बनाएँ।

सुझाव:

1- अगर आप नेटवर्क जोन चाहते हैं तो अपने साथ बीएसएनएल की सिम जरूर रखें।

2- अपने साथ पासपोर्ट और आधार कार्ड ले जाना न भूलें।

3- इसके अलावा ट्रेकिंग का सामान और गर्म कपड़े भी रखें।

4- आपको अपने साथ फर्स्ट ऐड किट जरूर रखनी चाहिए।

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