Malana - Oldest Democracy of the World

Tripoto
28th Mar 2019
Photo of Malana - Oldest Democracy of the World by Pratima Bali
Day 1

3 days Trip to Malana village in Himachal Pradesh from Delhi..

Budget 20 - 25 K

Persons 4

Time November

Tour Delhi to Kullu

Journey : Road Trip

Distance 550 Km

We did Overnight Journey from Delhi to Kullu town through road travel by HRTC Volvo Bus last year. Till Chandigarh it was smooth but as soon we entered the Himachal , hilly travel started with the sharp curves . So it is best to finish your dinner as soon as possible. Somewhere in Haryana on the way. So that you can start falling asleep to avoid the hill sickness. We were 4 of the family members.

Reached Kullu town early morning around 8 A.M. Checked in Hotel Ramnik near Dhalpur Ground Kullu. This ground is famous for Kullu Dusshera . Kullu is an upper valley district of Himachal Pradesh. Surrounded with lush green valley, Devadar Forests and settled in both sides of the bank of river Beas. Kullu town is district headquarter of. Famous Manali town is also part of it. which is approx 30 km away from Kullu through famous national highway . Fondly being called the Manali to Leh National highway. Kullu town is a warm and cosy place. Enriched with many temples and infrastructures. Local bazaars are amazingly good and serve vast variety of stuff. You name it and just have it. Akhada Bazar, Ramishila and Sarwary are the famous shopping market places. People from all around the valley come here to shop for major events of Life. Throughout the day we explored the market , visited famous Bhoot Nath Temple near river bank and ate yummy street food. Including delicious momos to Mouth watering chaats and decent lunch at Annapurna restaurant at Akhara Bazar.. Some shopping done by us at Bhutico Handloom center and ended the day beautifully.. At ease with homely and neat atmosphere of Hotel Ramanik. Staff was extremely helpful and friendly.. Felt kind of home there.. Actual it is more of a guest House than a hotel.

Photo of Malana, Himachal Pradesh, India by Pratima Bali
Photo of Malana, Himachal Pradesh, India by Pratima Bali
Photo of Malana, Himachal Pradesh, India by Pratima Bali
Photo of Malana, Himachal Pradesh, India by Pratima Bali
Photo of Malana, Himachal Pradesh, India by Pratima Bali
Photo of Malana, Himachal Pradesh, India by Pratima Bali
Photo of Malana, Himachal Pradesh, India by Pratima Bali
Photo of Malana, Himachal Pradesh, India by Pratima Bali
Photo of Malana, Himachal Pradesh, India by Pratima Bali
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Day 2

कुल्लू जिले में पार्वती घाटी से थोड़ा हटकर करीब दस हज़ार फ़ुट की ऊंचाई पर एक बेहद प्राचीन गांव है मलाणा। इस गाँव के लोग ख़ुद को सिकंदर का वंशज मानते हैं। कहते हैं कि हिंदुस्तान से लौटते वक्त सिकंदर की सेना इतनी थक गई थी कि कुछ सैनिकों ने मलाणा में ही रुकने का फ़ैसला कर लिया। मलाणा पहुँचकर इस कहानी पर मुझे थोड़ा यक़ीन भी हुआ। वहाँ के लोगों के नैन-नक़्श घाटी के बाक़ी लोगों से अलग लगे। उनकी भाषा है कनाशी जो कि कुल्लूवी से बिल्कुल अलग है। बाहरी लोगों को ये अछूत मानते हैं, यही नहीं अगर उनके मंदिर को कोई छू दे तो भारी भरकम जुर्माना भी वसूलते हैं।

मलाणा को दुनिया का सबसे प्राचीन लोकतंत्र कहा जाता है। यहाँ की आय का मुख्य स्रोत है यहाँ उगाई जाने वाली चरस, जिसे मलाणा क्रीम कहते हैं और इसके क़द्रदान दुनियाभर में हैं । विदेशी ख़ासकर इज़रायलियों का यहां अच्छा ख़ासा जमावड़ा रहता है।

मलाणा के बारे में बहुत सी रहस्यमयी कहानियाँ मैंने सुनी थी। लेकिन मलाणा के आराध्य जमलू देवता यानि जमदग्नि ऋषि में मलाणा वासियों की अटूट आस्था से इस गाँव में मेरी दिलचस्पी बढ़ गई।

हम तुरंत गाड़ी से वहाँ जाने के लिए तैयार हो गए। कुल्लू के पास भुंतर से मलाणा के लिए रास्ता कटता है। पार्वती वैली का नज़ारा बेहद ख़ूबसूरत है। जरी के बाद पार्वती घाटी को छोड़कर मलाणा की तरफ जाने वाला रास्ता काफी दुर्गम था लेकिन यात्रा सुरक्षित और बेहद रोमांचकारी रही। मलाणा पहुँचने के लिए डेढ़ घंटे का ट्रेक अनिवार्य है।

मलाणा से लौटकर हम कसोल होते हुए मणिकर्ण भी गए जो कि हिंदुओं और सिक्खों दोनों का पवित्र स्थल है। रात को मणिकर्ण से हम कुल्लू वापिस आ गए।

Day 3

सुबह आंख देर से खुली। आज वापसी का दिन था। हमने मनाली से एक इनोवा गाड़ी भाड़े पर मंगवा रखी थी । वो हमें चंडीगढ़ छोड़ने को 5000 रुपये में तैयार हुई। उनको एयरपोर्ट से अपनी सवारी मनाली लानी थी। इसलिये वो 5000 में मान गए। संजय कटोच नाम के हँसमुख इंसान ख़ुद अपनी गाड़ी चला कर आजीविका चलाते हैं। हमने वापिसी का सफर बहुत एंजॉय किया। मंडी के आसपास एक जगह पर नाश्ता किया। रास्ते मे रुक रुक प्राकृतिक नज़ारों का आनंद लिया। हिमाचल की प्यारी और ठंडी वादियों को निहारा। जो आते समय हम रात का सफर होने के कारण नही देख पाये थे। रास्ते में सुंदर नगर जगह मन को भा गई। शाम को 5 बजे चण्डीगढ़ पहुंच गए। वहाँ से कुछ खा पी कर हम ने सीधे दिल्ली के लिये बस पकड़ ली।

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