मैं इस साल कहीं घूमने नहीं गया, क्या मुझे इस बात का मलाल है?

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Photo of मैं इस साल कहीं घूमने नहीं गया, क्या मुझे इस बात का मलाल है? by Rishabh Dev

यात्रा बहुतों के लिए बोरिंग, अकेलापन और बेमतलब की चीज हो सकती है लेकिन मेरे लिए ये एक नशा है। नशा जो मुझे सुकून देता है। घुमक्कड़ी ही है जिसने मेरी जिंदगी को कभी न खत्म होने वाला मकसद दिया है। अब मैं जो भी सोचता हूँ वो घूमने से जरूर जुड़ा होता है लेकिन अब कुछ ऐसा हो गया है कि मेरी जिंदगी से यात्रा बहुत दूर चली गई है। मैं इस साल कहीं घूमने नहीं जा पाया हूँ। इसकी वजह मुझे बताने की जरूरत नहीं है। मैं आखिरी बार ऋषिकेश और उससे पहले केदारकंठा के ट्रेक पर गया था। तब से घुमक्कड़ी मेरी जिंदगी से चली-सी गई है।

ऐसा नहीं है कि मेरे अंदर से घुमक्कड़ी का कीड़ा निकल गया है। अब भी मेरे जेहन में हर वक्त घुमक्कड़ी ही चलती रहती है। मन करता है कि अभी किसी जगह पर पुराने वक्त की तरह निकल जाऊँ लेकिन अब कुछ दुश्वारियाँ हैं जिन्होंने मुझे घूमने से रोक दिया है। एक महामारी ने मेरी जिंदगी को बदलकर रख दिया। इसने हर किसी के प्लान कैंसिल किए हैं, मेरे तो जाने कितने प्लान कैंसल किए हैं। अब धीरे-धीरे लोगों ने घूमना शुरू कर दिया है लेकिन मैं फिर भी पूरे साल कहीं घूमने नहीं गया हूँ। क्या मुझे इस बात का मलाल है? आपको भी ये सवाल खुद से पूछना चाहिए कि इस साल न घूमने का आपको कितना मलाल है?

1- प्लान कैंसिल

मैंने साऊथ इंडिया की 10 दिन की सोलो ट्रिप प्लान की थी जिसमें कोट्टायम, मदुरै, रामेश्वरम और कन्यापुरी जैसी जगहें शामिल थीं। मैं दक्षिण भारत कभी नहीं गया था, सोचा था कि इसकी हसरत पूरी हो जाएगी। मैंने हर जगह आने-जाने के लिए ट्रेन में रिजर्वेशन भी कर लिया था, बस उस तारीख का इंतजार करना था लेकिन ऐसा हो नहीं पाया। उससे पहले इस दुनिया पर एक कहर टूट पाया और सभी की तरह मुझे भी अपना प्लान कैंसिल करना पड़ा। काॅलेज के कुछ दोस्तों ने गोवा ट्रिप प्लान की थी वो तो नाॅर्मल दिनों में भी कैंसल हो जाती है तो इसमें तो कैंसल होनी ही थी। इस वजह से मुझे इस साल न घूमने का मलाल है।

2- सब सही होता तो?

मैं जब अपने दोस्तों से बात करता हूँ और उनको अपनी परेशानी बताता हूँ कि मैं इस साल कहीं नहीं घूम पाया। उन्होंने मुझे कहा कि सब सही होता तब भी तुम इस समय नहीं घूम पाते। तुम्हारी नौकरी होती तो तुम घूमने पर नहीं काम पर ध्यान देते। अभी हम सभी के पास जाॅब नहीं है इसलिए हर समय घूमने के बारे में सोच रहे हैं। जब मैंने इस पर सोचा तो मुझे भी लगा कि मैं बहुत ज्यादा नहीं घूम पाता लेकिन कुछ तो घूम पाता न? इस साल तो मैं कहीं भी नहीं घूम पाया।

3- फैमिली के साथ टाइम

मुझे नहीं याद कि मैं आखिरी बार इतने लंबे समय तक घर पर कब रहा था? पहले सिर्फ घर आना कुछ ही दिनों के लिए होता था। इस बार घर आया तो वापस जा ही नहीं पाया। कुछ दिन एडजस्ट करने में दिक्कत हुई लेकिन फिर फैमिली के साथ वक्त बिताना अच्छा लगने लगा। उनके साथ बचपन में घूमने गई जगहों के बारे में फोटोज को देखकर याद किया। परिवार के साथ वक्त बिताना अच्छा लगने लगा। इस वजह से घूमने नहीं गया तो इतना ज्यादा मलाल नहीं हुआ क्योंकि परिवार के साथ था। दोस्तों से भी बात हुई तो उन्होंने भी बताया कि जब फैमिली के साथ रहते हैं तो घूमने के बारे में ख्याल भी नहीं आता है।

4- घूमने की प्लानिंग

इस साल घूमने नहीं गया तो उसका उपयोग मैंने घूमने पर ही किया। पहले जब मैं घूमने जाता था तो अचानक घूमने निकल जाता था बिना किसी प्लानिंग के। अब मुझे कहाँ जाना है? कैसे जाना है?कब जाना है? पूरी प्लानिंग अच्छे-से कर ली है। कुछ अनछुई जगहों के बारे में भी मैंने पता किया है जैसे कि अरूणाचल प्रदेश का आलो, मध्य प्रदेश का महेश्वर और चंदेरी और कश्मीर का दक्षुम। इन जगहों को मैंने अपनी बकेट लिस्ट में जोड़ लिया है। इन जगहों पर बजट में कैसे जाया जाए? इसको भी अच्छे से प्लान कर लिया है।

5- पैसों की सेविंग

लगातार घूमने में दिक्कत ये होती है कि पैसे की बचत नहीं हो पाती है। जिससे घूमने में काफी परेशानी होती है। रूकने के लिए कमरा भी बड़े हिसाब से लेना पड़ता है। इस साल मैं कहीं घूमने नहीं जा पाया। जिससे एक बड़ा फायदा ये हो गया कि मैंने काफी पैसे सेव कर लिए हैं जो मेरे घूमने के काम आएंगे। ये पैसे मेरी कई ट्रिप के लिए फायदेमंद साबित होंगे। इसलिए ये साल घूमने के लिहाज से कुछ हद तक सही भी रहा है। फिर भी मैं इन पैसों को अच्छे-से और सही से खर्च करूंगा। जहाँ जरूरत होंगे वहीं पैसे खर्च करने चाहिए। समझदार घुमक्कड़ फिजूलखर्ची नहीं करता है।

6- अपनी सेहत, अपने हाथ

कुछ महीनों से लोगों ने घूमना शुरू कर दिया है। जब मैं उन लोगों की फोटोज देखता हूँ तो मेरा भी मन करता है कि अब बहुत हो गया, घूमने निकला जाए। फिर एक मन में डर आ जाता है कि स्वास्थ्य बेहद जरूरी है, घुमक्कड़ी तो बाद में भी हो जाएगा। दोस्तों ने भी समझाया कि जान है तो जहान है। मैंने भी खुद को समझाया कि जब इतने महीने कहीं घूमने नहीं गया तो कुछ महीने और इंतजार किया जा सकता है। ऐसा डर होने में कोई बुराई भी नहीं है। देर से ही सही अगर आपके अंदर घुमक्कड़ी का कीड़ा है तो वो जरूर शुरू होगी।

7- इन जगहों पर नहीं जा पाया

इस साल मैं जिन महीनों में घूमने नहीं जा पाया। उन महीनों में कुछ स्थानीय जगहें ऐसी हैं जो कुछ त्यौहारों के लिए फेमस हैं। जिसमें से होली के लिए बृज और कुछ पहाड़ी त्यौहार भी हैं जिनको मैं नहीं देख पाया। इसी तरह कुछ जगहें हैं जो मैं सिर्फ कुछ दिनों में ही जा सकता था जैसे कि फूलों की घाटी। वहाँ फूल सिर्फ जुलाई से सितंबर के बीच होते हैं लेकिन मैं वहाँ नहीं जा पाया। जिसका मुझे बहुत ज्यादा मलाल है। इसके अलावा मैं कुछ जगहों पर नहीं जा पाया क्योंकि वहाँ किसी न किसी वजह से लोगों का जाना बैन था।

मैं इस साल नहीं घूम पाया। जिसका मुझे कुछ हद तक मलाल है और कुछ हद तक नहीं भी। अगर आप भी इस साल घूमने नहीं जा पाए तो कमेंट बाॅक्स में उस बारे में बताएं।

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