वीकेंड आ गया और बिल्कुल भी समझ में नहीं आ रहा क्या करें? वीकेंड में हर कोई कुछ-न-कुछ करना चाहता है, कोई घूमना चाह रहा तो कोई आराम करना। पर हर बार तो आराम नहीं किया जा सकता न। इसलिए वीकेंड को मज़ेदार व यादगार बनाने के लिए मैं लखनऊ शहर से केवल 200 किलोमीटर दूर बसी कुछ ख़ूबसूरत जगहों के बारे में बताने जा रहा। हर जगह को अपनी 2-3 दिन की छुट्टी में बहुत आराम से घूम सकते हो।
1. देवा शरीफ़, उत्तरप्रदेश।
लखनऊ से 25 किलोमीटर दूर बाराबंकी में स्थित है। इस जगह को पूरे विश्व में ‘हाजी वारिस अली शाह’ के कारण जाना जाता है। यह एक मुस्लिम इलाका होने के बावजूद भी यहाँ के लोग हिन्दू त्यौहार होली को बहुत धूमधाम से मनाते हैं। इसके अलावा यहाँ बनाए गए स्मारकों पर की गई नक्काशी का कोई जवाब नहीं।
कितना दूर - 25 किलोमीटर लखनऊ से।
कैसे जाएँ - लखनऊ से बस से 45 से 1 घण्टे के सफ़र में आप देवा शरीफ़ पहुँच जाएँगे।
कब जाएँ - दिन में किसी भी समय (पर जब पूरा चाॅंद निकला हो तो वो बेस्ट समय है)।
2. अयोध्या, उत्तरप्रदेश।
अयोध्या का नाम तो आप लोग हर थोड़े समय में टीवी पर सुन ही लेते होंगे, अयोध्या इस लिस्ट में सबसे विवादित जगहों में से एक है। काफ़ी दशकों से इस जगह को लेकर विवाद है। इन विवादों के परे बात करें तो अयोध्या भगवान राम की जन्मभूमि मानी जाती है और यहाँ पर पर्यटक आकर ज़िन्दगी के बहुत से रंग और आध्यात्म को महसूस कर पाते हैं। यहाँ पर देखने के लिए बहुत सारे प्राचीन मन्दिर हैं।
कितना दूर - 135 किलोमीटर लखनऊ से।
कैसे जाएँ - लखनऊ से ट्रेन या बस से।
कब जाएँ - वर्ष के अक्टूबर से मार्च महीने।
3. प्रयागराज (इलाहाबाद), उत्तरप्रदेश।
उत्तरप्रदेश में बीजेपी सरकार द्वारा ‘इलाहाबाद’ के नाम को उसका पुराना नाम देने का जब फ़ैसला लिया गया तब जो लोग इस जगह को जानते नहीं थे वह भी जान गए। उत्तरप्रदेश का सबसे बड़ा शहर प्रयागराज जो वाराणसी से कुछ ही दूरी पर है। इस शहर को त्रिवेणी संगम यानि (यमुना, गंगा और सरस्वती के मिलन) के लिए जाना जाता है। यहाँ पर लोग पुनर्जन्म की प्राप्ति के लिए आते हैं।
कितना दूर - लखनऊ से 200 किलोमीटर दूर।
कैसे जाएँ - लखनऊ से ट्रेन या बस से।
कब जाएँ - वर्ष के अक्टूबर से मार्च महीने।
4. चित्रकूट, उत्तरप्रदेश।
चित्रकूट उत्तरप्रदेश का एक छोटा-सा शहर है। चित्रकूट पूरे विश्व में भगवान राम, उनकी पत्नी जानकी और उनके भाई लक्ष्मण द्वारा 14 वर्ष के वनवास में से 11 वर्ष और 6 महीने यहाँ व्यतित करने के कारण प्रसिद्ध है। चित्रकूट में भगवान राम, देवी सीता और लक्ष्मण जी के अलग-अलग मन्दिर बने हैं और साथ ही भगवान राम के रुकने के स्थान का भी पुनर्निर्माण किया गया है।
कितना दूर - लखनऊ से 233 किलोमीटर दूर।
कैसे जाएँ - लखनऊ से ट्रेन या बस से।
कब जाएँ - वर्ष के जुलाई से मार्च महीने।
5. पन्ना, मध्यप्रदेश।
मध्यप्रदेश का छोटा-सा शहर पन्ना- ‘मध्यप्रदेश का दिल’ जिसको कभी गोंद के लिए जाना जाता था। पन्ना भारत की एकमात्र जगह है जहाँ पर हीरो को इकट्ठा किया जाता है। पन्ना पूरे विश्व में ‘पन्ना नेशनल पार्क’ के लिए जाना जाता है जो वाइल्डलाइफ़ को बचाने की कोशिश कर रहा है। जो विश्व के हेरिटेज की लिस्ट में शुमार है।
कितना दूर - लखनऊ से 288 किलोमीटर दूर।
कैसे जाएँ - लखनऊ से ट्रेन या बस से।
कब जाएँ - वर्ष के नवम्बर से मई महीने।
6. दुधवा नेशनल पार्क, उत्तराखण्ड।
दुधवा इण्डो-नेपाल के बॉर्डर पर स्थित है जो अपनी वाइल्डलाइफ़, बायोडाइवर्सिटी और प्राकृतिक ख़ूबसूरती के लिए जाना जाता है। यहाँ पर अलग-अलग प्रकार के जानवर और 400 से भी ज़्यादा पक्षियों की प्रजातियाॅं देखने को मिलेंगी। इन लोगों ने यहाँ घूमने आ रहे लोगों के लिए दुधवा के अन्दर ही मिनी सफ़ारी, बस और जीप का इन्तज़ाम कर रखा है। यहाँ की एक ख़ास बात यह भी है कि यहाँ पर घूमने के लिए आप हाथी पर जा सकते हैं, जिसके साथ आपको एक गाइड भी मिलेगा।
कितना दूर - लखनऊ से 215 किलोमीटर दूर।
कैसे जाएँ - लखनऊ से ट्रेन या बस से।
कब जाएँ - वर्ष के दिसम्बर से अप्रैल महीने।
7. नेशनल चम्बल वाइल्डलाइफ़ सेंचुरी, उत्तरप्रदेश।
आगरा से 1 घण्टे की दूरी पर स्थित नेशनल चम्बल वाइल्डलाइफ़ सेंचुरी जो यहाँ पर मिलने वाले ख़तरनाक जानवरों के कारण जानी जाती है। परन्तु यहाँ मिलने वाला घड़ियाल, लाल कछुआ, गंगेटिक डॉल्फ़िन, इण्डियन स्किमर्स आदि बहुत से जानवरों के कारण प्रसिद्ध है। यह सेंचुरी इण्डिया की सबसे साफ़ नदी ‘चम्बल नदी’ के किनारे है। यह जगह आपको शहर के शोर-शराबे से दूर प्रकृति के पास ले जाएगा और आपको वाइल्डलाइफ़ लवर बना देगी।
कितना दूर - लखनऊ से 260 किलोमीटर दूर।
कैसे जाएँ - लखनऊ से ट्रेन या बस से।
कब जाएँ - वर्ष के किसी भी महीने।
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