मेरे जीवन में पहाड़ी इलाकों ने बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है। बचपन में परीक्षा के बाद हो या जवानी में ब्रेकअप के बाद या फिर शहरी कामकाज के बाद राहत की सांस लेने के लिए, पहाड़ हमेशा से ही मेरा पसंदीदा थेरेपी रहा है और आगे भी रहेगा।
एक नहीं बल्कि दर्जनों पहाड़ी क्षेत्र घूमने के बाद भी मुझे हमेशा अपने पसंदीदा हॉलीडे डेस्टिनेशन डलहौजी वापस अपनी ओर खींचता है; डलहौजी जो कि हिमाचल प्रदेश के सुरम्य धौलाधर रेंज में स्थित है। यह इस क्षेत्र के सबसे खूबसूरत और पुराने हिल स्टेशनों में शामिल है। डलहौजी ऐसे ही शानदार नहीं है बल्कि हरे-हरे देवदार के वृक्ष, लुभावने हरे-भरे खेत, शांत हवाएँ, और मनोरम दृश्य ही इसे शानदार बनाते हैं। यह जगह मेरे लिए हमेशा से ही आमोद रिसॉर्ट्स का दूसरा नाम रही है।
इनके लिए है ख़ास
ये रिसॉर्ट डलहौजी शहर से खजियार की तरफ करीब 5 कि.मी. की दूरी पर एक राजसी पहाड़ की चोटी पर मौजूद है, जहाँ चारों ओर शांति ही शांति है। शानदार आमोद रिसॉर्ट्स को शांतिपूर्ण वातावरण के लिए पर्यटकों का सबसे पसंदीदा ठिकाना माना जाता है।
इस जगह में ऐसा है क्या?
ये लग्जरी इको-रिसॉर्ट भारत भर में गिने-चुने ठिकानों में शामिल है जो कि तेज़ी से बढ़ रहे होटल चेन्स में से एक है। डलहौजी में मौजूद ये जगह भी अपनी खासियतों से इसे साबित करता है। ब्रिटिश स्टाइल की वास्तुकला में बनाकर इसकी खिड़कियों और मेहराब को बहुत ही बारीकी से तैयार किया गया है।
इसके आरामदायक और आलीशान कमरे (डीलक्स, सुपर डीलक्स व डीलक्स सूइट) पर्यावरण को ध्यान में रखकर बनाए गए हैं, जो पर्यावरण अनुकूल हैं। सिर्फ यही नहीं, कमरे तमाम आधुनिक सुविधाओं से लैस हैं जैसे किंग साइज़ बेड, टेलीविजन, कॉफी व चाय बनाने की भी व्यवस्था है।
यहाँ मेरा सबसे पसंदीदा जगह है हर कमरे के साथ अटैच्ड प्राइवेट बालकनी, एक छोटा सा प्राइवेट कोना जहाँ बैठकर मैं सुबह की गर्म चाय और शाम के वक्त वाइन का आनंद लेता हूँ।
इस रिसॉर्ट में शानदर कमरों के साथ-साथ आउटडोर बैठने के लिए बहुत ही बेहतरीन जगह है, जहाँ से आप बर्फ से ढकी पीर पंजाल रेंज के साथ प्राकृतिक सौंदर्य का भरपूर आनंद ले पाएँगे।
लागत
इस रिसॉर्ट में दो लोगों के रहने के लिए बेसिक डीलक्स कमरे की लागत प्रति रात ₹5,500 से शुरू होकर डीलक्स सूईट में एक रात के लिए ₹10,000 तक हो जाती है।
खाना-पीना
डलहौजी का आमोद ना केवल रिसॉर्ट की लोकेशन और सुविधाओं के लिए पसंद किया जाता है बल्कि आमोद का ‘द कोलोनियल’ स्वादिष्ट भोजन भी डलहौजी में काफी मशहूर है। यहाँ टेस्टी ओरिएंटल, कॉन्टिनेंटल और भारतीय व्यंजनों के अलावा हिमाचली व्यंजन भी मिलते हैं। अगर आपकी किस्मत अच्छी है तो आपको यहाँ पारंपरिक रूप में परोसा जाने वालाधाम भी मिल सकता है। आप विश्वास करें ना करें लेकिन ये सच है कि यहाँ कई अनोखी पेशकश की जाती है या फिर इसे शाही अंदाज भी कह सकते हैं। जैसे यहाँ मेहमानों को अपने टेबल के लिए स्पॉट चुनने की आज़ादी है और फिर खाने के लिए आपकी टेबल वहीं लगा दी जाती है।
यात्रा के लिए बेहतरीन समय
डलहौजी जाने के लिए गर्मियों का मौसम सबसे सही होता है, यानी मार्च से मई तक का महीना। इस दौरान वहाँ का तापमान करीब 30 डिग्री सेल्सियस होता है और पहाड़ी क्षेत्र में घूमने के लिए ये बेस्ट समय माना जाता है।
कैसे पहुँचें?
राजधानी दिल्ली ही डलहौजी का सबसे करीबी मेट्रो शहर है। हम यहाँ आपके लिए कुछ विकल्प बता रहे हैं जिसकी सहायता से आप दिल्ली से यात्रा करने की योजना बना सकते हैं।
सड़क मार्ग: नई दिल्ली के साथ डलहौजी एनएच 44 द्वारा जुड़ा हुआ है। 485 कि.मी. की इस दूरी को तय करने में करीब 10 घंटे लग जाते हैं।
रेल मार्ग: पठानकोट जो कि डलहौजी का सबसे करीबी रेलवे स्टेशन है और दिल्ली के साथ अच्छे से कनेक्टेड है। पठानकोट से डलहौजी जाने के लिए आप बस या फिर कैब भी किराए पर ले सकते हैं।
हवाई मार्ग: डलहौजी के लिए निकटतम एयरपोर्ट पठानकोट ही है। दिल्ली से यहाँ के लिए दैनिक उड़ानें हैं जिसका किराया ₹4,000 है।
वहाँ करने को क्या है खास?
निकल पड़ें - आमोद में पर्यटकों के मनोरंजन के लिए तमाम तरह की सुविधाएँ मौजूद हैं। आप प्रकृति की सैर, ट्रेक, जंगल कैंप में रहने और साइकलिंग टूर जैसी गतिविधियों का आनंद ले सकते हैं। इसके अलावा यहाँ इन-हाउस एडवेंचर रोप कोर्स भी है।
जंगली चीज़ें - डलहौजी से करीब 30 मिनट की दूरी पर कालाटोप वाइल्डलाइफ सेंक्चुरी है और यह वन्यजीव पसंद करने वाले लोगों के लिए सबसे पसंदीदा जगहों में से एक है। यह वाइल्डलाइफ सेंक्चुरी 20 वर्ग कि.मी. में फैली है और ये कई किस्म की वनस्पतियों और जीवों के अलावा खूबसूरत दृश्यों को देखने के लिए बेहतरीन जगह है।
रोमांचक - डलहौजी में कई प्राचीन झीलें हैं जिनमें से कई झीलें काफी प्रसिद्ध है। यहाँ समुद्र तल से 1,700 मीटर की ऊँचाई पर चमेरा नामक झील है। यह झील हर पर्यटकों के आकर्षण का मुख्य केंद्र है। इस झील का साफ पानी और नौका विहार यहाँ आने वाले पर्यटकों का मन चंगा करने में कोई कसर नहीं छोड़ता और यह अनुभव लोगों की यादों में बस जाता है।
मिनी स्विट्जरलैंड
आप कहीं उन लोगों में तो शामिल नहीं हैं, जिन्होंने बार-बार अपनी यूरो ट्रिप को कैंसिल किया है। बर्फ से ढ़की पर्वतमाला के साथ अंतहीन फैलाव वाली हरियाली की वजह से ही खजियार को भारत का मिनी स्विट्जरलैंड कहा जाता है। डलहौजी का तश्तरीनुमा मैदान इसके आसपास के सभी लोकप्रिय स्थानों में से एक है। पिकनिक के लिए यह स्थान बहुत ही बेहतरीन है।
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