उत्तरप्रदेश हमारे देश में जनसँख्या के हिसाब से सबसे बड़ा प्रदेश तो है ही साथ ही भगवान राम की जन्मस्थली अयोध्या के साथ अनेक प्राचीन व धार्मिक स्थानों से सजा प्रदेश भी है। धार्मिक स्थलों पर हम सभी ईश्वर के दर्शन करने तो जाते ही हैं साथ ही जो सच्चा सुकून और सकारात्मक ऊर्जा आपको इन अद्भुत स्थानों पर मिलती है उसकी तुलना कहीं और से नहीं कि जा सकती है।
आज हम हमारे इस लेख में उत्तर प्रदेश में मौजूद अनेक धार्मिक स्थानों में से एक बेहद प्राचीन तीर्थ स्थल जिसका इतिहास सदियों पुराने महाभारत काल से भी जुड़ा बताया जाता है, के बारे में बताने वाले हैं। जी हाँ हम बात कर रहे हैं दुर्गा माता के एक अवतार चन्द्रिका देवी के पवित्र धाम की और वहीं पर मौजूद महीसागर तीर्थ की। तो चलिए बताते हैं आपको इस पवित्र धाम के बारे में पूरी जानकारी...
चंद्रिका देवी मंदिर
ये बेहद प्राचीन और पवित्र धाम लखनऊ शहर से करीब 35 किलोमीटर दूर गोमती नदी के तट पर स्थित है। यह स्थान कितना प्राचीन और महत्वपूर्ण है इसका अंदाज़ा आप इसी बात से लगा सकते हैं की इस धाम का उल्लेख विभिन्न हिंदू शास्त्रों, स्कंद पुराण और कर्म पुराण में भी है। वर्तमान समय में यहाँ जो मंदिर स्थित है उसे करीब 300 वर्ष पुराना बताया जाता है लेकिन ऐसा बताया जाता है कि यहाँ इससे पहले भी 12वीं शताब्दी के समय भी मंदिर यहाँ हुआ करता था जिसे विदेशी आक्रमणकारियों द्वारा तोड़ दिया गया था। आज के समय दूर-दूर से लोग माता के दर्शनों के लिए यहाँ आते हैं और साथ ही चारों और हरियाली और नदी के किनारे बैठकर शांति और सुकून लेने के लिए भी ये एक बेहद अद्भुत स्थान है।
महिसागर तीर्थ
चंद्रिका देवी मंदिर गोमती नदी के तट पर स्थित है और इस धाम कि तीन दिशाओं में गोमती नदी की जलधाराएं बहती है और एक दिशा मतलब पूर्व दिशा में स्थित है महिसागर संगम तीर्थ जहाँ आज भी हज़ारों लोग इस कुंड में स्नान करके खुद की नकारात्मकता को दूर करके पवित्र होते हैं।
महिसागर में भगवान शिव की एक विशाल मूर्ति स्थापित है जिसके साथ यहाँ का नज़ारा देखने में भी बेहद खूबसूरत दिखाई देता है। ऐसा बताया जाता है कि चाहे जो भी हो इस तीर्थ में कभी भी जल का अभाव नहीं होता।
धाम और तीर्थ से जुडी प्राचीन कहानियां
चंद्रिका देवी मंदिर और महिसागर से जुड़ी कई बातें हैं जिसे आपको जरूर जानना चाहिए। बताया जाता है कि द्वापर युग में भीम के पोते और घटोत्कच के पुत्र महारथी बर्बरीक जिन्हें हम आज खाटू श्याम जी के नाम से पूजते हैं, भगवान् श्री कृष्ण के बताये जाने पर उन्होंने यहाँ सर्वोच्च शक्ति कि प्राप्ति के लिए माँ चंद्रिका की 3 वर्षों तक घोर तपस्या की थी। आज भी भक्त महारथी बर्बरीक की यहाँ पूजा अर्चना करते हैं साथ ही यहाँ महिसागर तीर्थ से कुछ दूर पहले ही महारथी बर्बरीक को समर्पित एक मंदिर भी है जहाँ आपको दर्शन करने जरूर जाना चाहिए।
एक अन्य किवंदती यह भी है कि राजा दक्ष प्रजापति द्वारा दिए गए श्राप से मुक्ति पाने के लिए स्वयं चंद्रदेव ने भी इसी महिसागर तीर्थ में स्नान किया था और इसीलिए आप समझ सकते हैं कि यह कितना प्राचीन और पवित्र तीर्थ स्थान है।
मंदिर के खुलने और बंद होने का समय
माता का यह मंदिर सप्ताह में सभी दिन सुबह 5 बजे से लेकर दोपहर 1 बजे तक और फिर दोपहर 2 बजे से लेकर रात्रि 11 बजे तक खुला रहता है तो आप समय देखते हुए कभी भी यहाँ माता के दर्शनों के लिए जा सकते हैं। साथ ही अगर मंदिर में आरती के समय कि बात करें तो यह सुबह 7 बजे और रात्रि में 8 बजे कि जाती है।
कैसे पहुंचे?
लखनऊ उत्तर प्रदेश कि राजधानी है जहाँ पहुँचने के लिए आप देश या विदेश कहीं से भी आसानी से पहुँच सकते हैं। देश में भी सभी बड़े शहरों से हवाई, सड़क, और रेल मार्ग से लखनऊ अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। फिर लखनऊ से सीतापुर नेशनल हाईवे पर कुछ दूर चलकर चंद्रिका देवी मार्ग की और मुड़कर आप कठवारा गाँव में स्थित इस पवित्र धाम में आसानी से पहुँच सकते हैं। लखनऊ शहर से यह पवित्र स्थान करीब 35 किलोमीटर दूर है और वहीं लखनऊ-सीतापुर हाईवे से मुड़ने के बाद हाईवे से इसकी दूरी करीब 10 किलोमीटर है।
यहाँ पहुँचने के लिए वैसे आपको कोई सार्वजनिक वाहन मुश्किल से ही मिलेगा तो आपको लखनऊ से अपने वाहन या फिर टैक्सी वगैरह के साथ यहाँ आसानी से पहुँच सकते है।
तो अगर आप लखनऊ के आस पास हैं तो यहाँ चंद्रिका देवी मां के मंदिर और महिसागर तीर्थ जरूर जाएँ। इससे जुड़ी हमारी बताई गयी जानकारियां अगर आपको अच्छी लगी तो इस लेख को लाइक जरूर करें और ऐसी अनेकों और जानकारियों के लिए आप हमें फॉलो भी कर सकते हैं।
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