भुबनेश्वर मे लिंगराज मंदिर

Tripoto
5th Jul 2019
Day 1

यूँ तो भारत सदियों से देश-विदेश सोने की चिड़िया के नाम से विश्व विख्यात है, लेकिन अपनी प्राकृतिक धरोहर के अलावा भारत अपनी पुरातात्विक धरोहर के लिए भी जाना जाता है| हिन्दू देश होने के कारन भारत में असंख्य मंदिर है, जो पुरातात्विक कला का बेजोड़ उधारहण है| आज हम उन्हीं मंदिरों में से एक जाने माने मंदिर के बारे में आपको जानकारी देने जा रहे हैं| जी हाँ दोस्तों, हम बात कर रहे हैं भुवनेश्वर के लिंगराज मंदिर की Lingaraj Temple Bhubaneswar history in Hindi….

भारत के एक पूर्वी राज्य उड़ीसा की राजधानी भुवनेश्वर, जो की उड़ीसा का सबसे बड़ा शहर है और जहाँ स्थित है विश्व विख्यात लिंगराज मंदिर| लिंगराज मंदिर भुवनेश्वर का सबसे प्राचीन मंदिर है, जिसके बारे में छठी शब्ताब्दी के लेखों में भी बताया गया है| लगभग 1400 वर्ष प्राचीन इस मंदिर में भगवान त्रिभुवनेश्वर की अति चमत्कारिक मूर्ति के दर्शन किये जा सकते हैं| लिंगराज मंदिर में गैर हिन्दुओं का प्रवेश वर्जित है| हालाकि मंदिर को देखने के लिए मंदिर के बाहर एक चबूतरा बनाया गया है, जहाँ से गैर हिन्दू मंदिर के अलोकिक सोंदर्य का आनंद ले सकते हैं|

कैसे पहुंचे:-

लिंगराज मंदिर भुवनेश्वर शहर के बिल्कुल बिच में स्थित है, इसे शर का लैंडमार्क भी कहा जाता है| भुवनेश्वर पहुँचने के लिए आप बस, रेल या हवाई मार्ग का उपयोग कर सकते हैं| भुवनेश्वर शहर के लिए समय समय पर बस सेवा उपलब्ध है| National Highway 16 (NH 16) से आप सीधे Bhubaneswar पहुँच सकते हैं|

अगर आप रेलवे से भुवनेश्वर पहुंचना चाहते हैं तो आप सीधे भुवनेश्वर रेलवे स्टेशन पहुच सकते हैं| जहाँ से आप रिक्शा से सीधे लिंगराज मंदिर पहुँच सकते हैं| Bhubaneswar Railway Station से लिंगराज मंदिर की दुरी लगभग 4.5 Km है|

अगर आप हवाई मार्ग से भुवनेश्वर पहुँचना चाहते हैं तो आप सीधे Biju Patnaik International Airport Bhubaneswar पहुच सकते हैं| Bhubaneswar Airport से लिंगराज मंदिर की दुरी महज 3.1 Km है|

लिंगराज मंदिर का निर्माण ११ वि शब्ताब्दी में सोमवंशी राजा जजाती केशरी ने करवाया था| लिंगराज मंदिर लगभग 150 मीटर वर्ग में फैला हुआ है| मंदिर के निकट ही एक तालाब स्थित है कहा जाता है, कि इस तालाब में भारत के लगभग हर झरने और तालाब का जल मिलाया गया है| इस तालाब के बारे में यह भी मान्यता है, कि यहाँ स्नान करने से सभी पाप धुल जाते हैं| मंदिर में प्रयोग किये गए पत्थरों पर सुन्दर नक्काशी की गई है| मंदिर में काफी जगह शिलालेखों और मूर्तियों का समावेश है| मंदिर का शिखर लगभग 180 फूट ऊँचा है| मुख्या मंदिर में ही तिन छोटे छोटे मंदिर बनाए गए हैं जहाँ क्रमशः गणेश, कार्तिकेय और गौरी की मूर्तियों को स्थापित किया गया है|

लिंगराज मंदिर में शिवरात्रि का उत्सव बड़ी ही धूमधाम से मनाया जाता है| प्रतिवर्ष यहाँ शिवरात्रि पर मैले का आयोजन किया जाता है और भगवान् शिव की विशेष पूजा की जाती है| इस उत्सव में महिलाऐं पारंपरिक नृत्य का प्रदर्शन कर भगवान् शिव को प्रसन्न करती है| लिंगराज मंदिर अपनी प्राचीन परम्पराओं के लिए जाना जाता है| मंदिर की परंपरा के अनुसार गैर हिन्दुओं का प्रवेश मंदिर के अन्दर वर्जित है, लेकिन गैर हिन्दू मंदिर के बाहर बने चबूतरे से मंदिर के दर्शन कर सकते हैं|

Photo of भुबनेश्वर मे लिंगराज मंदिर by Rajkumar Soni
Photo of भुबनेश्वर मे लिंगराज मंदिर by Rajkumar Soni

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