खंडहर में तब्दील होता एक उपेक्षित पर्यटक स्थल राजनगर का राज कैंपस

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Photo of खंडहर में तब्दील होता एक उपेक्षित पर्यटक स्थल राजनगर का राज कैंपस by Hitendra Gupta

राजनगर का ऐतिहासिक राज कैंपस खंडहर में तब्दील होता जा रहा है। बिहार के मधुबनी जिला मुख्यालय से करीब 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित यह राज कैंपस राज्य सरकार की अनदेखी के कारण उपेक्षित पड़ा हुआ है। यह कैंपस इंक्रीडेबल इंडिया का एक बेहतरीन उदाहरण है। यहां के महल और मंदिर स्थापत्य कला के अद्भूत मिसाल पेश करते हैं। दीवारों पर की गई नक्काशी, कलाकारी और कलाकृति देखकर आप दंग रह जाएंगे। राज कैंपस में बने सभी महल और मंदिर अपनी भव्यता और खूबसूरती की दृष्टि से बेजोड़ हैं। ये लोगों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं। यहां के भव्य मंदिर और महल पर्यटकों को अपनी ओर खींच लेते हैं। भव्यता और वैभव की झलक आप यहां की दीवार, मेहराब, गुंबद से लेकर मूर्ति तक में देख सकते हैं। यहां के शिल्प और कलाकृति में आपको मिथिला पेंटिंग के साथ देशी-विदेशी दोनों शैली का अनुपम समागम देखने को मिलेगा।

Photo of Rajnagar, Madhubani, Bihar, India by Hitendra Gupta

मिथिला की कला-संस्कृति में मछली (माछ) का एक विशेष स्थान रहा है। मछली के साथ यहां के लोग हाथी को भी शुभ मानते रहे हैं। हाथी को शुभ के साथ राजसी वैभव और शान का प्रतीक भी माना जाता रहा है। इसलिए आप जब राजनगर के राज कैंपस में प्रवेश करेंगे, आपको जगह-जगह मछली और हाथी के प्रतीक मिल जाएंगे। एक महल तो हाथी की विशाल प्रतिमा के पीठ पर ही बनाया गया है। आपको महल के द्वार पर चार विशालकाय हाथी की प्रतिमा दिख जाएंगे। इसके पास बने नौलखा पैलेस का तो अब कुछ ही हिस्सा बचा है। आज से सौ साल पहले यह महल करीब नौ लाख रुपये में बना था। ये एकतरह से आपको बाहुबली फिल्म की भव्यता का झलक प्रदान करते हैं, लेकिन अब ये ढहने के कगार पर है।

Photo of खंडहर में तब्दील होता एक उपेक्षित पर्यटक स्थल राजनगर का राज कैंपस by Hitendra Gupta

बताया जाता है कि यहां के महाराज को तंत्र-मंत्र से विशेष लगाव था। इसी के कारण उन्होंने इस राज कैंपस में तंत्र विद्या के आधार पर देवी-देवताओं के 11 मंदिर बनाए थे। यहां स्थित काली मंदिर के बारे में कहा जाता है कि महाराजा रामेश्वर सिंह ने अपनी तंत्र साधना की पूर्णाहुति के बाद इसकी स्थापना की थी और काली माता का यह रूप कहीं और देखने को नहीं मिलता। काली मंदिर के अलावा कैंपस में आप दुर्गा मंदिर, कामाख्या मंदिर, गिरिजा मंदिर और महादेव मंदिर के भी दर्शन कर सकते हैं। यहां आपको अध्यात्म और वैदिक कला के संगम देखने को मिलेंगे। आपको इस कैंपस के चारों ओर मंदिर के दर्शन होंगे। कैंपस में बड़े-बड़े तालाब भी मिलेंगे। जिसमें आज भी मछली पालन होता है।

Photo of Raj Palace Rajnagar, Navlakha Palace Campus, Rajnagar, Bihar, India by Hitendra Gupta

खंडहर में तब्दील हो रहे राजनगर के इस राज कैंपस का निर्माण महाराज रामेश्वर सिंह ने अपने लिए बनाया था, लेकिन अपने बड़े भाई महाराज लक्ष्मीश्वर सिंह के निधन के बाद वह दरभंगा चले गए। बताया जाता है कि राजनगर के इस भव्य पैलेस को बनाने के लिए ब्रिटिश आर्किटेक्चर एमए कोरनी की सेवा ली गई थी और देश में सबसे पहले सीमेंट का इस्तेमाल यहीं राज पैलेस के भवन निर्माण में हुआ था। राज पैलेस करीब डेढ़ हजार एकड़ में फैला है। 1870 में बने इस राज पैलेस को 1934 में आए भूंकप से भारी नुकसान पहुंचा। महाराज रामेश्वर सिंह के दरभंगा चले जाने के कारण राजनगर पैलेस पर कोई खास नहीं दिया गया।

Photo of खंडहर में तब्दील होता एक उपेक्षित पर्यटक स्थल राजनगर का राज कैंपस by Hitendra Gupta

आजादी के बाद से यह और उपेक्षा का शिकार होता रहा। आजकल इस कैंपस में एक कॉलेज और सीमा सशस्त्र बल- एसएसबी की 18वीं वाहिनी का मुख्यालय भी है। इंद्र पूजा और एक जनवरी को यहां लोगों की भारी भीड़ उमड़ती है। आसपास के लोग यहां की भव्यता देखने और घूमने आते हैं। अगर इस बहुमूल्य धरोहर की सही देखभाल हो, इसे संरक्षित श्रेणी में रखा जाए तो इसे एक बिहार के प्रमुख पर्यटक स्थल के रूप में विकसित किया जा सकता है। इससे इलाके के लोगों को रोजगार भी उपलब्ध हो सकेगा।

Photo of खंडहर में तब्दील होता एक उपेक्षित पर्यटक स्थल राजनगर का राज कैंपस by Hitendra Gupta

-हितेन्द्र गुप्ता

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