फूलों का गार्डन तो सबने देखा है,पर क्या अपने एशिया के सबसे बड़े कैक्टस गार्डन के बारे में सुना है

Tripoto
26th Sep 2023
Photo of फूलों का गार्डन तो सबने देखा है,पर क्या अपने एशिया के सबसे बड़े कैक्टस गार्डन के बारे में सुना है by Priya Yadav


            खूबसूरत फूलों का गार्डन तो हम सब ने देखा है पर क्या अपने कांटो का गार्डन देखा है।अब आप सोचेंगे कि कांटो का गार्डन भी होता है क्या क्योंकि अकसर लोग फूलों को लगाते है कांटो को नहीं।पर आपको पता नहीं है कि ये कांटेदार पौधे कितने गुणकारी होते है।इनसे न जाने कितने प्रकार की औषधियां बनाई जाती है जोकि कैंसर जैसी बीमारियों में भी कारगर होती है।इसके अलावा इन पौधों से कई प्रकार के परफ्यूम और रूम फ्रेशनर भी बनाए जाते है।तो आज हम आपको इन कैक्टस के एशिया के सबसे बड़े गार्डन की सैर पर ले चलेंगे जहां आप इन पौधों के विभिन्न प्रकार ,इनके प्रयोग के विषय में जान सकेंगे।तो आइए जानते है इस खूबसूरत कांटो के गार्डन के बारे में।

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कहां है कैक्टस गार्डन 

एशिया का सबसे बड़ा कैक्टस गार्डन हरियाणा के पंचकुला में स्थित है।यह गार्डन लगभग 5 एकड़ में फैला हुआ है।यहां पर आपको 2500 से भी ज्यादा प्रकार के कैक्टस के विभिन्न प्रकार देखने को मिलेंगे।यह गार्डन सिर्फ पर्यटकों के लिए ही नहीं बल्कि वनस्पतिविदों के लिए भी आकर्षण का केंद्र है।इस जगह पर आपको कैक्टस की दुर्लभ और लुप्त प्राय प्रजातियों का विशाल संग्रह देखने को मिलेगा।

कैक्टस गार्डन बनाने का उद्देश्य

इस गार्डन को बनाने के पीछे मुख्य उद्देश्य यह है कि कैक्टस की विलुप्त प्रजातियों को संरक्षित करना है। यहां पर आपको दुनिया भर के विभिन्न कैक्टस और सकुलेंट देखने को मिलेंगे।यह उन सभी कैक्टस को संरक्षित करने का कार्य करते है जो लगभग लुप्त होने के कगार पर है या लुप्त हो चुके हैं।साथ ही यह उन पर्यटकों के लिए भी है जिन्हे इन औषधीय गुणों वाले पौधों के विषय में जानने में दिलचस्पी है।

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कैक्टस गार्डन का ये है नया नाम 

पहले इस गार्डन को कैक्टस गार्डन के नाम से ही जाना जाता था ।लेकिन अभी कुछ समय पहले ही  इस गार्डन का नाम बदलकर राष्ट्रीय कैक्टस और सस्कुलेंट बॉटनिकल गार्डन और रिसर्च सेंटर रख दिया गया। क्योंकि पहले बस यह एक गार्डन था फिर धीरे धीरे यह एक रिसर्च सेंटर के रूप में भी काफी लोकप्रिय हो गया।इस कैक्टस गार्डन में अमेरिका, मैक्सिको आदि कई देशों के सक्यूलेंट और कैक्टस की वैरायटी भी हैं। जिसके कारण इसका नाम बदलकर राष्ट्रीय कैक्टस और सस्कुलेंट बॉटनिकल गार्डन रख दिया गया।

गार्डन में घूमने का समय ​

अगर आप इस गार्डन में घूमना चाहते हैं तो आप अप्रैल से सितंबर माह के बीच सुबह 9 से दोपहर के 1 बजे तक और शाम को 3 बजे से 7 बजे तक घूम सकते है।और यदि आप अक्टूबर से मार्च के महीने में यहां घूमने आते है तो आपको सुबह 9 बजे से 1 बजे तक और दोपहर में 2 बजे से 6 बजे तक यह गार्डन खुला मिलेगा।साथ ही इसकी एंट्री फीस 10 रुपए प्रति व्यक्ति है।

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​हर साल होता है कैक्टस फेस्टिवल ​

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि पंचकुला में स्थित कैक्टस गार्डन में हर साल कैक्टस फेस्टिवल का आयोजन पंचकुला प्रशासन की तरफ से किया जाता है।इस फेस्टिवल में विभिन्न प्रकार के कैक्टस और साथ ही इस गार्डन में उगाए जाने वाले विभिन्न फूलों को इस फेस्टिवल में शामिल किया जाता है जिससे पर्यटक इनके विषय में और अधिक जान सके।

कैसे पहुंचे ​

हवाई द्वारा:हरियाणा का मुख्य हवाई अड्डा चंडीगढ़ में है। दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से आप हरियाणा आसानी से पहुंच सकते हैं। यहां से टैक्सी के द्वारा आप पंचकुला जा सकते है।

रेलवे द्वारा: यहां का नजदीकी रेलवे स्टेशन चंडीगढ़ है, इसके अलावा दिल्ली में चार रेलवे स्टेशन हैं, जिनकी मदद से आप हरियाणा के किसी भी हिस्से तक पहुंच सकते हैं। कालका, अंबाला, कुरुक्षेत्र, रोहतक, जींद, हिसार, अंबाला, पानीपत और जाखल महत्वपूर्ण रेलवे स्टेशन हैं।

सड़क द्वारा: हरियाणा राष्ट्रीय राजमार्गों द्वारा कई प्रमुख शहरों और कस्बों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। फरीदाबाद और गुड़गांव जैसे राज्य के कुछ हिस्से राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के अंदर आते हैं और दिल्ली से थोड़ी ही दूरी पर हैं।

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