हिमाचल प्रदेश तो खूबसूरत जगहों का एक खज़ाना है। जहाँ निकल पड़ो वो जगह आपको पसंद आ जाएगी। इसके बावजूद हिमाचल की कुछ जगहों को लोग बहुत कम जानते हैं। ऐसी ही जगह है, लाहौल स्पीति। लाहौल-स्पीति, हिमाचल प्रदेश का सबसे बड़ा जिला है। यहाँ आपको हिमालयी खूबसूरती और तिब्बती कल्चर साथ-साथ देखने को मिलेगा। लाहौल-स्पीति आज भी अपनी संस्कृति का कुछ भाग संरक्षित किए हुए है। यहाँ की कुछ मान्यताएँ, किस्से-कहांनियाँ, लोककथाएँ और लोकगीत हैं जो आज भी जीवित और बरकरार हैं। आप वहाँ जाएँगे तो इन प्रथाओं को देखेंगे। इसलिए जब वैसा कुछ हो तो डरे न इसलिए इनके बारें में जान लीजिए।
लाहौल-स्पीति में कुछ प्रथाओं के बारे में आपको जान लेना चाहिएः
1. लैंगटैंग- लैंगटैंग सुनने में बहुत सामान्य-सा लगता है। अगर आपको इसके बारे में बताया जाए तो यह एक तरह का टग-ऑफ-वाॅर है। लेकिन जान लो ये एक खेल है। जिसमें रस्सी सामने वाली टीम के प्रतिभागियों के गले में बंधी होती है। जो एक-दूसरे को पूरी ताकत और झटके के साथ खींचते हैं। जिससे ये बहुत डेंजरस हो जाता है।
2. घूमते देवता- स्पीति के नीचे वाले इलाके में यत्र नाम का जुलूस निकाला जाता है। इसमें पेड़ों को नक्काशी कर एक शक्ल और पैर बनाए जाते हैं जिन्हें रंगीन कपड़ों से ढका जाता है और इन्हें कंधे पर रख घुमाया जाता है। गिबांग और डाबला यहां के फेमस देवता है जिनको लोग एक महीने तक यात्रा कराते हैं। इस जुलूस में संगीतकारों और कलाकारों के साथ बड़ी संख्या में लोग शामिल होते हैं।
3. महिला और विरासत- यहाँ की एक और खास बात है कि महिलाओं को पुरुष के समान संपत्ति में बराबर का अधिकार दिया जाता है। अगर कोई विधवा है तो उसे भी उसकी संपत्ति दी जाती है। इसी तरह स्पीति में भी जो महिला शादी नहीं करती है उसका भी संपत्ति पर उतना ही अधिकार है, जितना उसके भाईयों का।
4. सेक्स और नैतिकता- समाज में नैतिकता और सेक्स अलग-अलग मामले हैं। यहाँ सेक्स को गलत काम की तरह नहीं देखा जाता है। लड़के-लड़कियाँ आपस में मिलते हैं और शादी से पहले सेक्स करना कोई बुरी बात नहीं मानी जाती है। मैदानी क्षेत्रों का कल्चर धीरे-धीरे यहाँ भी आ रहा है।
5. एक से ज्यादा शादी- यहाँ की एक पुरानी संस्कृति अब भी बनी हुई। एक फैमिली के भाई सहमति से एक-दूसरे की पत्नियों के साथ रह सकते हैं। इसके अलावा पाँच भाईयों की एक पत्नी भी हो सकती है। परिवार में एकल पत्नी को बड़ा पद मिलता है और सभी बच्चों को भी किसी एक नहीं ब्लकि सभी पतियों के बच्चों की तरह पाला जाता है। इस प्रथा का पालन करने वाले लोग इसे अच्छा मानते हैं। वे प्राचीन काल की द्रौपदी का उदाहरण देते हैं। वो कहते हैं कि ये सभी भाईयों को एक साथ रखने में मदद करता है और संपत्ति का बंटवारा भी नहीं होता है।
6. कुंच बिया- ये लाहौल की एक खास प्रथा है। इसमें लड़का लड़की एक दूसरे को पसंद करते हैं और शादी के लिए राजी हो जाते हैं। तब लड़का अपने दोस्तों के साथ आता है और वे उस लड़की को भगा कर ले जाता है। लड़की रोती है और उनसे छूटने का नाटक करती है। हालांकि, वो लड़के के साथ जाने के लिए राजी हो जाती है और उसके साथ चली जाती है। लड़के के घर पर यहाँ की स्थानीय बीयर छंग की पार्टी होती है। अगले दिन लड़के के परिवार के बुजुर्ग लड़की के माता-पिता से मिलने जाते हैं और अरक (शराब) की पेशकश के साथ माफी मांगते हैं। लड़की की फैमिली आमतौर पर शादी के साथ माफी भी स्वीकार कर लेती है।
7. द डेविल डांस- डेविल डांस एक अवसर पर लोगों को इकट्ठा करने के लिए लामाओं द्वारा किया जाता है। लामा इस डांस में कई तरह के मास्क पहनते हैं। वो शैतान की भावना से मिलते-जुलते हैं जो राक्षसों, ड्रेगन और कंकाल के रूप में होते हैं। बुरी आत्माओं को दूर रखने के लिए लामाओं द्वारा ऐसे पूजा-पाठ करवाये जाते हैं।
8. ल्हास- इसका मतलब है बुरी आत्माएँ जो छोटी नदियों और धाराओं में रहती हैं। लोगों का मानना है कि ल्हास की आत्माएँ परिवर्तनशील हैं जिन्हें मवेशियों, मानव या फ्लोटिंग लाइट्स के रूप में देखा जा सकता है। ये आत्माएँ लोगों को नुकसान पहुँचाती हैं।
9. निशान मारना- यह माना जाता है कि अगर किसी आदमी का शरीर बिल्कुल पर्फेक्ट है तो बुरू आत्मा उसमें घुसने की कोशिश करती है। इसलिए जैसे ही किसी व्यक्ति को मृत घोषित किया जाता है उसके शरीर पर कट या निशान मार दिए जाते हैं जिससे बुरी आत्माएँ शरीर में किसी भी तरह से प्रवेश ना कर पाएँ। अगर शरीर को बुरी आत्मा द्वारा ले जाया जाता है तो स्थानीय लोगों का मानना है कि मरा हुआ आदमी उठता है और कभी-कभी हिंसक भी हो जाता है।
10. मौत को धोखा- मिट- शाल मौत को चकमा देने वाला एक समारोह है, जब भूत भगाने वाले टाना माना या दवा किसी व्यक्ति की बीमारी सही नहीं कर पाते हैं तो उस बीमार व्यक्ति के लिए नकली अंतिम संस्कार की व्यवस्था की जाती है। उस व्यक्ति के बराबर का एक पुतला जौ के साथ बनाया जाता है। उसे सजाया और तैयार किया जाता है। पुतले को श्मशान घाट लाया जाता है और जला दिया जाता है। । व्यक्ति को मृत्यु के स्वर्गदूतों के लिए मृत घोषित किया जाता है और इस प्रकार वे धोखा खा जाते हैं।
ये बाते जानकर लाहौल-स्पिति और भी मज़ेदार लगने लगा होगा, है ना? तो इसे भी अपनी बकेट लिस्ट में जोड़ लो!
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