घुमक्कड़ होना कठिन नहीं है लेकिन घुमक्कड़ बने रहना कठिन है। ये एक यात्रा है जिसमें कभी मीठे तो कभी कड़वे अनुभव मिलते हैं।
राहुल सांकृत्यान ने कहा है घुमक्कड़ होना परम सौभाग्य की बात है। ये घुमक्कड़ी ही तो है जो हमें नई-नई जगहों और अनुभवों से रूबरू कराती है।
आप कितनी ही किताबें पढ़ लें जो ज्ञान घुमक्कड़ी देती है वो कोई और नहीं दे सकता।
घुमक्कड़ ने ही बताया कि दूर हिमालय में मसूरी, नैनीताल हैं और लोग वहां जाने लगे।
इन्हीं घुमक्ककड़ों ने बताया लद्दाख की खूबसूरती को और हर कोई लद्दाख जाना चाहता है।
अक्सर लोग लद्दाख जाते हैं कि लेकिन वहाँ की छिपी हुई जगहों पर जाना चाहते हैं। लद्दाख में एक ऐसी ही जगह है, हानले।
इंडिया और तिब्बत के बाॅर्डर पर हिमालय की गोद में बसा एक छोटा और प्यारा गाँव है, हानले। चारों तरफ पहाड़ ही पहाड़ हैं। जो यहाँ आता है वो इस जगह की खूबसूरती में खो जाता है। लेह से 255 किमी. दूर है हानले गाँव। ये गाँव बहुत बड़ा नहीं है, इस गाँव में मुश्किल से 300 घर हैं। अगर आप लद्दाख आते हैं तो आपको इस छिपे और खूबसूरत जगह पर कुछ दिन जरूर बिताने चाहिए।
कैसे जाएँ?
लेह से हानले जाने के लिए दो रास्ते हैं। पहला तो आप लोकल बस से जा सकते हैं। दूसरा शेयर टैक्सी से भी पहुँचा जा सकते हैं। इसके अलावा अगर आप अपनी गाड़ी से जा रहे हैं तो चांगथांग वैली के रूट से हानले पहुँच सकते हैं।
बस से
अगर आप बस से हानले जाना चाहते हैं तो उसके लिए परफेक्ट प्लानिंग होनी चाहिए। लेह से हानले के लिए बहुत कम बस हैं। पूरे हफ्ते में एक ही दिन बस हानले जाती है। हर शनिवार को सुबह 6 बजकर 30 मिनट पर लेह से हानले के लिए बस निकलती है। जिसका किराया 500 रुपए होता है। ये बस क्योमा और लोमा चेक पोस्ट से होते हुए हानले पहुँचती है। अगर आपको बस से हानले जाना है तो किसी भी हालत में शुक्रवार को लेह पहुँच जाना चाहिए। इसके अलावा हर बुधवार को सुबह 9 बजे लोमा तक बस जाती है। लोमा से हानले सिर्फ 50 किमी. की दूरी पर है।
टैक्सी सेः
बस के अलावा आप हानले शेयर टैक्सी से जा सकते हैं। लेह में हानले के लिए शेयर टैक्सी को खोजना भी कठिन काम है। हानले के लिए टैक्सी लोकल बस स्टैंड पर मिल जाएगी। ये टैक्सी लोगों को ग्रुप में हानले ले जाती हैं और अगले दिन हानले से वापस आती हैं।
क्या देखें?
हानले को देखने से पहले हर किसी के मन में ये सवाल होता है लेकिन जब हानले पहुँचता है ये सवाल उसके दिमाग से छूमंतर हो जाता है। ये जगह हर किसी को अपना दीवाना बना लेती है। फिर भी हानले में कुछ जगहें हैं जिनको देखा जा सकता है।
1- हानले मोनेस्ट्री
हानले में 17वीं शताब्दी की एक तिब्ब्ती मोनेस्ट्री है। जो एक पहाड़ी पर स्थित है। इस गोंपा को लद्दाखी राजा सेन्ग्गे ने बनवाया था। सेन्ग्गे को द लाॅयन किंग भी कहा जाता है। लद्दाखी राजा हानले में ही मरा। फिलहाल इस मोनेस्टी में एक दर्जन बौद्ध भिक्षु रहते हैं। इस जगह से बेहद खूबसूरत नजारा दिखाई देता है। ठंडी और हल्की हवाओं का स्पर्श आपको खुश कर देगा। आप हानले आएँ तो 17वीं शताब्दी की इस मोनेस्ट्री को जरूर देखें।
2- खगोलीय वैधशाला
हानले में एक भारतीय खगोलीय वैधशाला भी है। ये वैधशाला दुनिया की सबसे ऊँचाई पर स्थित है। जिस वजह से इसकी अहमियत और ज्यादा बढ़ गई है। 2001 में इस वैधशाला को हानले में बनाई गया था और इसको बैंगलोर में स्थित ताराभौतिकी इंस्टीट्यूट ऑपरेट करती हैै। 14,800 फीट की ऊँचाई पर स्थित इस जगह पर टेलीस्कोप से आसमान के तारों को देखना एक शानदार अनुभव है। पहले वैधशाला के अंदर टूरिस्ट आ सकते थे लेकिन अब टूरिस्ट दूर से ही इस वैधशाला को देख सकते हैं।
3- फोटी ला
हानले से 24 किमी. दूर एक दर्रा है, फोटी लॉ। जहाँ बहुत कम लोग पहुँच पाते हैं। यहाँ से हानले वैली का खूबसूरत नजारा दिखाई देता है। फोटी ला, भारत और तिब्बत के बाॅर्डर से बहुत पास है। ये जगह समुद्र तल से 5,524 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है। अगर आप हानले आते हैं तो इस कम एक्सप्लोर की जगह पर आपको जरूर जाना चाहिए।
4- उमलिंग ला
हानले में एक और खूबसूरत जगह है उमलिंग ला। उमलिंग, फोटी लाॅ को पार करने के बाद पड़ता है। उमलिंग ला में दुनिया की सबसे ऊँची मोटरेबल वाली रोड है। इस जगह के बारे में लोगों को 2017 में पता चला। यहाँ से बाॅर्डर बहुत पास है। यहाँ से हानले की खूबसूरती कुछ अलग ही दिखाई देती है। हानले आएँ तो इस जगह पर जरूर जाएँ।
क्या करें?
1- हानले की रात
हानले की रात आपके लिए सबसे खूबसूरत और यादगार रात हो सकती है। रात में आप जब आसमान की ओर देखेंगे तो आपको पूरा आसमान असंख्य तारों से भरा हुआ मिलेगा। जगमगाते तारों के बीच रात गुजारना आपके लिए शानदार अनुभव होगा। आप इस नजारे को देखकर खुद को कैमरे पकड़ने से रोक नहीं पाएँगे। ऐसा नजारा रोज-रोज तो नहीं मिलता न। ऐसे नजारे को देखकर आपका मन खुश हो जाएगा। यकीन मानिए जब आप यहाँ आओगे तो आपकाे इस जगह पर आना सफल लगेगा।
2- शांति और सुकून
हम घूमने सिर्फ इसलिए नहीं जाते कि कोई नहीं जगह देख आते हैं। नई जगह तो शोर-शराबे वाले शहर भी होते हैं। हम इस जगह पर आते हैं ताकि हम कुछ वक्त के लिए शोर से दूर शांत जगह पर रह सकें। अगर आप भी ऐसा सोचते हैं तो हानले आपके लिए बिल्कुल परफेक्ट है। हानले 300 घरों का एक गाँव है। इसके अलावा यहाँ टूरिस्ट भी बहुत ज्यादा नहीं दिखाई देते हैं। आप इस जगह पर आराम से शांति और सुकून महसूस कर सकेंगे।
3- खूबसूरत नजारे
हानले में चारों तरफ पहाड़ ही पहाड़ हैं जो किसी का भी मन मोह लेंगे लेकिन ये पहाड़ कुछ अलग हैं। ये पहाड़ उत्तराखंड और हिमाचल जैसे नहीं हैं। लद्दाख के पहाड़ों में आपको हरियाली नहीं मिलेंगे। यहाँ के पहाड़ बंजर हैं। इनको देखकर लगता है कि ये रेत के ऊँचे-ऊँचे टीले हैं लेकिन यकीन मानिए ये बंजर आपको बेहद खूबसूरत लगेंगे। जब इन नजारों के बीच ठंडी हवा का स्पर्श होगा तो आप खुश हो उठेंगे।
कहाँ ठहरें?
हानले गाँव में ठहरने के लिए एक भी होटल नहीं हैं। फिर भी यहाँ कुछ गेस्ट हाउस और होमस्टे हैं। आप यहाँ के लोगों के घर में रह सकते हैं। तब आपको पता चलेगा कि ये जगह ही नहीं, यहाँ के लोग भी बेहद प्यारे हैं। यहाँ के लोग आपका अच्छे-से स्वागत करते हैं। आप उनसे इस जगह के बारे में बात कर सकते हैं। आप उनकी लाइफ और दिनचर्या के बारे में जान सकते हैं।
इनर लाइन परमिट
हानले भारत-तिब्बत की सीमा के बहुत पास में है। इसलिए इस जगह पर जाने के लिए आपको इनर लाइन परमिट लेना होगा। आप लेह के जिला कमिश्नर के ऑफिस में इनर लाइन पास बनवा सकते हैं। इसके अलावा आप पहले से ही आनलाइन भी इनर लाइन परमिट ले सकते हैं। इसके लिए आपके पास पहचान पत्र या आधार काॅर्ड होना बहुत जरूरी है।
कब जाएँ?
दिसंबर से मार्च तक ये जगह बर्फ से पूरी तरह से ढंकी होती है। उस समय यहाँ पहुँचना बहुत मुश्किल है। आपको यहाँ आने के लिए कोई गाड़ी नहीं मिलेगी। आपको यहाँ गर्मियों के समय आना चाहिए। उस समय भी यहाँ का मौसम ठंडा ही रहता है और रात को ठंड बढ़ जाती है। इसलिए आपको हानले जाने के लिए जून से सितंबर के बीच का प्लान बनाना चाहिए।
इन बातों को रखें ध्यानः
1- हानले में एटीएम की सुविधा नहीं है और न ही पेमेंट ऑनलाइन होता है। इसलिए लेह से अपने पास जरूरत से थोड़ा ज्यादा ही कैश रख लें। जिससे आपको हानले में कोई दिक्कत न हो।
2- अगर आप अपनी गाड़ी से लेह से हानले जा रहे हैं तो आपको बता दें कि रास्ते में कोई पेटोल पंप नहीं है। आप लेह में ही टैंक भर लें और साथ में अलग से ही पेट्रोल रख लें। जिससे रास्तें में आपको किसी भी प्रकार की दिक्कत न हो।
3- हानले में सर्दी बहुत पड़ती है जो आपकी स्किन को नुकसान पहुँचा सकता है। इसलिए अपने साथ ऐसी कुछ सनक्रीम जरूर रखें।
क्या आपने कभी लद्दाख के हानले की यात्रा की है? अपने सफर का अनुभव यहाँ लिखें।
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