कुम्भ मेला 2019: भक्ति और विश्वास का सबसे बड़ा तीर्थ 

Tripoto

‘ कुंभ ’- इसकी विरासत इसके नाम के समान ही प्रभावशाली है। हिंदुओं की धार्मिक आस्था और भावनाओं का इससे अधिक अनोखा और भव्य प्रदर्शन कहीं नहीं हो सकता, जहाँ 50 दिनों के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ पवित्र नदी में स्नान करने के लिए इकट्ठा होती है। यह विश्व का सबसे विशाल और असाधारण तीर्थ 12 वर्षों में एक बार भारत के 4 सबसे पवित्र और पूजनीय जगहों - हरिद्वार, उज्जैन, नासिक और प्रयागराज (इलाहाबाद) में मनाया जाता है।

Photo of कुम्भ मेला 2019: भक्ति और विश्वास का सबसे बड़ा तीर्थ  1/1 by Manju Dahiya

इस वर्ष, यह मेला 15 जनवरी 2019 से 4 मार्च 2019 तक प्रयागराज में आयोजित होगा ! यहाँ पर हम आपको कुंभ से जुड़े कुछ रोचक तथ्य और महत्वपूर्ण तिथियों पर वहाँ होने वाले प्रसंगों की एक मार्गदर्शिका दे रहे हैं:

कुंभ मेले का उद्गम

माना जाता है कि इस सदियों पुरानी परंपरा का इतिहास पुराणों की पौराणिक कथाओं में निहित है, जिनके अनुसार, जब देवता और दानव समुद्र मंथन के समय अमृत कलश ( अमरत्व को प्राप्त करने वाला अमृत ) के लिए लड़ रहे थे तब इसकी बूँदें इन 4 स्थलों पर गिरी थीं जिनको कुंभ मेले के वर्तमान स्थलों के रूप में पहचाना जाता है। भक्तों का मानना है, कि यह पवित्र स्नान उन्हें उनके पापों से मुक्त करता है और बुराई से बचाता है।

प्रयागराज में क्या अपेक्षित है - मेले से जुडी कुछ बातें और रोचक तथ्य:

लहरों की तरह, लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ त्रिवेणी संगम (गंगा, यमुना और सरस्वती ) की ओर चलती है। वैदिक मंत्रों और धार्मिक भजनों के भावपूर्ण उच्चारण, आध्यात्मिक संगीत और पवित्र वाद्ययंत्रों की ध्वनि, और राख में लिपटे जटाधारी साधुओं और ऋषियों के अद्भुत दृश्य, रोंगटे खड़े कर देते हैं।

अर्ध कुंभ मेला 2019 का आकर्षण

पेशवाई

मेले का आरम्भ एक भव्य जुलूस के साथ होता है, जो बैंड के साथ साथ, हाथी, घोड़े और भव्य गाड़ियों पर आता है।

सांस्कृतिक कार्यक्रम

मेले में 5 अलग-अलग सांस्कृतिक पंडाल होंगे, जहाँ पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों की श्रृंखला होगी।

लेजर लाइट शो

राज्य सरकार, प्रयागराज के इस मेले में आने वाले पर्यटकों के लिए एक शानदार लेजर लाइट एंड साउंड शो की स्थापना करेगी।

पवित्र स्नान

इसमें कोई अतिश्योक्ति नहीं कि कुंभ में किए गए सभी अनुष्ठानों में से स्नान का अनुष्ठान सबसे महत्वपूर्ण और अद्भुत है।

अर्ध कुंभ में पवित्र स्नान के मुख्य दिनों का संक्षिप्त विवरण:

मकर संक्रांति - 15 जनवरी 2019

ऐसा माना जाता है कि इस दिन सूर्य का मकर राशि में प्रवेश होता है।कुंभ में पहला शाही स्नान और दान पुण्य करके तीर्थयात्री इस दिवस का आरम्भ करते हैं।

पौष पूर्णिमा - 21 जनवरी 2019

महत्वपूर्ण पौष पूर्णिमा के पावन अवसर पर पवित्र डुबकी लगाने का अनुष्ठान हैं।

मौनी अमावस्या - 4 फरवरी 2019

यह सबसे महत्वपूर्ण दिन माना जाता है , जब तीर्थयात्री शाही स्नान करते हैं, क्योंकि इस दिन ग्रहों की स्थिति सबसे उपयुक्त मानी जाती है।

बसंत पंचमी - 10 फरवरी 2019

यह दिन ज्ञान की देवी ‘सरस्वती ‘- के आगमन का प्रतीक है।डूबकी लगाकर उनको नमन किया जाता है।

माघी पूर्णिमा - 19 फरवरी 2019

भक्तों का मानना है कि इस दिन भगवान गंधर्व तीर्थयात्रियों को स्वर्ग का मार्ग प्रदर्शित करने के लिए संगम पर आते हैं। इस दिन गुरु ब्रहस्पति की पूजा की जाती है।

महाशिवरात्रि - 4 मार्च 2019

यह कुंभ में पवित्र स्नान का अंतिम दिन है, जिसमें भगवान शिव की आराधना में भव्य अनुष्ठान किये जाते हैं।

जीवन, मृत्यु और उससे परे के इस बेजोड़ उत्सव की यह एक छोटी सी झलक है, जिसे आप नहीं छोड़ सकते।

यहाँ आपके लिए कुछ अच्छे आवास के सुझाव हैं:

वैदिक टेंट सिटी: ये लक्जरी टेंट आपको सुख साधन के साथ - साथ वैदिक परिवेश का अनुभव देते हैं।

कल्पवृक्ष: यहाँ एक ग्रामीण माहौल के बीच प्रीमियम आतिथ्य की सेवाएँ उपलब्ध हैं।

कुंभ कैनवस: त्रिवेणी संगम के ठीक बगल में यह आवास, एक अलग ही तरह का अनुभव देता है।

आगमन इंडिया कैम्प्स: यहाँ उत्सव के साथ-साथ एक लक्ज़री कैम्पिंग का अलग ही आनंद है।

इंद्रप्रस्थम, द सिटी ऑफ इटर्निटी: प्रीमियम पर्यटकों के लिए सर्वश्रेष्ठ सुविधाएँ उपलब्ध।

आशा करता हूँ इस लेख में दी गई जानकारी आप की कुछ मदद कर सके तथा और अधिक ट्रेवल स्टोरीज के लिए आप हमसे जुड़े रहें।

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