पहाड़ों का जिक्र आते ही हमारे मन में सबसे पहला नाम हिमाचल प्रदेश का आता है। ऐसा होना भी चाहिए क्योंकि यदि आपको पहाड़ों से लगाव है और आपने अबतक हिमाचल में किसी जगह की यात्रा नहीं की है तो आपको एक बार थोड़ा ठहरकर सोच लेना चाहिए। वैसे देखा जाए तो पहाड़ी खूबसूरती देखने के लिए लोग हिमाचल की कुछ चुनिंदा जगहों पर ही जाते हैं। इसमें शिमला, मनाली, सोलांग, रोहतांग शामिल हैं। लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि इन फेमस और जानी-मानी जगहों के पास कुछ ऐसे छुपे हुए नगीने हैं जिनकी बेहिसाब खूबसूरती आपको खुश कर देगी। ऐसी जगहों पर कम भीड़ और शोर होता है जो आजकल हर घुमक्कड़ की चाहत होती है। इसलिए अगली बार जब भी आप पहाड़ी इलाकों की तरफ जाने का प्लान बनाएँ तो दो पल रुककर उन जगहों के बारे में भी जानने की कोशिश करें जो तय ढांचे में ना आकर कुछ अलग एहसासों के पिटारे जैसी होती हैं। ऐसी ही एक जगह है शिमला के पास स्थित मशोबरा।
मशोबरा
हिमालय की गोद में बसी ये जगह 2246 मीटर की ऊँचाई पर है। मशोबरा हिमाचल प्रदेश के शिमला जिले में बसा एक छोटा और शांत-सा हिल स्टेशन है जो घुमक्कड़ों के लिए ऑफ बीट अनुभवों का खजाना जैसा है। बेहिसाब सुंदरता और शानदार धाराओं से समृद्ध इस जगह पर फलों के बगीचे और देवदार के जंगल भी हैं। मशोबरा की ये सभी विशेषताएँ इसको एक परफेक्ट हॉलिडे डेस्टिनेशन बनाती हैं। केवल यही नहीं अगर आपको इतिहास से प्यार है और आप चाहते हैं कि आपकी वेकेशन भी कुछ वैसी ही हो तो उसके लिए भी मशोबरा में पूरा इंतजाम है। मशोबरा को हिमाचल का छोटा शिमला कहा जाता है। यहाँ का कल्चर देखने के लिए दूर दूर से लोग आते हैं। कुल मिलाकर मशोबरा वो खूबसूरत पहाड़ी शहर है जो इतिहास प्रेमियों, नेचर लवर, रोमांच पसंद और संस्कृति को समझने की चाहत रखने वालों के लिए एकदम सही जगह है।
क्या देखें?
1. रिजर्व फॉरेस्ट सैंक्चुरी
मशोबरा को पंछी प्रेमियों के लिए जन्नत कहा जाता है और ऐसा क्यों है इसकी वजह हम आपको बता देते हैं। मशोबरा की रिजर्व फॉरेस्ट सैंक्चुरी एशिया की सबसे बड़ी वॉटर शेड में से है जो पूरे शिमला तक पानी पहुँचाने का काम करती है। केवल यही नहीं ये जगह मशोबरा आने वाले लोगों की बकेट लिस्ट में भी शामिल रहती है। शिमला के लिए पानी का स्त्रोत होने के अलावा ये सैंक्चुरी तमाम तरह के पंछियों का घर भी है। सैंक्चुरी में हरे-भरे पेड़ हैं जो साल भर बहुत सारे प्रवासी पक्षियों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं। ये सैंक्चुरी ट्रेकिंग और हाइकिंग पसंद करने वाले लोगों के लिए भी बहुत अच्छी जगह है। आप यहाँ सिंधु नदी के किनारे कैंप कर सकते हैं और पार्क के आड़े तिरछे रास्तों पर ट्रेकिंग करने का मजा उठा सकते हैं।
समय: सुबह 9 बजे से शाम 6 बजे तक
एंट्री फी: 700 रुपए प्रति व्यक्ति
2. वाइल्ड फ्लावर हॉल
महासू पहाड़ के ऊपर स्थित वाइल्ड फ्लावर हॉल को सुंदरता का पर्याय कहना भी गलत नहीं होगा। ये जगह लगभग 2,500 मीटर की ऊँचाई पर है। इतनी ऊँचाई पर होने की वजह से ये जगह अपने आकर्षक नजारों के लिए फेमस है। वाइल्ड फ्लावर हॉल असल में खारतूम के लॉर्ड किचनर का घर हुआ करता था। 1993 में लगी एक आग में तहस नहस होने के पहले ये जगह लॉर्ड रिपोन का आशियाना भी हुआ करती थी। बाद में हिमाचल प्रदेश सरकार और ओबेरॉय समूह ने मिलकर इस जगह को वापस से बनवाया। इस होटल की आज की तस्वीर इन्हीं दोनों की कोशिशों को वजह से है। आज ये होटल मशोबरा के सबसे आलीशान होटलों में से एक है। सभी आधुनिक सुविधाओं से लैस इस होटल में स्विमिंग पूल, स्पा, योगा सेंटर, टेनिस कोर्ट जैसी सभी चीजें मौजूद हैं।
3. महासू देवता मंदिर
भगवान शिव को समर्पित ये मंदिर मशोबरा के स्थानीय लोगों के लिए बहुत महत्वपूर्ण जगह है। इस मंदिर को महासू देवता के सम्मान में बनाया गया था। असल में मशोबरा और उसके आसपास के ग्रामीण इलाकों में भगवान शिव को महासू देवता के नाम से जाना जाता है। मशोबरा आने वाले हर घुमक्कड़ की लिस्ट में ये मंदिर जरूर होता है। लेकिन इस मंदिर की लोकप्रियता एक और वजह से भी है। मशोबरा में मनाया जाने वाला महासू जत्र फेस्टिवल दो दिनों तक चलने वाला भव्य उत्सव होता है। जिसको मई के तीसरे मंगलवार को मनाया जाता है। इस फेस्टिवल के दौरान तरह-तरह के पारंपरिक गाने, नत्ती ट्राइबल डांस, धनुष बाण प्रतियोगिता जैसी चीजों का आयोजन किया जाता है। अगर आप भारत में महासू जत्र फेस्टिवल को अच्छे से देखना चाहते हैं तो आपको मशोबरा आना चाहिए।
समय: सुबह 7 बजे से शाम 7 बजे तक
4. क्रैग्नानो
इटालियाई फोटोग्राफर पेलाइट द्वारा बनवाया गया क्रैग्नानो असल में एक भव्य विला है जो अपने हैरान कर देने वाले नजारों के लिए जाना जाता है। समुद्र तल से 7,700 फुट की ऊँचाई पर बना ये विला मशोबरा के टूरिस्ट स्पॉट्स में से एक है। पेलाइट ने विला अपने देश इटली के सम्मान में बनवाया था जो आज मशोबरा की खूबसूरती को दोगुना कर रहा है। इस विला की बनावट लकड़ी से की गई है। विला के आसपास कलकल बहते झरने और ऊँचे देवदार के पेड़ हैं जो आपको पहाड़ी सौंदर्य का एहसास दिलाता है। इस विला की मुख्य पहचान है इसकी वाटर लिफ्ट जिसे दुनिया की सबसे ऊँची लिफ्ट कहा जाता है। आर्किटेक्चर का बेहतरीन नमूना होने और टूरिस्टों की पसंदीदा जगह होने के अलावा ये विला रोमांच प्रेमियों के लिए भी बहुत खास है। विला में से समय पर रॉक क्लाइंबिंग, फिशिंग जैसी चीजें होती रहती हैं जो यहाँ आने वाले टूरिस्टों को खूब पसंद आता है।
5. द प्रेसिडेंशियल रिट्रीट
मशोबरा की रिट्रीट बिल्डिंग भारत के राष्ट्रपति को आधिकारिक रिट्रीट निवास स्थान है। शिमला और मशोबरा घूमते समय हर घुमक्कड़ आर्किटेक्चर के इस बेहतरीन नमूने को जरूर निहार लेना चाहता है। बिल्डिंग का ढांचा आपको पुराने जमाने की याद दिलाता है। इसका हरा भरा बगीचा और आसपास के नजारों को देखकर हर घुमक्कड़ का दिल खुश हो जाता है। 10,000 वर्ग फुट से अधिक में फैली इस जगह को पूरी तरह से लकड़ी से बनाया गया है। इस बिल्डिंग को बनाने में ढज्जी तकनीक का इस्तेमाल किया गया है जो इसको बाकी सबसे एकदम अलग बनाता है। 16 कमरों वाली ये जगह चारों तरफ से जंगलों से घिरी हुई है। हर साल गर्मियों में राष्ट्रपति दो हफ्तों के लिए रिट्रीट का दौरा करते हैं। इस समय राष्ट्रपति का पूरा ऑफिस इस जगह पर शिफ्ट हो जाता है।
6. तत्तापानी
तत्तापानी ताजे पानी की झील है जो मशोबरा की महत्वपूर्ण जगहों में से एक है। इस झील पर आप कई सारे रोमांचक खेल खेलने का आनंद उठा सकते हैं। अगर आप ऋषिकेश और मनाली की भीड़ से दूर रहकर रिवर राफ्टिंग का मजा उठाना चाहते हैं तो आपको मशोबरा की इस झील को देखने आना चाहिए। रिवर राफ्टिंग के अलावा तत्तापानी गर्म पानी के कुंड के लिए भी फेमस है। कहते हैं इन कुंड में डुबकी लगाने से सारी बीमारियां ठीक हो जाती हैं। कई लोग तो रिलैक्स करने के लिए भी इनमें डुबकी लगाना पसंद करते हैं। इन कुंड में सल्फर होता है जो आपको एकदम तरोताजा कर देगा।
7. लक्कड़ बाजार
अगर आप पहाड़ी खूबसूरती को अपने साथ घर वापस ले जामा चाहते हैं तो मशोबरा का लक्कड़ बाजार आपके लिए एकदम सही जगह है। अगर आपको हैंडीक्राफ्ट पसंद है तो ये जगह आपको बहुत अच्छी लगेगी। इस बाजार में आपको छोटी चीजों के साथ-साथ घर सजाने के लिए भी तमाम चीजें मिल जाएंगी। लक्कड़ बाजार की असली पहचान यहाँ मिलने वाली लकड़ी की चीजें हैं जो होशियारपुर के बढ़ई द्वारा बनाईं जाती हैं। इसके अलावा आप यहाँ से ड्राई फ्रूट्स और प्राकृतिक हर्ब भी खरीब सकते हैं।
8. चाडविक वॉटरफॉल
ग्लेन जंगलों के अंदर स्थित इस वाटरफॉल को प्रकृति का अद्भुत करिश्मा कहना भी गलत नहीं होगा। 86 मीटर की ऊँचाई से गिरती ये वॉटरफॉल देखने में बहुत शानदार लगती है। वॉटरफॉल का पानी बेहद साफ है जो इसको और भी सुंदर बना देता है। देवदार पेड़ों से भरी घाटी में बड़ी ये वॉटरफॉल मशोबरा के सबसे सुकून दायी अनुभवों में से है। अगर आप चाडविक वॉटरफॉल देखने आना चाहते हैं तो आपको बारिश के मौसम में आना चाहिए। इस समय पूरी वॉटरफॉल पानी से लबालब भरी होती है जो आपके घूमने के एहसास को और भी बढ़ा देगा।
कैसे पहुँचें?
मशोबरा आने के लिए आपको ज्यादा मेहनत नहीं करनी होती है। शिमला और मशोबरा दोनों ही जगहें देश के बाकी हिस्सों से अच्छी तरह जुड़ी हुई हैं इसलिए आप आराम से यहाँ आ सकते हैं।
फ्लाइट से: अगर आप फ्लाइट से मशोबरा आना चाहते हैं तो उसके लिए आपको शिमला एयरपोर्ट आना होगा। ये एयरपोर्ट मशोबरा से मात्र 13 किमोमीटर की दूरी पर है जिसको तय करने में 45 मिनट का समय लगता है। इसके अलावा आप चंडीगढ़ एयरपोर्ट से भी मशोबरा आ सकते हैं जो 120 किमी. की दूरी पर है। चंडीगढ़ आने के लिए आपको देश के सभी बड़े शहरों से आसानी से फ्लाइट मिल जाएगी इसलिए इसमें भी कोई परेशानी नहीं होगी। चण्डीगढ़ से आप सरकारी बस या प्राइवेट कैब लेकर मशोबरा पहुँच सकते हैं।
ट्रेन से: ट्रेन से मशोबरा आने के लिए आपको शिमला रेलवे स्टेशन के लिए गाड़ी लेनी होती है। शिमला रेलवे स्टेशन मशोबरा से 11 किमी. की दूरी पर है। शिमला पहुँचने के बाद आप बाकी का रास्ता रोड से तय कर सकते हैं।
वाया रोड: अगर आप रोड से मशोबरा आना चाहते हैं तो उसमें भी कोई परेशानी नहीं होगी। देश के सभी बड़े शहरों से बसें चलती हैं जिनसे आप आसानी से मशोबरा पहुँच सकते हैं।
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