कश्मीर में पहाड़ और नदियां तो सभी देखते हैं पर वास्तव में जन्नत तो यहाँ छुपी है !

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Photo of कश्मीर में पहाड़ और नदियां तो सभी देखते हैं पर वास्तव में जन्नत तो यहाँ छुपी है ! by We The Wanderfuls

"अगर इस धरती पर कहीं स्वर्ग है तो यहीं है, यहीं है, यहीं है..." ये कहावत सुनते ही आपके मन में कश्मीर का ख्याल तो आ ही गया होगा। आखिर किसी ने कश्मीर की इस बेहतरीन खूबसूरती को बेहद सरल शब्दों में जो समझाया है। धरती पर मौजूद इस स्वर्ग में पिछले कई वर्षों से अलग-अलग कारणों की वजह से बहुत ही कम पर्यटकों का जाना होता था लेकिन अब स्थितियां बदल रही हैं और बहुत से पर्यटक कश्मीर को अपनी पहली पसंद बनाकर यहाँ घूमने के लिए जाने लगे हैं। अब कश्मीर का नाम आये और पहलगाम का जिक्र ना हो ऐसा तो हो नहीं सकता।

पहलगाम अपनी एक अलग ही खूबसूरती के लिए जाना जाता है यहाँ बहती खूबसूरत क्रिस्टल ब्लू रंग के पानी वाली नदी हो या अद्भुत खूबसूरती से भरी घाटियां, पहलगाम की खूबसूरती किसी से छिपी नहीं है और अगर धार्मिक दृष्टि से देखें तो पहलगाम अमरनाथ यात्रा पर जाने वाले भक्तों के लिए भी एक बेहद महत्वपूर्ण स्थान है।

लेकिन आज हम आपको पहलगाम की एक बेहद खूबसूरत और अनोखी जगह के बारे में बताने जा रहे हैं जिसके बारे में कश्मीर आने वाले बेहद कम पर्यटकों को ही जानकारी रहती है और इस जगह आपको कश्मीर की एक अलग ही खूबसूरती जिसे किसी जन्नत से कम बिलकुल नहीं कहा जा सकता, वो दिखने वाली है।

जी हाँ हम बात कर रहे हैं पहलगाम की बैसरन घाटी की जहाँ बैकग्राउंड में असंख्य देवदार के पेड़ों और बेहद ऊँची ऊँची बर्फ से ढकी पर्वतमालाओं के साथ सामने एक बेहद विशाल घास के मैदान के साथ जो नज़ारा आपको देखने को मिलता है.. यकीन मानिये इसकी एक झलक आपको ये विश्वास दिला देगी की कश्मीर को स्वर्ग बताने वाली वो कहावत एकदम सच्ची है!

अभी तक आपका मन यहाँ जाने का तो हो ही चूका होगा, तो चलिए अब बैसरन वैली के बारे में हम आपको पूरी जानकारी बताते हैं जिससे आपको अपनी यात्रा प्लान करने में कोई दिक्कत ना हो ।

पहलगाम में बैसरन वैली कैसे पहुंचे?

पहलगाम में आप चाहें तो मार्केट के आस पास से या फिर जहाँ आप रुकें हैं वहीं से घोडा करके बैसरन वैली के लिए निकल सकते हैं लेकिन अगर आप टैक्सी या खुद के वहां से पहलगाम आये हैं तो आप पहलगाम मार्केट से करीब 3-4 किलोमीटर दूर बैसरन वैली के ट्रेक के प्रवेश द्वार तक पहुँच सकते हैं। आपको बता दें की किसी भी मोटर वाहन की अनुमति इस द्वार तक ही सीमित रहती है।

यहाँ पहुंचकर आपको एक बोर्ड दिखने वाला है जिसमें बैसरन घाटी की दुरी 5 किलोमीटर और इसके अलावा बीच में ही कुछ अन्य पर्यटन स्थलों जैसे पहलगाम वैली व्यू पॉइंट, कश्मीर वैली व्यू पॉइंट की दुरी भी बताई गयी है। यहाँ से आप अपनी सुविधानुसार तय कर सकते हैं की आप आगे घोड़े से जाना चाहते हैं या फिर पैदल ट्रेक द्वारा।

ट्रेक की शुरुआत में बना सूचना बोर्ड

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कश्मीर में घुड़सवारी का एक अलग ही आनंद होता है जो आपको जरूर लेना चाहिए। चूँकि हमने पहले ही गुलमर्ग में और पहलगाम की बेताब वैली में घुड़सवारी कर ली थी तो हमने इस ट्रेक को पैदल ही प्राकृतिक खूबसूरती का आनंद लेते हुए पूरा करने का निश्चय किया। तो आपको बता दें की ये एक बेहद आसान और सीधा ट्रेक है जिसमें मुश्किल से आपको 1-1.5 घंटे का समय लगेगा और पैदल ट्रेक में काफी सारे शॉर्टकट्स लेते हुए हम जब बैसरन वैली के प्रवेश द्वार तक पहुंचे तो हमें महसूस हुआ की ट्रेक की दुरी मुश्किल से 2-3 किलोमीटर की रही होगी जिसमें सिर्फ अंतिम 200 मीटर में हमें थोड़ी चढ़ाई मिली। और साथ ही जो भी पर्यटन स्थल बोर्ड पर दिखाए हुए थे वो भी रास्ते में ही आपको दिख जाते हैं जहाँ आप कुछ देर नज़ारे का आनंद ले सकते हैं।

तो इसके अनुसार आप यहाँ जाने के के माध्यम को चुन सकते हैं और अगर आप घोड़ों से जाना चाहते हैं तो थोड़ी भाव-तौल की प्रैक्टिस जरूर कर लें :)

ट्रेक के दौरान कुछ सुकून भरे पल

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ट्रेक के दौरान बरतने वाली सावधानियां

वैसे कश्मीर का ये ट्रेक बेहद सरल है और ऐसी कोई खास परेशानी आपको इस ट्रेक में नहीं आने वाली है। लेकिन अब चाहें आप घोड़ो से जाएं या फिर पैदल ट्रेक करके, आपको आम सावधानियां तो बरतनी ही चाहिए जैसे बिना जल्दबाजी के छोटी जलधाराओं को पार करना और घोड़ो पर हमेशा सचेत होकर बैठना क्योंकि आपकी छोटी गलती ही आपको घोड़े से नीचे पड़े पत्थरों पर गिरा सकती है। साथ ही अगर आप बारिश के समय या फिर बारिश के कुछ समय बाद यहाँ जाने वाले हैं तो आपको रास्ते में बहुत कीचड मिल सकता है जिस वजह से ट्रेक करना मुश्किल हो जायेगा तो उस समय की परिस्थितियों के अनुसार ही बैसरन वैली ट्रेक को पूरा करने का प्लान करें।

बैसरन घाटी कब जाएँ?

कश्मीर की खूबसूरती हर मौसम में अपने एक नए रूप के साथ पर्यटकों को लुभाती रहती है इसीलिए यहाँ आप किसी भी मौसम में जायेंगे तो आपको प्रकृति की इस खूबसूरत देन से मोहब्बत ही होने वाली है। ठीक वैसे ही बैसरन वैली भी आप साल में किसी भी समय जा सकते हैं। हर मौसम की अपनी एक अलग खूबसूरती है और साथ ही उससे जुडी कुछ सावधानियां।

अगर आप सर्दियों में दिसंबर से मार्च महीने तक जाते हैं तो आपको ट्रेक के साथ ही बैसरन वैली में भी चारों बर्फ की सफ़ेद चादर मिलने वाली है और उसे साथ ही दूर-दूर तक ऊँची पहाड़ियों और देवदार के पेड़ भी बर्फ से ढके मिलेंगे जिससे नज़ारा बेहद शानदार दिखने वाला है लेकिन आपका ट्रेक करके इस वैली तक जाना बेहद मुश्किल हो जायेगा। हालाँकि घोड़ों के द्वारा आप इस अद्भुत नज़ारे को देखने बैसरन घाटी तक जा सकते हैं।

इसी तरह अगर आप गर्मियों में यहाँ जाते हैं तो यहाँ का दृश्य आपको हरियाली से भरे चारों ओर नज़ारों के साथ एक बेहद विशाल घास से बने कालीन जैसा ये दिखाई देने वाला है और इसके साथ बैकग्राउंड में बेहद विशाल बर्फ से ढकी पर्वतमालाएं इस नज़ारे पर चार चाँद लगा देती हैं।

वहीँ बारिश के समय जैसे जुलाई से नवंबर के बीच आपको वैली की हरियाली तो बेहद सुन्दर दिखने वाली हैं लेकिन पर्वतों पर बर्फ की सफ़ेद चादर ना होकर गहरे हरे व भूरे रंग के पहाड़ इस घाटी का एक अलग ही अंदाज़ पेश करते हैं।

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बैसरन वैली और मिनी स्विट्ज़रलैंड

कश्मीर की इस शानदार घाटी को मिनी स्विट्ज़रलैंड भी कहा जाता है ऐसा कहने के पीछे यहाँ मौजूद ऊँचे-ऊँचे असंख्य देवदार के पेड़ और विशाल घास का मैदान हो सकता है। लेकिन हमारी समझ में इस अद्भुत जगह की किसी भी अन्य जगह से तुलना नहीं की जानी चाहिए क्योंकि ये अपने आप में एक बेहद अनोखी और बेहद खूबसूरत प्राकृतिक विरासत हैं जहाँ हमें खुद को प्रकृति के बेहद करीब महसूस करने का मौका मिलता है।

प्रवेश टिकट और अन्य खर्चे

अगर आप घोड़ो के साथ बैसरन घाटी जा रहे हैं तो उसका खर्चा आपकी नेगोसिएशन स्किल्स यानि भाव तौल की महारत पर ही निर्भर करेगा और अगर आप पैदल इस ट्रेक को पूरा करने वाले हैं तो आपको सिर्फ बैसरन वैली के प्रवेश द्वार में प्रवेश करने से पहले टिकट लेना होगा। टिकट का शुल्क 30 रुपये प्रति व्यक्ति है जिसके लिए कोई समय सीमा नहीं है।

बैसरन घाटी में जल-पान की सुविधाएँ

घाटी में आपको कुछ छोटे रेस्टोरेंट्स मिल जायेंगे जहाँ आपको नाश्ता कर सकते हैं जैसे मैगी, परांठे और कुछ फ़ास्ट फ़ूड वगैरह और जगह के हिसाब से इनकी रेट भी आपको उचित ही मिलने वाली है। साथ ही बच्चों के लिए बिस्कुट, चिप्स के साथ ही पानी की बॉटल्स भी आपको यहाँ आसानी से मिल जाएगी। लेकिन ट्रेक के दौरान आपको किसी तरह की कोई दूकान नहीं मिलने वाली तो उसी के अनुसार आप बैसरन वैली ट्रेक पर निकलें।

फोटो क्रेडिट: MyLoview

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जल-पान के लिए छोटे रेस्टोरेंट्स

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अगर आप ऐसे ही कुछ और बेहतरीन स्थानों और जानकारियों के बारे में जानना चाहते हैं तो आप हमारे यूट्यूब चैनल WE and IHANA पर या फिर हमारे इंस्टाग्राम अकाउंट @weandihana पर भी जा सकते हैं।

इसके अलावा आप चाहें तो हमारा पहलगाम का बैसरन वैली का वीडियो भी देख सकते हैं:

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