जब आप किसी यात्रा पर होते हैं तो अजनबी शहर में बिना किसी काम के यूंही भटकना नागवार नहीं लगता। इन अनजाने शहरों से आप बहुत कुछ ले लेते हैं। पहले तो ये शहर आपके जेहन में आ जाता है और दूसरा आप उस शहर को जानने लगते हैं। आज आपको ऐसे ही अनजान शहर के बारे में बताने जा रहा हूँ। जहाँ खूबसूरती ऐसी पसरी है जैसे नदी किनारे पत्थर। यहाँ चारों हवा से बातें करते पहाड़ हैं, झरझर बहती नदियाँ हैं और कलकल करते झरने हैं। तो चलिए आज आपको ले चलते केरल के कोट्टयम की सैर पर।
कोट्टयम केरल के प्राचीन शहरों में से एक है। कोट्टयम नाम मलयालम भाषा से लिया गया है। कोट्ट का अर्थ होता है किला और अकम का अर्थ है, अंदर या भीतर। इस प्रकार कोट्टयम का अर्थ है, किले के अंदर। कोट्टयम का साहित्य में बहुत योगदान रहा इसलिए इसे शब्दों का शहर भी कहा जाता है। कोट्टयम के पुराने शहर को अब कुन्नूपुरम के नाम से जाना जाता है। कोट्टयम के बनने की एक रोचक कहानी है। यहाँ के राजा थेक्कूमकूर ने एक किला बनवाया, थालीइल कोट्ट। इसे किले के अंदर एक गाँव बसाया गया। जो बाद में एक बड़े शहर में तब्दील हो गया। जो आज कोट्टयम के नाम से जाना जाता है।
क्या देखें?
कोट्टयम कुदरत का एक बेहतरीन नमूना है। जिस ओर देखो सुंदरता ही सुंदरता है। चारों तरफ टीले, पहाड़ और हरियाली ही दिखाई देती है। कई जगहें तो इतनी खूबसूरत हैं कि आपका मन मोह लेंगी। इसलिए कोट्टयम में क्या देखें? इसकी चिंता करने की बजाए कुछ छूट न जाए इसकी चिंता करें।
1- कुमाराकोम
प्रकृति के सुगमता और शांति जहाँ हो वो जगहें सबसे खूबसूरत होती हैं। अगर आप ऐसी ही जगह पर जाना चाहते हैं तो कोट्टयम से 13 किमी. दूर एक छोटा-सा गाँव है, कुमारकोम। वेंबनाड झील के किनारे बसा ये शहर प्राकृतिक खूबसूरत से भरा हुआ है। कदम-कदम पर यहाँ की सुंदरता आपको आश्चर्यचकित कर देगी। आप यहाँ बोट की सैर कर सकते हैं, मछली पकड़ने का आनंद ले सकते हैं। यहाँ एक बर्ड सैंक्चुरी है जो 14 एकड़ में फैली है। ये साइबेरियन पक्षियों के लिए घर जैसा ही है। ये पक्षी अन्य पक्षियों के साथ बड़े आराम से रहते हैं। आप कुमारकोम आएँ तो इस सैंक्चुरी को जरूर देखें।
2- इलावीझापुनचिरा
कोट्टयम की सबसे फेमस जगह अगर कोई है तो वो है इलावीझापुनचिरा हिल स्टेशन। कोट्टयम से 60 किमी. दूर होने के बावजूद लोग इस जगह पर आना पसंद करते हैं। उसकी वजह है इस हिल स्टेशन की सुंदरता। इस हिल स्टेशन की सबसे खास और अजीब बात ये है कि यहाँ एक भी पेड़ नहीं है। इसके बावजूद इलावीझापुनचिरा हिल स्टेशन सनराइज और सनसेट के लिए सबसे बेस्ट जगह मानी जाती है। ये हिल स्टेशन तीन पहाड़ियों से घिरा हुआ है, मनकुन्नु, कुदायाथूरमाला और थोनीप्परा। इस जगह के बारे में कहा जाता है कि यहाँ पांडवों की द्रौपदी का पूल था। मानसून के समय ये हिल स्टेशन और भी खूबसूरत लगता है। कोट्टयम आएँ तो इस हिल स्टेशन को अपनी बकेट लिस्ट में जरूर रखें।
3- पूंजर पैलेस
पहाड़ की खूबसूरती और नदियों की सुरम्यता के अलावा यहाँ कुछ ऐतहासिक जगहें भी हैं। इन्हीं में से एक है पूंजर पैलेस। ये पैलेस पुराने समय के राजा-महाराजाओं की याद दिलाता है। इस पैलेस की दीवारें लकड़ियों से बनी हैं और जो आज तक टिकी हुई हैं। ये बेहतरीन कारीगरी का एक अद्भुत नमूना है। इसके अलावा पैलेस में पुराने समय के फर्नीचर भी दिखने को मिल जाएँगे। जिसका सबसे बड़ा आकर्षण पालकी रहती है। दीवारों पर नक्काशी भी कमाल की है जिसको देखकर उस समय की कला के बारे में समझ में आता है। इसके अलावा हथियार और कई प्रकार की मूर्तियाँ हैं जिसमें नटराज की भी मूर्ति है। यहाँ एक शंख भी रखा हुआ है जिसे दो साल में एक बार पूजा के लिए निकाला जाता है। कोट्टयम आएँ तो इस जगह के गवाह बनना ना भूलें।
4- मरमला वाटरफाॅल
अगर आप कोट्टयम में एडवेंचर की चाहत रखते हैं तो ये शहर आपको निराश नहीं करेगा। कोट्टयम से 45 किलोमीटर दूर एक जगह है, इराट्टुपेट्टा। यहाँ प्रकृति की कारगरी का एक और खूबसूरत नमूना है। 196 फुट की ऊँचाई से गिरना वाले झरने को देखकर आपका मन खुश हो जाएगा। मगर यहाँ तक पहुँचने के लिए घने जंगलों के बीच से ट्रेकिंग करके आना पड़ता है। इस वजह से ये सफर और जगह खास बन जाते हैं। ये वाटरफाॅल कोट्टयम के सबसे खूबसूरत जगहों में से एक हैं। कोट्टयम आएँ तो इस जगह पर भी आ सकते हैं।
5- वेगामन
कोट्टयम के आसपास खूबसूरत जगहों की कमी नहीं है। कोट्टयम में वेगामन हिल स्टेशन ऐसी जगह है जिसके बिना ये सफर अधूरा ही है। वेगामन हिल स्टेशन खूबसूरत है तीन पहाड़ियों की वजह से, थंगल हिल, मुरूगन पहाड़ी और कुरिसमाला। वेगामन की दूरी कोट्टयम से 64 किमी. है। मुन्नार की तरह वेगामन में भी बहुत सारे टी-गाॅर्डन्स हैं। जो इस हिल स्टेशन को हरा-भरा रखते हैं। वेगामन में चारों तरफ हरियाली ही हरियाली है, पहाड़ों के शानदार नजारे हैं और टहलने के लिए शांति और सुकून से भरे रास्ते हैं। कुल मिलाकर एक परफेक्ट हिल स्टेशन है वेगामन।
6- लिल्लिकल कल्लु
कोट्टयम को लोगों ने कम एक्सप्लोर किया है लेकिन ये जगह सुंदरता का पर्याय है। अगर आप एडवेंचर प्रेमी हैं तो लिल्लिकल कल्लु पहाड़ी ट्रेकिंग का मौका देती है। ये कोट्टयम की सबसे बेहतरीन जगहों में से एक है जिनको एक्सप्लोर किया जाना चाहिए। इस पहाड़ी की ऊँचाई समुद्र तल से 3,400 फीट है। वहाँ तक पहुँचने के लिए आपको 3 किमी. का ट्रेक करना होगा। लिल्लिकल कल्लु पहाड़ी तीन पहाड़ियों से मिलकर बनी है, कुदा कल्लु, नीला कोडुवेली और कूनु कल्लू। इस पहाड़ी पर एक ब्रिज भी पड़ता है जिसे नरकापलम के नाम से जाना जाता है। ट्रेकिंग सिर्फ 3 किमी. की है लेकिन इतनी आसान नहीं फिसलन भरे रास्ते की वजह से ये खतरनाक ट्रेकिंग मानी जाती है। पहाड़ी के टाॅप से जो नजारा दिखाई देता है वो सारी थकान और डर को भगा देता है। ऐसे ही नजारों के लिए ही तो करते हैं घुमक्कड़ी।
कहाँ ठहरें?
वैसे तो कोट्टयम आप किसी भी मौसम में जा सकते हैं लेकिन सबसे अच्छा समय सर्दियों का है। केरल में गर्मी बहुत पड़ती है ऐसे में घूमने का मजा किरकिरा हो सकता है इसलिए नवंबर से फरवरी तक कभी भी जाइए। ये जगह आपको जन्नत से कम नहीं लगेगी। कोट्टयम एक बहुत बड़ा शहर है इसलिए यहाँ ठहरने की तो कोई समस्या आने वाली नहीं है। यहाँ आप अपने बजट के हिसाब से छोटे-बड़े होटल में ठहर सकते हैं। इसके अलावा यहाँ हाॅस्टल भी बहुत सारे हैं। सुविधाओं के हिसाब से उनका रेट अलग-अलग है। आप अपने बजट के हिसाब से हाॅस्टल ले सकते हैं।
कैसे पहुँचे?
कोट्टयम सड़क, रेल और रेलवे से अच्छी तरह से जुड़ा है। आप किसी से भी कोट्टयम बड़े आराम से पहुँच सकते हैं।
ट्रेन सेः
अगर आप कोट्टयम टेन से जाने की सोच रहे हैं कोट्टयम में ही रेलवे स्टेशन है। कोट्टयम जंक्शन तक केरल आने वाली लगभग सभी ट्रेनें यहां से होकर गुजरती हैं। देश के कई बड़े शहरों से यहां के लिए ट्रेनें चलती हैं। इसलिए आप कोट्टयम ट्रेन से पहुँच सकते हैं।
फ्लाइट सेः
अगर आप फ्लाइट से कोट्टयम जाना चाहते हैं तो सबसे नजदीकी एयरपोर्ट कोच्चि है। जो कोट्टयम से 90 किमी. की दूरी पर है। एयरपोर्ट से आप टैक्सी बुक करके कोट्टयम आ सकते हैं या फिर बस से कोट्टयम पहुँचा जा सकता है।
सड़क मार्ग सेः
अगर आप बस से आना चाहते हैं तो केरल के किसी भी शहर से आपको कोट्टयम के लिए बस मिल जाएगी। अगर आप खुद की गाड़ी से कोट्टयम जाना चाहते हैं तब भी आपको दिक्कत नहीं होगी। आप बड़े आराम से कोट्टयम तक पहुँच सकते हैं।
क्या आपने कभी केरल के कोट्टयम की यात्रा की है? अपने सफर का अनुभव यहाँ लिखें।
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