वैसे तो यह आर्टिकल मुझे बहुत पहले लिख देना चाहिए था क्योकि बात एक साल पुरानी है पर कल यानी कि 20 अक्टूबर को हम इसका दूसरा अध्याय लिख रहे है तो सोचा की पहले से सभी को रूबरू करा देते है । हमारे एक बड़े भैया है, नाम है प्रवीण सिंह बिष्ट । उन्हे राइडिंग का बड़ा शौक, शौक तो क्या जुनून है । जहां भी जाते है अपने बुल यानी की बाइक पर ही जाते है, बाइक भी उन्ही की तरह सबसे अलग है जिस पर आर्मी कलर हो रखा है और वो भी भैया जी ने खुद ही किया है । ऐसे ही हमारे एक दूसरे मित्र है जिनहे बुलेट या रॉयल इंनफील्ड का नशा है, नाम है अमित जांगिड़ । अमित जी मानो बाइक की डॉक्टर है और साथ ही साथ राइडिंग को लेकर उतने ही जुनूनी ।
अब एक मैं प्रवीण भैया के साथ बैठते हुए बात कर रहा था तो उन्होने बोला की कोटा मे एक भी राइडिंग कम्यूनिटी नहीं है जो सक्रियता से काम कर रही है तो मैंने बोला की इसमे क्या प्रोब्लम है, हम बना लेते है और बात करते करते यह चीज़ पहुंची हमारे तीसरे मित्र अमित भैया के पास । अमित भैया भी मानो तैयार बैठे थे , मुझे आज भी याद है अमित भैया के घर के नीचे वाले रूम मे बैठ के हमने इसका नाम रखा था The Riders Regiment (हालांकि इसका नाम पहले कुछ और था पर वो कहानी फिर कभी) और शॉर्ट मे TRR ।
तो अब क्लब बन गया था तो एक राइड भी करवानी थी, थोड़ा पूछा तो पता चला की कोटा मे राइड या तो होती ही नहीं है और होती है तो कोई कंपनी खुद की गाड़ियों की ही राइड करवाती है, कहने का मतलब यह था की कोटा मे पब्लिक राइड अभी तक नहीं हुई थी जो की पूरी तरह से ट्रैफिक रूल्स का पालन करने पर जोर दिया हो व उस राइड में कोई भी गाड़ी और सभी लोग आ सके ।
तो हमने इस राइड को करने की ठानी और नाम दिया KOTA ON WHEELS । इसके लिए हम लोगो ने बहुत मेहनत की थी, प्रवीण भैया उनके ऑफिस से 6 या 7 बजे आते थे और हम दोनों निकला करते थे अलग अलग राइडर्स से मिलने और उन्हे राइड मे बुलाने के लिए । अमित भैया रोड मैप और बाकी चीज़ों का ध्यान रखते थे । हमने इवैंट को सोशल मीडिया पर लाइव किया और तब हमे पता चला की इवैंट प्लान करने से ज्यादा मुश्किल था लोगो को समझाना की इस इवैंट मे होगा क्या, किसी को यह प्रोब्ल्म थी की उसके पास बाइक अच्छी नहीं है, किसी का यह कहना था की हमे देखकर लोग क्यू प्रेरित होंगे, कोई तो हेलमेट पहनने के लिए ही तैयार नहीं था । पर फिर भी काफी लोग हो गए थे जो की कोटा की पहली पब्लिक राइड मे आने के लिए तैयार थे यहाँ तक की कोटा के बाहर से प्रवीण भैया के 10 से 12 दोस्त आए थे जो की बहुत ही अव्वल दर्जे थे राइडर थे । इवैंट से एक दिन पहले कोई नहीं सो पाया क्योकि बहुत कुछ चल रहा था दिमाग मैं की लोग आएंगे या नहीं, पर जब सुबह शहीद स्मारक पहुंचे तो देखा हुआ की कुछ लोग अपनी अपनी बाइक्स के पास खड़े हुए थे और थोड़ी ही देर मे वहाँ 60 से 70 बाइक्स खड़ी हुई थी और लोग बहुत खुश थे की ऐसा कुछ कोटा मे होने जा रहा है ।
फ्लेग ऑफ हुआ और हमारा काफिला चल पड़ा अपने पड़ाव की और, राइड से पहले ही सभी लोगो को रुल्स बता दिये थे की सभी को हेलमेट पहनना अनिवार्य है, सभी को लेफ्ट साइड मे दो पंक्ति मे चलना है ताकी ट्रैफिक ना रुके, और कोई भी ना किसी को ओवेरटेक करेगा और ना बेवजह हॉर्न बजाएगा, और सभी ने इन रुल्स का पूर्णतया पालन किया । जिस तरह से लोग हमे राइड करते हुए देख रहे थे वो हम आज तक नहीं भूले है यह हमारी ही राइड थी जिसमे सभी एक समान थे चाहे उसके पास स्कूटी हो या पावर बाइक ।
यह कोई promotional event ना ही था और ना रहेगा क्योकि एक सामाजिक मुद्दा उठाकर प्रमोशन करना हमारी आदत नहीं है यह सिर्फ एक राइड थी जिसका एक ही उद्देश्य था की लोग हेलमेट पहने और ट्रैफिक रूल्स का पालन करे चाहे वह कुछ भी चला रहे हो जरूरी नहीं की आपके पास बड़ी गाड़ी ही हो, आखिर बड़े बदलावो की शुरुआत खुद से और किसी छोटे से ही होती है ।
तो हम कल फिर से मिल रहे है और राइड कर रहे है और यही संदेश देना चाह रहे है की हेलमेट चालन के डर से नहीं बल्कि खुद की सुरक्षा के लिए पहने । तो चलिये कल सुबह मिलते है तब तक LIVE FREE, RIDE HARD.