
मेघालय भारत के सबसे खूबसूरत राज्यों में से एक है। मेघालय में कई अनगिनत शानदार जगहें हैं लेकिन अभी तक कम ही जगहों को लोगों ने एक्सप्लोर किया है। मेघालय में कुदरत की खूबसूरती के अलावा कई दिलचस्प जगहें भी हैं। उन्हीं में एक जगह है, कोंगथोंग। कोंगथोंग शिलॉन्ग से 53 किमी. की दूरी पर स्थित एक छोटा-सा गाँव है। पहाड़ और हरियाली से घिरे इस गाँव में सभी लोग आपस में सीटी बजाकर बात करते हैं। यही वजह है कि इस गाँव को व्हिसल विलेज के नाम से भी जाना जाता है।

मेघालय के इस गाँव में खासी जनजाति के लोग रहते हैं। ये लोग लंबे समय से सीटी के माध्यम से आपस में बात करते हैं। व्हिसल विलेज के बारे में कहा जाता है कि यहाँ हर व्यक्ति को दो नाम हैं। एक सामान्य शब्दों वाला और दूसरा सीटी वाला नाम होता है। हर इंसान का व्हिसलिंग नाम अलग-अलग होता है। इन्हीं नाम से लोग एक दूसरे को बुलाते हैं। आपको इस दिलचस्प गाँव की यात्रा जरूर करनी चाहिए।
क्या देखें?
1- नोहकलिकाई फॉल्स
नोहकलिकाई मेघालय के सबसे खूबसूरत झरनों में से एक है। इसे देखकर आप मंत्रमुग्ध हो जाएँगे। इस वाटरफॉल के नाम के पीछे एक कहानी है। कहा जाता है कि लिकाई नाम की महिला ने एक कुली से शादी की। लड़की होने के बाद पति की मौत गई। महिला ने दूसरी शादी की और कुली का काम करने लगी। अपने काम की वजह से महिला बच्ची का ख्याल नही रख पा रही थी जिससे उसके पति को नफरत होने लगी।
उसके पति ने लड़की को मारकर, उसका खाना खाया। जब महिला काम से लौटी तो उसे वही खाना दिया गया। जब उसके खाने में उंगली मिली तो वो सारी बात समझ गई। गुस्से में महिला झरने में कूद गई। स्थानीय भाषा में नोह का मतलब, कूद गई। तब से इस वाटरफॉल का नाम नोहकलिकाई फॉल्स पड़ गया।
2- मॉवस्माई केव
मेघालय में घूमते हुए आपको ऐसे कई अजूबे मिलेंगे कि देखकर आप हैरान रह जाएँगे। कोंगथोंग में प्राकृतिक गुफाओं का एक समूह है जिसका रखरखाव मेघालय पर्यटन विभाग द्वारा किया जाता है। इस जगह के रंग-बिरंगे शैवाल सैलानियों को बहुत आकर्षित करते हैं। ऐसा दृश्य कम ही जगहों पर देखने को मिलता है। मेघालय आएँ तो इस जगह पर जाना न भूलें। कोंगथोंग से मॉवस्माई गुफा लगभग 50 किमी. की दूरी पर है।
3- नोशन्गिथिआंग फॉल्स
मेघालय में कई बेहद शानदार झरने हैं। उन्हीं में से एक है, नोशन्गिथिआंग वाटरफॉल। नोशन्गिथिआंग फॉल्स दरअसल एक नहीं बल्कि सात झरनों का एक समूह है। नोशन्गिथिआंग जलप्रपात देश का चौथा सबसे ऊंचा झरना है। खासी पहाड़ियों पर सूर्यास्त का समय यहाँ बेहद सुंदर सूर्यास्त देखने को मिलता है। आपको इस झरने को मेघालय में जरूर देखना चाहिए।
4- लैटलम घाटी
कोंगथोंग के पास में एक शानदार घाटी है, लैटलम घाटी है। इस घाटी की वजह से भी मेघालय का पूरब का स्कॉटलैंड कहा जाता है। लैटलम घाटी की सुरम्य वादियां, हरियाली और पहाड़ देखकर आप इन में खो जाएँगे। लैटलम घाटी के अलावा आप मौकदक दिपमेम वैली को भी एक्सप्लोर कर सकते हैं। कांगथोंग से मौकदक दिपमेम घाटी सिर्फ 23 किमी. दूर है। इस घाटी में आप जिप लाइन और पैराग्लाइडिंग भी कर सकते हैं।
5- वाह-काबा जलप्रपात
मेघालय खूबसूरत जलप्रपातों का घर है। पहाड़ों और जंगल से घिरा वाह काबा जलप्रपात को देखकर आपके मुंह के वाह काबा ही निकलेगा। कोंगथोंग से वाह काबा झरना 43 किमी. की दूरी पर है। वाह काबा के अलावा आप रेनबो फॉल्स को भी देख सकते हैं। इस झरने तक पहुँचने के लिए एक कठिन चढ़ाई करनी पड़ती है। जब आप इस झरने के नजारे को देखेंगे तो बाकी सब कुछ छूमंतर हो जाएगा।
कैसे पहुँचे?
शिलॉन्ग से कांगथोंग 53 किमी. की दूरी पर है। सबसे निकटतम एयरपोर्ट शिलांग में उमराई हवाई अड्डा है। सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन गुहावटी में है। कांगथोंग पहुँचने के लिए आप गुवाहटी और शिलांग से सूमो या कैब कर सकते हैं। अगर आपके पास खुद की गाड़ी है तो वाया रोड आसानी से कोंगथोंग पहुँचा जा सकता है।
कब जाएँ?
वैसे तो आप मेघालय के कोंगथोंग गाँव में आप कभी भी जा सकते हैं लेकिन अक्टूबर से अप्रैल का समय घूमने के लिए सबसे बेस्ट माना जाता है। इस दौरान मौसम साफ और सुहावना होता है। आपको कोंगथोंग के खूबसूरत नजारे देखने को मिलेंगे। व्हिसलिंग विलेज में घूमने के लिए बहुत कुछ है। हर कोई यहाँ जाना चाहेगा। आप भी इस जगह पर जाने का प्लान बना लें।
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