इस रोज मर्रा की भागदौड़ भरी जिंदगी में जहां हम पूरी कोशिश करते है कि हमारा जीवन खुशहाली से भरा हो। इसके लिए हम रोजाना काफ़ी मेहनत भी करते हैं, ताकि हम और हमारा परिवार खुशहाल जीवन व्यतीत कर सकें। लेकिन रोजाना सेम शेड्यूल के कारण आप ना केवल खुद के लिए बल्कि अपने परिवार के लिए भी समय नहीं निकाल पाते हैं। इस सेम शेड्यूल के कारण न केवल आप बोर हो जाते हैं बल्कि आप स्ट्रेस में भी रहते हैं। इस सेम शेड्यूल के चलते आपकी मेंटल हेल्थ भी बहुत ही बुरे तरीके से प्रभावित होती हैं। इस वजह से बहुत से लोगों को तनाव और डिप्रेशन का भी सामना करना पड़ता हैं। अगर आप भी इस सेम शेड्यूल के कारण तनाव और डिप्रेशन महसूस कर रहे हैं तो आज हम इस आर्टिकल के ज़रिए आपको इससे बचने का तरीका बताएंगे!
आपने अक्सर लोगों के मुंह से सुना होगा कि अपने भागदौड़ भरी जिंदगी में जब ज्यादा स्ट्रेस हो जाए, तो आपको ट्रैवल थेरेपी लेनी चाहिए। ट्रैवल थेरेपी पिछले काफी वक्त से लोगों के बीच में लोकप्रिय हो रही हैं। लोग ट्रैवल थेरेपी के बाद सुखद और खुशनुमा महसूस कर रहे हैं। आज हम आपको बताएंगे कि यह ट्रैवल थेरेपी हैं क्या?
क्या हैं ट्रैवलिंग थेरेपी?
एक्सपर्ट्स की माने तो एक सेम शेड्यूल बहुत सी मानसिक स्वास्थ्य बीमारियों को जन्म दे सकती हैं, जैसे कि अवसाद, तनाव, बाइपोलर डिसऑर्डर इत्यादि। ट्रैवल थेरेपी के जरिए आपका मन प्रसन्न हो उठता है और टेंशन और डिप्रेशन दूर हो जाते हैं। एक्सपर्ट्स का कहना हैं कि पानी की कल-कल करती आवाज मन को शांति देने का काम करती हैं, इसके साथ ही हिल स्टेशन का एटमॉस्फेयर बहुत ही सुखद होता हैं। सुबह सुबह पहाड़ों को निहारते हुए चिड़ियो की आवाज़ सुनने से सुकून तो मिलता ही हैं साथ ही साथ आदमी रिलैक्स महसूस करता हैं। जैसा की कहा गया हैं कि घुमक्कड़ी एक शास्त्र हैं और घुमक्कड़ी चिकित्सा भी हैं। ट्रैवल से आपको नये विचार आते हैं और नई ऊर्जा मिलती हैं। ट्रैवल करने से हमारा तनाव कम हो जाता है और दिल प्रसन्न हो उठता हैं। दरअसल अलग-अलग जगहों की सैर करना ही ट्रैवल थेरेपी हैं।
ट्रैवलिंग थेरेपी से होने वाले फायदे
1. अगर हम ट्रैवल पर निकलते हैं, तो ये हमें खुद को खोजने में मदद करता हैं। फिर हम दोस्तों या परिवार के साथ यात्रा पर जाएं या फिर खुद अकेले ही बस्ता पैक कर निकल पड़े। खुद को समझने के लिए ट्रैवल बहुत जरूरी होता हैं।
2. ट्रैवल करने से आप जिंदगी के अकेलेपन से भी बाहर निकलते हैं। ऐसे में जब कभी भी आपको तनाव महसूस हो या फिर वर्क प्रेशर लगे तो आप कुछ दिनों के लिए घुमक्कड़ी पर निकल जाएं।
3. ट्रैवल करने से व्यक्ति के अनुभव में भी वृद्धि होती हैं।इसके साथ ही वो खुद को एक्सप्लोर भी करता हैं।
4. कभी-कभी किसी नई जगह की यात्रा करना और नए लोगों से मिलना हमें जीवन के प्रति एक अलग दृष्टिकोण देता हैं।
5. ट्रैवल के दौरान आप बीच पर घूमने, लेक और रिवर के सुंदर नजारों का लुत्फ उठाते हैं। ये चीजें आपके तनाव और डिप्रेशन को कम करने का काम करती हैं।
6. ट्रैवल करने से हमें दुनिया देखने का एक नया नजरिया मिलता है यह नजरिया ना केवल हमें हमारी परेशानियों से जूझने में मदद करता है बल्कि हमें उम्मीद की एक नई किरण भी दिखाता है। जैसे अगर आप पहाड़ पर जाएंगे तो आपको यह देखने को मिलेगा कि किस तरह पहाड़ की जिंदगी इतनी कठिन होने के बावजूद वहां के लोग इतना खुश रहते हैं। यह हमें एक नई आशा देगा कि किस तरह हम भी अपनी जिंदगी में खुश रहे और ईर्ष्या दुख रोज इत्यादि से दूर रहें जोकि तनाव अवसाद जैसी बीमारियों का कारण बनते है।
7. ट्रैवलिंग के दौरान कभी-कभी हमें कुछ ऐसे अनुभव मिल जाते हैं जो कि बाद में आने वाले बहुत सालों तक हमें अच्छी यादें देते हैं।
8. यात्रा व्यक्तिगत विकास और आत्म-प्रतिबिंब का अवसर भी प्रदान कर सकती है, जो भावनात्मक उपचार में मदद कर सकती है।
9. अपने आराम क्षेत्र से बाहर निकलने से हमें नई ताकतों और कमजोरियों की खोज करने और हमारे मूल्यों, विश्वासों और प्राथमिकताओं की बेहतर समझ मिलती हैं।
10. कुछ लोगों के लिए, यात्रा एक आध्यात्मिक अनुभव हो सकती है, जो प्रकृति से जुड़ाव, समर्पण और आत्म-खोज का अवसर प्रदान करती है।
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