पश्चिम बंगाल अपनी और संस्कृति और पुरानेपन के लिए जाना जाता है। जहाँ जाकर लगता है कि असली भारत की पहचान यही है। इसी बंगाल में है रविन्द्रनाथ टैगोर का शांतिनिकेतन। जहाँ की रग-रग में शांति बसती है। शांतिनिकेतन असल में एक यूनिवर्सिटी है, जिसमें आपको चारों तरफ रविन्द्रनाथ टैगोर की झलक दिखाई देगी। शांतिनिकेतन एक अलग ही दुनिया है, जहाँ आकर आप बाहर की दुनिया को भूल जाएंगे। यहाँ के शांत माहौल में आपको इतना सुकून मिलेगा कि आपका यहाँ से वापस जाने का मन नहीं करेगा। हर घूमने वाले को एक बार जरूर शांतिनिकेतन की सैर करनी चाहिए।
शांति निकेतन कोलकाता से लगभग 180 किमी. दूर बीरभूम जिले के बोलपुर में स्थित है। शांतिनिकेतन की स्थापना देवेन्द्रनाथ ठाकुर ने की थी। बाद में ये जगह उनके बेटे रविन्द्रनाथ टैगोार की वजह से मशहूर हो गई। रविन्द्रनाथ टैगोर ने पथ भवन की शुरूआत की। इस स्कूल में शुरू में 5 बच्चे पढ़ने आए। उन्होंने प्रकृति के बीच कक्षाओं को चलाने का अनोखा तरीका शुरू किया। बाद में इस स्कूल का नाम विश्व भारती यूनिवर्सिटी होग गया। ऐसे की कई अनोखी जगह हैं रविन्द्रनाथ टैगोर के सपनों के शहर, शांति निकेतन में।
1. टैगोर हाउस
शांति निकेतन में रविन्द्रनाथ टैगोर जिस जगह पर सबसे ज्यादा वक्त बिताते थे। उसे टैगोर हाउस के नाम से जाना जाता है। रविन्द्रनाथ टैगोर के पिता देवेन्द्रनाथ ने इस भवन को बनवाया था। बंगाल के आर्किटेक्चर में बनी ये बिल्डिंग वाकई खूबसूरत है। ये इमारत काफी बड़ी और इसमें कई कमरे भी हैं। इसी बड़े भवन में कई चित्र और पेंटिंग्स हैं। रविन्द्रनाथ टैगोर को जानने और समझने के लिए टैगोर हाउस एक अच्छी जगह है। अगर आप शांति निकेतन जाते हैं तो जगह पर जाना न भूलें।
2. कला भवन
शांति निकेतन की सबसे खास जगहों में से एक है, कला भवन। कला भवन को देखते ही आप समझ जाएंगे कि ये कल्चर और आर्ट से जुड़ी हुई है। इसी कला भवन में विश्व भारती शिक्षा संस्थान है। रविन्द्रनाथ टैगोर ने ही इसकी स्थापना की थी। कला भवन के दीवारों पर कुछ चित्र बने हुए हैं जो अपनी ओर आकर्षित करते हैं। यहाँ पर पूरी दुनिया से लोग पढ़ने के लिए आते हैं। आप भी इस जगह को देख सकते हैं।
3. विश्व भारती यूनिवर्सिटी
विश्व भारती यूनिवर्सिटी शांति निकेतन की सबसे खास जगहों में से एक है। यहाँ पर आपको आश्रम व्यवस्था देखने को मिलेगी। पेड़ के नीचे क्लास होती है और विद्यार्थी जमीन पर बैठते हैं। यहाँ पर पढ़ाई का कोर्स भी एकदम अलग होता है। प्रकृति से जुड़कर शिक्षा का महत्व यहाँ पर समझाया जाता है। शांति निकेतन में इसकी शुरूआत रविन्द्रनाथ टैगोर ने की थी। कला प्रेमियों को ये जगह बहुत पसंद हैं क्योंकि ये म्यूजिक, डांस और सांस्कृतिक कलाओं का हब है।
4. रविन्द्र भारती म्यूजियम
अगर आपको रविन्द्रनाथ टैगोर और उनके साहित्य के बारे जानना है तो आपको रविन्द्र भारती म्यूजियम आना चाहिए। शांति निकेतन के इस संग्रहालय में रविन्द्रनाथ टैगोर की साहित्यिक और कला से लेकर सभी रचनाएं आपको मिल जाएंगी। अगर आपको बंगाली सस्ंकृति के बारे में जानना है तब भी आपको इस म्यूजियम में जाना चाहिए। यहाँ पर आपको बहुत कुछ देखने को मिलेगा।
5. अमर कुटीर
अमर कुटीर शांति निकेतन की देखने वाली जगहों में से एक है। इस जगह को शांति निकेतन को एनसाईक्लोपीडिया कहा जाता है। अमर कुटीर में पारंपरिक तरीके से बनाए गए उत्पादों को बेचा जाता है। यहाँ आपको हथकरघा, हैंडीक्राफ्टस और भी बहुत कुछ मिल जाएंगे। अगर आप शांतिनिकेतन जाते हैं तो अमर कुटीर से कोई पारंपरिक उत्पाद जरूर खरीदें।
6. छातीमताला
छातीमताला शांति निकेतन की फेमस जगहों में से एक है। इसकी स्थापना भी रविन्द्रनाथ टैगोर ने की थी। छातीमताला पेड़ों से घिरी हुई हरी-भरी जगह है जिसकी स्थापना कला, ध्यान और योग जैसी एक्टिविटीज को करने के लिए की गई थी। यहाँ पर आप आएंगे तो बेहद शांति और सुकून पाएंगे। वो एक जगह होती है न, जहाँ हम खुद से बात करते हैं। वैसी ही जगह है, छातीमताला।
7. सोनाझुरी हाट
शांति निकेतन और बंगाली माहौल को देखना है तो आपको सोनाझुरी हाट देखना चाहिए। शांति निकेतन में पूरे हफ्ते में एक बार सोनाझुरी हाट लगती है। इस वीकल हाट में ग्रामीण इलाकों से आर्टिस्ट आते हैं और अपने हाथों से बनाए सामान को बेचते हैं। यहाँ की पेटिंग्स आपको बहुत पसंद आएंगी। इस हाट में संथाल जनजाति के लोग डांस और गाते हुए भी दिख जाएंगे। आपको शांति निकेतन का प्लान हाट को देखते हुए बनाना चाहिए। इसके अलावा भी शांति निकेतन में आपको बहुत कुछ देखने को मिलेगा।
कैसे पहुँचे?
ट्रेन सेः शांति निकेतन जाने का सबसे आसान तरीका है, रेल मार्ग। सबसे निकटतम बोलपुर रेलवे स्टेशन है जो शांति निकेतन से सिर्फ 2 से 3 किमी. की दूरी पर है। बोलपुर जंक्शन कोलकाता के हावड़ा और सियालदाह रेलवे स्टेशन से अच्छी तरीके से कनेक्टेड है।
फ्लाइट सेः यदि आप फ्लाइट से शांति निकेतन आने का प्लान बना रहे हैं तो सबसे नजदीकी कोलकाता का दमदम एयरपोर्ट है। एयरपोर्ट से शांति निकेतन लगभग 200 किमी. की दूरी पर है। आप बस से आराम से शांति निकेतन तक पहुँच सकते हैं।
वाया रोडः अगर आप सड़क मार्ग से शांति निकेतन जाने का सोच रहे हैं तो कोलकाता होते हुए आसानी से पहुँच सकते हैं। अगर आप बस से जा रहे हैं तो कोलकाता, दुर्गापुर और गुवाहटी जैसे शहरों से शांति निकेतन के लिए बसें आराम से मिल जाएंगी। अगर आपके पास खुद की गाड़ी है तब तो आपको कोई भी दिक्कत नहीं आएगी।
कब जाएँ?
वैसे तो आप शांति निकेतन पूरे साल में कभी भी जा सकते हैं लेकिन ये नहीं भूलना चाहिए कि बंगाल में गर्मी खूब पड़ती है। इस वजह से शांति निकेतन को अच्छे से घूमने के लिए सबसे बेस्ट टाइम नवंबर से फरवरी का है। शांति निकेतन जैसी फेमस जगहों पर आपको रहने में कोई दिक्कत नहीं आएगी। यहाँ आसपास खूब सारे होटल हैं। आप अपने बजट के हिसाब से इनमें ठहर सकते हैं।
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