भारत का छत्तीसगढ़ राज्य अपनी विशाल वन सम्पदा के लिए जाना जाता है।इस राज्य की प्राकृतिक सौंदर्य का कोई जोड़ नहीं है,साथ ही एक और चीज है जो यहां देखने को मिलती है और वो यहां की संस्कृति।इस राज्य के लोग आज भी अपनी संस्कृति की जड़ों से जुड़े हुए हैं।यही कारण है कि आज यह राज्य एक नए पर्यटन स्थल के रूप में उभर कर सामने आ रहा है। यहां एक से बढ़कर एक ऐसी जगह है जहां आप अपनी छुट्टियां सुकून और शांति से व्यतीत कर सकते है।ऐसी ही एक जगह है किरंदुल जोकि एक बहुत ही खूबसूरत हिल्स स्टेशन है।अगर आप भी इस मानसून किसी शांत और खूबसूरत वादियों की तलाश में हैं तो आपकी तलाश यहां खत्म हो जाएगी। आज हम आपको इस खूबसूरत हिल्स स्टेशन के बारे में बताएंगे जहां आप खूबसूरत वादियों में सुकून के पल बिता पाएंगे।
किरंदुल
किरंदुल भारत के छत्तीसगढ़ राज्य के दंतेवाड़ा से लगभग 41 किलोमीटर की दूरी पर स्थित एक बहुत ही सुन्दर शहर है।यह एक पठारी क्षेत्र है।यहां पर आपको कई आदिवासी समाज के लोग मिलेंगे जो यहां आज भी निवास करते है जैसे मारिया, मुरिया, धुरवा, हलबा, भात्रा और गोंड शामिल हैं। किरंदुल मुख्य तौर पर अपनी लौह अयस्क खानों के लिए जाना जाता है।किरंदुल किसी जमाने में एक रियासत भी रह चुका है।प्राकृतिक रूप से सम्पन्न इस जगह पर आपको प्रकृति के सुंदर नजारे देखने को मिलेंगे। चारों तरफ़ हरियाली और सुकून भरा वातावरण इस जगह की पहचान है।
किरंदुल के मुख्य आकर्षण
मलांगिर वॉटरफॉल
किरंदुल की सबसे फेमस जगहों में मलांगिर वाटरफॉल का नाम सबसे पहले आता है।खूबसूरत हरे भरे जंगल और छोटे बड़े पहाड़ों से गिरता यह झरना देखने में बहुत ही खूबसूरत लगता है।मानसून के दिनों में इस जगह की खूबसूरती और भी अधिक बढ़ जाती है जब झरना पानी से भरा होता है तब यहां पर्यटक इस झरने की खूबसूरती देखने आते है और इस झरने में नहाते और एंजॉय करते है।
कदमपाल टैलिंग बांध
किरंदुल स्थित कदपाल बांध का प्रयोग सिंचाई और बिजली का उत्पादन के लिए किया जाता है।खूबसूरत वनों के बीच स्थित होने के कारण यह एक फेमस पिकनिक स्पॉट भी है।आस पास के हरियाली भरे दृश्य देखने में काफी मनमोहक लगते हैं। वहां आस पास ऐसे कई स्थान है जहां आप पिकनिक मना सकते है और अपना पूरा दिन बीता सकते है।आप चाहे तो आस पास के जंगलों में ट्रैकिंग भी कर सकते है।
दंतेश्वरी मंदिर
यह मंदिर छत्तीसगढ़ के कुछ लोकप्रिय धार्मिक स्थानों में से एक है।ऐसी मान्यता है की यहां पर देवी सती का दांत गिरा था इस लिए यह एक शक्तिपीठ है।लोग बहुत दूर दूर से इस मंदिर के दर्शन करने आते है।अगर आप भी अपनी यात्रा के दौरान किसी धार्मिक स्थल पर जाना चाहते है तो आप यहां जा सकते है।
किरंदुल आयरन माइंस
जैसा कि हम सब जानते है कि छत्तीसगढ़ माइंस की खुदाई में के लिए जाना जाता है।अगर आप माइंस की खुदाई के विषय में और अधिक विस्तार से जानना चाहते है तो आपको यहां स्थित माइंस के कारखाने को एक बार जरूर देखना चाहिए।इसके लिए आपको यहां के विशेष अधिकारी से अनुमति लेनी होगी।किरंदुल आयरन माइंस को कई लोग बैलाडीला आयरन माइंस के नाम से भी जानते हैं।
बतिसा मंदिर
यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित एक बहुत ही खूबसूरत मंदिर है।भगवान शिव का यह मंदिर आस्था के साथ-साथ अपनी आकर्षक वास्तुकला के लिए भी जाना जाता है।इसकी सिमेट्रिक डिजाइन और मंदिर की खूबसूरती इस शहर की समृद्ध ऐतिहासिक विरासत का जीता जागता सबूत है।मंदिर के दो मुख्य आकर्षण है एक वहां स्थित शिवलिंग और दूसरी भगवान शिव की विशाल मूर्ति।
किरंदुल घूमने का सबसे अच्छा समय
वैसे तो यहां किसी भी मौसम में आ सकते हैं लेकिन अगर आपको प्रकृति की असली खूबसूरती देखनी है तो आपको यहां मानसून के मौसम में आना चाहिए जब चारो तरफ़ हरियाली होती है तो इस जगह की खूबसूरती देखने लायक होती है।
कैसे पहुंचें
किरंदुल पहुंचने के लिए आपको सबसे पहले दंतेवाड़ा पहुंचना होगा जो की यहां से लगभग 41 किमी की दूरी पर है।यहां से टैक्सी से आप किरंदुल पहुंच सकते है।दंतेवाड़ा,रायपुर, हैदराबाद तथा विशाखापट्टनम जैसी शहरों से अच्छी तरह से सड़क मार्ग से जुड़ा हुआ है।इसके अलावा दंतेवाड़ा रेल सुविधा से भी जुड़ी हुई है, विशाखापट्टनम से दो नियमित रेल दंतेवाड़ा आते हैं |दंतेवाड़ा से निकटतम हवाई अड्डा जगदलपुर है जो मात्र 88 किमी की दूरी पर हैं।
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