उत्तराखंड के चार धामों एवं पांच केदार मे से एक , ग्यारहवें ज्योतिर्लिंग केदारनाथ जी के कपाट आज ग्रीष्मकाल के लिए खोल दिए हैं। देश विदेश से श्रद्धालु आज यहाँ केदारनाथ जी की डोली के साथ पहुंचे हैं।यह भी सुना गया हैं कि मई और जून में लगभग सभी होटल्स के कमरे फुल हैं ,केदारनाथ के लिए हेलीकाप्टर की सुविधा भी फुल हो चुकी हैं।अगर आप केदारनाथ धाम दर्शन की तैयारी कर रहे हैं तो ये कुछ बाते आपके लिए काफी काम की है -
1. उत्तराखंड के चार धाम में से केवल यमुनोत्री एवं केदारनाथ में ही कुछ किलोमीटर की पैदल चढ़ाई होती हैं।केदारनाथ में यह पैदल यात्रा गौरीकुंड से शुरू होती हैं। यह करीब 18 किमी का पैदल रास्ता आप खच्चर या पालकी से भी पूरी कर सकते हैं।
2.खच्चर या पालकी की सेवा आपको गौरीकुंड से ही उचित दर में मिल जाती हैं।इन सबके अलावा आप हेलीकाप्टर से भी केदारनाथ धाम तक पहुंच सकते हैं।हेलीकाप्टर की सुविधा फाटा ,उत्तरकाशी और एकाध जगह से और मिलती हैं।
3. हेलीकाप्टर की ऑनलाइन बुकिंग मई महीने और शायद जून की भी पूरी हो चुकी हैं।लेकिन कुछ बुकिंग ऑफलाइन भी ON THE SPOT भी होती हैं। आप वहा किस्मत आजमा सकते हैं।अमरनाथ की तरह यहाँ आपको हेलीकाप्टर से उतरने के बाद कोई 2 - 3 किमी नहीं चलना पड़ता हैं। हेलीकाप्टर सीधे होटल्स के आसपास ही उतारता हैं।
4. दिवाली 2021 के दौरान में कपाट बंद होने वाले दिन मैं वही था ,अनुभव यह रहा कि अपनी होटल्स की ,ऊपर केदारनाथ धाम में एडवांस्ड में बुकिंग करवा ले। उन्हें यह भी कह दे कि हम कमरे सुबह उजाला होने के बाद ही खाली करेंगे। दरअसल कई बार , कपाट बंद होने वाले दिन ,होटल्स को रात को 1 -2 बजे खाली करने के लिए बाधित किया जाता हैं।
5. अगर आप मई/जून में नहीं जा पा रहे हैं तो सितम्बर और अक्टूबर सबसे उचित समय हैं इस यात्रा का। इस दौरान कम भीड़ होने से यात्रा काफी कम बजट मे ही हो जायेगी।
6. यात्रा पर अपने साथ गर्म कपड़े ,मफलर ,दस्ताने ,कई मौजे ,एक्स्ट्रा इनरवीयर ,मेडिकल किट ,जरुरी दवाइया ,गर्म पानी की बोतल ,रेनकोट,चश्मा ,केश पैसा आदि रखना ना भूले।
7.अगर आपने नए जूते लिए हैं और आप यात्रा पैदल करना चाहते हैं तो उचित रहेगा यात्रा से करीब 15 दिन पहले से रोज उन्ही जूतों को पहन के कुछ किलोमीटर टहल ले।ध्यान रखे यात्रा पर ट्रेक के दौरान पैरों के नाख़ून अच्छे से कटे हो।
8.गौरीकुंड पहुंचने के लिए हरिद्वार और ऋषिकेश से बस सर्विसेज चालू रहती हैं। ये बसे आपको सोनप्रयाग उतारती हैं। सोनप्रयाग से लोकल शेयर्ड जीप से आप कुछ ही मिनटों में गौरीकुंड पहुंच सकते हैं। गौरीकुंड एक रात आराम कर सुबह 4 बजे से आप पैदल ट्रेक चालू कर सकते हैं।कमरा ना मिलने पर आप सोनप्रयाग या त्रियुगनरायण में भी रुक सकते हैं।अगर आपकी खुद की गाडी से यात्रा हो रही हैं ,तो पार्किंग की सुविधा सोनप्रयाग में अवेलेबल हैं।
9.केदारनाथ धाम में कमरे/टेंट आपको 500 रूपये से 10000 रूपये तक में मिल सकता हैं। यह दर ,कमरों की अवेलेबिलिटी पर निर्भर हैं।
10.ऊपर मंदिर से थोड़ा दूर कुछ भंडारे भी लगते हैं। आप चाहे तो भंडारे में प्रसाद/भोजन ले सकते हैं।
11. यात्रा शुरू करने के करीब 15 से 20 दिन पहले से ही आप 8 से 10 किमी पैदल चलना प्रारम्भ कर दे। खुद को व्यसन से दूर रखे ,यात्रा पर भी एवं इस से पहले भी।
12. बारिश में भी फोटोग्राफी के लिए , मोबाइल के लिए वाटर प्रोटेक्शन कवर साथ ले लेवे।
केदारनाथ धाम में एवं इसके आसपास यह जगहे और घूमी जा सकती हैं -
1. भैरव बाबा मंदिर : केदारनाथ दर्शन के बाद मंदिर के पास से ही ,यह एक छोटा से करीब 2 किमी का ट्रेक हैं। जिसे पूरा कर आप भैरव बाबा के दर्शन कर सकते हैं। वही से ही आप केदारनाथ घाटी का पूरा व्यू भी देख सकते हैं।
2. आदि गुरु शंकरचार्य जी का समाधी स्थल : यह स्थल मंदिर के एकदम पीछे ही स्थित हैं। यहाँ पिछले साल ही दिवाली के अगले दिन नरेंद्र मोदी जी ने अदि गुरु शंकराचार्य जी की प्रतिमा का लोकार्पण किया और उसी के अगले दिन कपाट बंद हो गए। यह जगह इस बार सभी के लिए नई होगी।
3. केदारनाथ धाम दर्शन के बाद आप अगर पंचकेदार में से एक और केदार ,तुंगनाथजी के दर्शन करना चाहते हैं तो यह पवित्र स्थल भी यहाँ से ज्यादा दूर नहीं हैं। परन्तु ,यहाँ भी कुछ किलोमीटर का पैदल ट्रेक तो आपको करना ही होगा।
अगर ज्यादा भीड़ वाले समय केदारनाथ यात्रा ना करके सितम्बर/अक्टूबर में करे तो सब बुकिंग एडवांस्ड में करली जाए तो यह यात्रा बहुत सुकून से और अधिकतम 10000 रूपये के अंदर ही की जा सकती हैं।
- ऋषभ भरावा (लेखक -'चलो चले कैलाश ')
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