अलग ही आकर्षण है खजुराहो की मूर्तियों में....

Tripoto
6th Feb 2021
Photo of अलग ही आकर्षण है खजुराहो की मूर्तियों में.... by Kalpana Srivastav

खजुराहो का जिक्र आते ही सबसे पहले वहाँ की कामुक मूर्तियाँ दिमाग में आ जाती है। परंतु खजुराहो प्रसिद्ध है अपनी भव्यता, खूबसूरती और ऐतिहासिक मंदिरों के लिये। इन मंदिरों पर की गई बारीक नक्काशी, वास्तुकला और आकर्षित मूर्तियाँ खजुराहो को अन्य मंदिरों से अलग करती है। नारी सौन्दर्य की कोमलता को जिस तरह पत्थरों में उतार दिया है वो देखते ही बनता है।

इन मूर्तियों में बस जान फूकना ही बाकी है

Photo of अलग ही आकर्षण है खजुराहो की मूर्तियों में.... by Kalpana Srivastav

पर क्या आप जानते है कि लगभग 1,000 साल पुराने चंदेल राजाओं द्वारा बनवाए गए ये मंदिर मध्यप्रदेश के जंगलों में मिट्टी के टीलों में दबे हुए थे। दुबारा इन मंदिरों की खोज, करीब 180 साल पहले एक अंग्रेज़ अफसर कैप्टन टी. एस. बर्ट ने की। जब वह अपनी टीम के साथ मध्यप्रदेश के खजुराहो के जंगलों से गुजर रहा था, तब उसको यह मंदिर दिखे। उन मंदिरों को देखकर ही उसे एहसास हो गया था कि उसने एक असाधारण खोज की है। 1986 यानि 35 साल पहले यूनेस्को ने इन मंदिरों को विश्व धरोहर की सूची में शामिल कर लिया।

ये देखकर आप उन शिल्पकारों की सराहना किये बिना नही रह सकते

Photo of अलग ही आकर्षण है खजुराहो की मूर्तियों में.... by Kalpana Srivastav

🙏🏻

Photo of अलग ही आकर्षण है खजुराहो की मूर्तियों में.... by Kalpana Srivastav

भारत में जहाँ 'सेक्स या काम' शब्द का बोलना भी अनैतिक माना जाता है। इस विषय पर बात करना, पढ़ना, देखना आदि कुकृत्य माना जाता है। वहीं खजुराहो के मंदिर अपनी कामुक, नग्न मूर्तियों के लिये विश्व विख्यात है। लाखों देसी-विदेशी पर्यटक यहाँ आते है। महत्वपूर्ण बात ये है कि इन नग्न, कामुक और कामकला आसनों में बनी इन मूर्तियोंं को देखकर जरा भी अश्लीलता या भोंडेपन का अहसास नहीं होता है। बल्कि इन मूर्तियों को देखकर पवित्रता का अनुभव होता है। इन मूर्तियों के चेहरों पर एक अलौकिक और दैवी आनंद की आभा झलकती है।

बहुत ही खूबसूरत कृती

Photo of अलग ही आकर्षण है खजुराहो की मूर्तियों में.... by Kalpana Srivastav

श्रृंगार करती युवती

Photo of अलग ही आकर्षण है खजुराहो की मूर्तियों में.... by Kalpana Srivastav

शिल्पकार की कारीगरी

Photo of अलग ही आकर्षण है खजुराहो की मूर्तियों में.... by Kalpana Srivastav

चंदेल राजाओं द्वारा बनवाए गए ये मंदिर गुलाबी, बादामी और पीले रंगों के साथ बलुई पत्थर से बने हुए है। कहते है कि यहाँ 85 मंदिर हुआ करते थे, परंतु बाहरी आक्रमण और प्राकृतिक आपदाओं के कारण बहुत से मंदिर ध्वस्त हो गये और अब यहाँ सिर्फ 22 मंदिर ही बचे है।

खजुराहो के प्रसिद्ध मंदिर पश्चिमी, पूर्वी और दक्षिणी 3 भागो में विभाजित है।

कंदारिया महादेव का मंदिर

Photo of अलग ही आकर्षण है खजुराहो की मूर्तियों में.... by Kalpana Srivastav

कंदारिया महादेव का मंदिर

Photo of अलग ही आकर्षण है खजुराहो की मूर्तियों में.... by Kalpana Srivastav

भाव भंगिमाएं

Photo of अलग ही आकर्षण है खजुराहो की मूर्तियों में.... by Kalpana Srivastav

दिवार पर उकेरी गई कारीगरी

Photo of अलग ही आकर्षण है खजुराहो की मूर्तियों में.... by Kalpana Srivastav

👌🏻

Photo of अलग ही आकर्षण है खजुराहो की मूर्तियों में.... by Kalpana Srivastav

पश्चिमी भाग में कंदारिया महादेव का मंदिर भगवान शिव को समर्पित और काम शिक्षा के लिए प्रसिद्ध है। ये खजुराहो का सबसे विशाल तथा विकसित शैली का मंदिर है। इस मंदिर की बाहरी दीवारों पर कुल 646 मूर्तियाँ जिसमे सुर-सुंदरी, नर-किन्नर, देवी-देवता व प्रेमी-युगल सुंदर रूपों में अंकित है। अंदर की दीवारों में भी 226 मूर्तियाँ है। इतनी मूर्तियां शायद अन्य किसी मंदिर में नहीं हैं। मंदिर में शिव की चौमुखी प्रतिमा है।

मतंगेश्वर मंदिर

Photo of अलग ही आकर्षण है खजुराहो की मूर्तियों में.... by Kalpana Srivastav

2½ मीटर ऊँचा शिवलिंग

Photo of अलग ही आकर्षण है खजुराहो की मूर्तियों में.... by Kalpana Srivastav

कहते है कि यह शिवलिंग जितना जमीन के ऊपर है उतना ही जमीन के नीचे है।

Photo of अलग ही आकर्षण है खजुराहो की मूर्तियों में.... by Kalpana Srivastav

खजुराहो का सबसे प्राचीन मतंगेश्वर मंदिर पिरामिड शैली में बना है। गर्भगृह में ढाई मीटर ऊंचा और एक मीटर व्यास का एक शिवलिंग है।

लक्ष्मण मंदिर

Photo of अलग ही आकर्षण है खजुराहो की मूर्तियों में.... by Kalpana Srivastav

लक्षमण मंदिर

Photo of अलग ही आकर्षण है खजुराहो की मूर्तियों में.... by Kalpana Srivastav

मंदिर के सामने

Photo of अलग ही आकर्षण है खजुराहो की मूर्तियों में.... by Kalpana Srivastav

खूबसूरत नक्काशी

Photo of अलग ही आकर्षण है खजुराहो की मूर्तियों में.... by Kalpana Srivastav

लक्ष्मण मंदिर को 930 ई. में राजा यशोवर्मन द्वारा बनवाया गया था। मुख्य मंदिर के द्वार पर रथ पर सवार सूर्यदेव की सुंदर प्रतिमा है।

पत्थर पर ऐसी खूबसूरत बनावट

Photo of अलग ही आकर्षण है खजुराहो की मूर्तियों में.... by Kalpana Srivastav

वहां से आगे विश्वनाथ मंदिर जो शिव को समर्पित है। 90 फुट ऊंचे और 45 फुट चौड़े इस मंदिर की सीढ़ियों के आगे दो शेर और हाथी बने हैं। मंदिर के सामने शिव के वाहन नंदी की 6 फुट ऊंची प्रतिमा है।

चित्रगुप्त मंदिर

Photo of अलग ही आकर्षण है खजुराहो की मूर्तियों में.... by Kalpana Srivastav

विश्वनाथ मंदिर के आगे चित्रगुप्त मंदिर सूर्यदेव को समर्पित है। जहाँ 7 घोड़ों के रथ पर सवार भगवान सूर्य की प्रतिमा है। निकट ही हाथ में लेखनी लिए चित्रगुप्त बैठे हैं।

वामन मंदिर

Photo of अलग ही आकर्षण है खजुराहो की मूर्तियों में.... by Kalpana Srivastav

सभी मंदिरों के साथ उद्यान भी है

Photo of अलग ही आकर्षण है खजुराहो की मूर्तियों में.... by Kalpana Srivastav

वामन मंदिर

Photo of अलग ही आकर्षण है खजुराहो की मूर्तियों में.... by Kalpana Srivastav

मंदिर की बाहरी दिवार

Photo of अलग ही आकर्षण है खजुराहो की मूर्तियों में.... by Kalpana Srivastav

पूर्वी मंदिरों में 4 जैन तथा 3 हिन्दू मंदिर हैं। जिसमें ब्रह्मा जी का मंदिर, वामन मंदिर और जवारी मंदिर है। मंदिर की बाहरी दीवारों पर काफी संख्या में मूर्तियां हैं। यहीं पर 4 जैन मंदिर स्थित हैं। जिसमें सबसे महत्वपूर्ण है पा‌र्श्वनाथ जी मंदिर है। जिसके गर्भगृह में आदिनाथजी की प्रतिमा है।

🌼🌼

Photo of अलग ही आकर्षण है खजुराहो की मूर्तियों में.... by Kalpana Srivastav
Photo of अलग ही आकर्षण है खजुराहो की मूर्तियों में.... by Kalpana Srivastav

शिवलिंग जिस पर छोटे छोटे शिवलिंग बने है

Photo of अलग ही आकर्षण है खजुराहो की मूर्तियों में.... by Kalpana Srivastav

मंदिर का उद्यान

Photo of अलग ही आकर्षण है खजुराहो की मूर्तियों में.... by Kalpana Srivastav

दक्षिणी मंदिरों में है दूल्हादेव मंदिर। मंदिर के अंदर एक विशाल शिवलिंग पर 1,000 छोटे-छोटे शिवलिंग बने हैं। यह 12वीं शताब्दी में निर्मित चंदेल राजाओं की अंतिम धरोहर है। इसके बाद दूल्हादेव मंदिर से कुछ दूर चतुर्भुज मंदिर है।

🌺🌺

Photo of अलग ही आकर्षण है खजुराहो की मूर्तियों में.... by Kalpana Srivastav

चतुर्भूज मंदिर

Photo of अलग ही आकर्षण है खजुराहो की मूर्तियों में.... by Kalpana Srivastav

मंदिर के अन्दर

Photo of अलग ही आकर्षण है खजुराहो की मूर्तियों में.... by Kalpana Srivastav

चतुर्भूज मंदिर के बाहर

Photo of अलग ही आकर्षण है खजुराहो की मूर्तियों में.... by Kalpana Srivastav

खजुराहो के मंदिरों की दीवारों को देखकर लगता है कि कामसूत्र की सभी कामक्रियाएं, सभी आसन और भाव भंगिमाएं, शिल्पकार ने मूर्तियों के रूप मे चित्रित कर दिया है। पत्थरों पर बनाई गई इन मूर्तियों को देखने के बाद कोई भी उन शिल्पकारों की तारीफ़ किए बिना नहीं रह सकता।

मूर्तियों की भाव भंगिमाएं देखिये

Photo of अलग ही आकर्षण है खजुराहो की मूर्तियों में.... by Kalpana Srivastav

पैर से कांता निकालती युवती

Photo of अलग ही आकर्षण है खजुराहो की मूर्तियों में.... by Kalpana Srivastav

मंदिर जैसी पवित्र स्थान पर ये मानव उन्मुक्त क्रीड़ाओं की मूर्तियाँ बनाने का पहला कारण था कि जो भी मंदिर के अंदर प्रवेश करे वो अपनी सभी काम, वासना और इच्छाओं को बाहर छोड़ साफ़ मन से प्रवेश करे। इसलिए इन मूर्तियों का चित्रण सिर्फ मंदिर की बाहरी दीवारों पर ही किया गया है। मंदिर के अन्दर देवी-देवताओं की मूर्तियाँ है।

दूसरे बौद्ध धर्म के प्रभाव के चलते नवयुवक गृहस्थ धर्म से विमुख हो रहे थे। इन मंदिरों मे बनाई गई मूर्तियों के माध्यम से यह दर्शाया गया की गृहस्थ रहकर भी मोक्ष प्राप्त किया जा सकता है।

तीसरा तन्त्र शास्त्रों के अनुसार योग तथा भोग दोनों ही मोक्ष के रास्ते खोल देते है।

बाहरी दीवारों पर उकेरी गई खूबसूरत

Photo of अलग ही आकर्षण है खजुराहो की मूर्तियों में.... by Kalpana Srivastav
Photo of अलग ही आकर्षण है खजुराहो की मूर्तियों में.... by Kalpana Srivastav

मध्यप्रदेश के प्रमुख शहर खजुराहो जाने के लिए आप रेल द्वारा सीधे खजुराहो तक पहुंच सकते है। नजदीकी स्टेशन महोबा (61 किमी), हरपालपुर स्टेशन (94 किमी) और झाँसी स्टेशन (172 किमी) किमी) है, यहाँ से भी ट्रेन चेंज करके खजुराहो जाया जा सकता है।

हवाई मार्ग द्वारा भी आप खजुराहो पहुँच सकते है। शहर से खजुराहो एयरपोर्ट 3 किमी दूर है। बिना किसी परेशानी के आप आसानी से इन मंदिरों तक पहुँच सकते। यहाँ पहुंचने के लिए बेहतरीन बस सुविधा भी उपलब्ध है।

खजुराहो में ठहरने के लिए बजट और लग्जरी दोनों तरह के होटल उपलब्ध हैं। यहाँ सालभर पर्यटको की भीड़ रहती है।

एक बार आप खजुराहो अवश्य आयें। आप स्वयं जान जायेंगे कि यहाँ सिर्फ 10% ही कामुक मूर्तियाँ है। अन्य मूर्तियों में मध्यकालीन लोगों के जीवन और दिनचर्या को बहुत खूबसूरती से मूर्तियों का रूप दिया है। इन मंदिरों को देखकर आप जरूर करेंगें कि खजुराहो की कला, दुनिया के लिये अनमोल तोहफ़ा है।

कैसा लगा आपको यह आर्टिकल, हमें कमेंट बॉक्स में बताएँ।

अपनी यात्राओं के अनुभव को Tripoto मुसाफिरों के साथ बाँटने के लिए यहाँ क्लिक करें।

बांग्ला और गुजराती के सफ़रनामे पढ़ने के लिए Tripoto বাংলা  और  Tripoto  ગુજરાતી फॉलो करें।

रोज़ाना Telegram पर यात्रा की प्रेरणा के लिए यहाँ क्लिक करें।

Further Reads