क्योटी जलप्रपात
भारत के सबसे खूबसूरत झरनों में से एक क्योट जलप्रपात रीवा का मुख्य आकर्षण है। वे अपनी विस्मयकारी ऊंचाई के कारण भारत के 24 वें सबसे ऊंचे झरनों में से एक हैं जो मध्य प्रदेश में महाना नदी पर है। इसकी ऊँचाई लगभग 130 मीटर है। क्योटी जलप्रपात अपनी आकर्षक सुंदरता से बहुत सारे ट्रेकर्स और पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता हैं।
इस झरना का जिक्र रामायण में भी आता है इसलिए कई सारे लोग यहां पूजा अनुष्ठान करते हैं। झरने के आसपास कई देवी देवताओं के मंदिर हैं जिनमे से प्रमुख शिव मंदिर है। आप झरने के नीचे भी जा सकते हैं लेकिन नीचे जाने के लिए आपको ट्रैकिंग करना पड़ेगा। इस झरने का दृश्य नीचे से बेहद शानदार दिखाई देता है।
फॉल्स का कोई प्रवेश शुल्क नहीं है और न ही आसपास कोई पार्किंग उपलब्ध है। आप अपनी कार को चट्टान पर कहीं भी पार्क कर सकते हैं और खूबसूरत झरने को निहार सकते हैं। झरने के आसपास कोई भोजन या पानी की व्यवस्था नहीं है इसलिए जब भी जाएँ अपने साथ पहले से ही पर्याप्त भोजन और पानी ले जाएँ।
क्योटी जलप्रपात कब और कैसे जायें
यह झरना मौसमी झरना है इसलिए गर्मी में पानी लगभग सूख ही जाता है लेकिन मानसून में इसकी ख़ूबसूरती देखने लायक होती है। हमारे अनुसार आपको गर्मीं के मौसम को छोड़कर आप अन्य किसी भी मौसम में जा सकते है। जुलाई से दिसम्बर के बीच का समय सबसे अच्छा हो सकता है।
क्योटी जलप्रपात पहुंचना बेहद ही आसान है। यह जलप्रपात रीवा (एमपी) से लगभग 40 किलोमीटर और इलाहाबाद (यूपी) से 95 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इस अविश्वसनीय जगह पर जाने के लिए आप अपने दो या चार पहिये वाहन से जा सकते है या फिर आप टैक्सी बुक करके भी आसानी से पहुंच सकते हैं