दुनिया को वो लोग बिल्कुल पसंद नहीं जो बहुत सारे काम ठीक-ठाक कर लेते हैं। उसे तो हमारे जैसे लोग पसंद हैं, जो एक काम कर पाते हैं लेकिन बेहिसाब करते हैं। मुझे भी एक ही काम आता है, घूमना, बिल्कुल दिल से घूमना... दिल लगा के घूमना... मौज मस्ती करना। और यही मौज मस्ती करते हुए मैं हिमाचल के जिभी में इस ख़ूबसूरत ट्री हाउस से मिली।
आप इस जगह के बारे में बहुत सारी जगहों पर बहुत अच्छे से पढ़ सकते हैं, लेकिन मेरे पास जो अनुभव है, वो आपका दिल छू लेगा। कि कैसे मैं यहाँ तक पहुँची और किस तरह से दो दिन के लिए बहुत ही कम पैसों में रुकी। तो चलिए मेरे साथ...
अपने चार दिन के ट्रिप के लिए जब हम तीर्थन घाटी, गुशैनी और जिभी घूमने का प्लान बना रहे थे, तो हमें गुशैनी आने के लिए औट पहुँचना था, इसलिए हमने दिल्ली वाली बस को मजनू का टीला पर रुकवाया और उसमें ही हमारा खर्च लगभग 1,200 रु. प्रति व्यक्ति पड़ा। बस को सुबह 10:30 पर पहुँचना था लेकिन वो दोपहर 12:30 बजे पहुँची। औट से गुशैनी पहुँचने के लिए आप टैक्सी भी ले सकते हैं या मन करे तो हिमाचल रोडवेज़ की बस पकड़ लें। हम ऐसे ही लेट हो गए थे, तो हमने टैक्सी पकड़ने का प्लान बनाया। 30 किमी0 की दूरी 50 मिनट में तय कर हम गुशैनी पहुँचे, जहाँ हमारी जेब पर 1,200 रु. की और चपत लगी। लेकिन फिर इस ख़ूबसूरत गाँव को हमने निहारा, तो जाकर दिल को सुकूँ मिला। तीर्थन नदी के बगल में बसे इस गाँव में ढेर सारे होमस्टे और होटल उपलब्ध हैं, जो ऑनलाइन बुकिंग की तुलना में काफ़ी सस्ते हैं। हम भी एक ख़ूबसूरत से होमस्टे में 1,200 रु. में ठहरे।
अगर आपके पास 3-4 दिन का वक़्त हो, तो आप द ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क निकल जाएँ, अगर 1 ही दिन हो, तो ट्राउट मछलियाँ पकड़ने का प्लान बनाएँ। यहाँ पर ट्राउट मछलियाँ 500-700 रु. में बिकती हैं और इन्हें पकड़ना भी ख़ासा मुश्क़िल नहीं है। एक दिन के ट्रेक पर आप छुई झरने को देखने भी जा सकते हैं।
अगले दिन हमने इस ख़ूबसूरत जगह को अलविदा कहा और बंजार की ओर चल निकले क्योंकि अब हमें जिभी पहुँचना था। गुशैनी और जिभी का रास्ता बंजार से होकर गुज़रता है। इसके अलावा जिभी और गुशैनी एक दूसरे के बिल्कुल उल्टे पड़ते हैं। बंजार पहुँचने के बाद हमने टैक्सी पकड़ी क्योंकि इस बार हमारी बस छूट गई थी। 7 किमी0 जाने के फिर से 300 रु. खर्च हुए।
जब आप जिभी को पहली बार देखते हैं तो वह स्वर्ग सी ख़ूबसूरती का एहसास कराता है। बिल्कुल पहला प्यार जैसा। यहाँ पर भी आप पहले बुकिंग किए बिना भी कई होमस्टे और होटलों में ठहर सकते हैं। वैसे हमने एयरबीएनबी में बुकिंग की थी।
लेकिन जैसे ही हम इस ट्रीहाउस में पहुँचे, क्या नज़ारा था। हरे भरे पेड़ों से गुलज़ार यह ट्री हाउस, जिसे आप घंटों तक देख सकते हैं। यह जलोड़ी नदी के ठीक ऊपर ही बसा था मानो, इसलिए इस प्यारी लोकेशन पर मुझे तो और भी प्यार आ रहा था। यक़ीन नहीं हो रहा था, कि हम इतनी प्यारी जगह पर ठहर रहे हैं।
यहाँ के कमरे बहुत साफ़ और दिलकश हैं। यहाँ की बालकनी से जलोड़ी नदी के जो ख़बसूरत नज़ारे दिखते हैं, उनका तो कोई हिसाब ही नहीं है। मन करता है कि यहीं की हो जाऊँ। जिभी झरना भी यहाँ से नज़दीक ही है।
हमारे मेज़बान जसवंत भैया और बीना दीदी, उन्होंने इस बीच हमारा पूरा ख़्याल रखा। उन्होंने बहुत जल्दी हमारे लिए बाइक की व्यवस्था की। और उनके प्यारे व्यवहार के बाद उनका खाना बनाने का अंदाज़ और उसका स्वाद, आहा... उँगलियाँ चाटते रह जाइए आप एकदम। क्या राजमा चावल बनाया था उन्होंने, मज़ा आ गया। फिर उन्होंने ट्राउट मछली की करी भी बनाई, वो भी ख़ूब थी। हम यहाँ 3 दिन और 2 रातों के लिए रुके जिसमें नाश्ते को मिलाकर हमारा 2,500 रु. प्रतिदिन का खर्च आया। अगर आप इसे सीधे जसवन्त भैया से बात कर बुक करते हैं, तो आपको और फ़ायदा होगा।
बस यहाँ पर आएँ और अपनी छुट्टियों का आनंद लें।
यहाँ पर आप होटल में ठहर भी सकते हैं, लेकिन असली मज़ा तो बाहर घूमकर ही है। जिभी झरना यहाँ से 1 किमी0 की दूरी पर है। इसके अलावा मैं चाहूँगी कि आप चेन्नी कोठी भी जाएँ। चूँकि यह जंगल में है और थोड़ा ऊँचा है, तो लगभग 500 मी0 की चढ़ाई करनी पड़ेगी। यहाँ पर 1905 में भूकम्प आया था, जिससे दस हज़ार लोगों की जान गई थी। यहाँ के टॉवर का आर्किटेक्चर और इसकी ख़ूबसूरती देखने के लिए तो बिल्कुल ही जाएँ। जलोड़ी पास और सेर्लोस्कर झील भी देखने के लिए शानदार जगहें हैं।
अब थोड़ा बहुत पैसों की भी बात कर ली जाए
1. दिल्ली से औट आने में आपको प्रति व्यक्ति 1,200 रु. का खर्च आएगा।
2. औट से गुशैनी के लिए हिमाचल रोडवेज़ की बस 50-60 रु. लेती है, वहीं टैक्सी से आपको लगभग 1200 रु. पड़ जाएँगे।
3. गुशैनी में 1,100-1,800 रु. में दो लोगों के लिए आसानी से होमस्टे मिल जाएगा।
4. गुशैनी से बंजार तक हिमाचल रोडवेज़ बस 20 रु. में पहुँचा देगी वहीं. टैक्सी से आपका बिल 300-400 का बनेगा।
5. बंजार से हिमाचल रोडवेज़ की बस 20 रु. में पहुँचा देगी, वहीं प्राइवेट टैक्सी में 300-400 रु. तक लग जाएँगे।
6. अगर आप जिभी के इस ख़ूबसूरत ट्रीहाउस में रुकना चाहते हैं, तो इस लिंक पर क्लिक करें।
7. जिभी में लगभग 1,200 रु. में रेंट पर बाइक उपलब्ध है। कुल मिलाकर हमारा पूरा बजट 7,500 रु. का पड़ा, जिसमें हमारा सारा घूमने खाने रहने का खर्च निकला।
उम्मीद है आपको मेरा अनुभव पसंद आया होगा।
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