केदारनाथ धाम यात्रा की सम्पूर्ण जानकरी

Tripoto
6th Apr 2022
Photo of केदारनाथ धाम यात्रा की सम्पूर्ण जानकरी by VikramSingh Valera (Nomadic Journey)

इस बार बाबा केदारनाथ के कपाट 6 मई को खुलने वाले हैं। 6 मई से भक्तों के लिए अगले 6 महीने के लिए केदारनाथ के कपाट खुले रहेगे।

केदारनाथ जाने का सही समय जब आपके पास समय हो या जब बाबा का आदेश आ जाये। लेकिन मई, जून और सिंतबर, अक्टूबर ऐसे महीने हैं जब आपको ये यात्रा करनी चाहिए। बारिश के समय मे उत्तराखंड में मौसम बहुत तेजी से बदलता है इसलिये 6 में से उपरोक्त 4 महीने सबसे सही मुझे लगे हैं।

चार धाम यात्रा कैसे करें, मिलेगी पूरी जानकारी यहाँ।

यात्रा का साधन

हरिद्वार से सुबह 3 बजे विश्वनाथ वालों की बस सेवा शुरू हो जाती है जो आपको श्याम 3-5 बजे तक गौरीकुण्ड छोड़ देगी। वापसी में भी आप इसी सेवा से सुबह 4 बजे गौरीकुंड से वापस हरिद्वार या ऋषिकेश वापस जा सकते हैं। विश्वनाथ बस सेवा समय पर आपको आपके गंतव्य स्थान तक पहुंचा देती है। ऋषिकेश से भी आपको केदारनाथ के लिए बस सेवा आसानी से मिल जाती है।बस के अलावा आप शेयर्ड ट्रैकर्स से भी आ सकते हैं। शेयर्ड टैक्सी आपको सोनप्रयाग तक ले जाती हैं वहाँ से आगे आपको गौरीकुंड के।लिए अलग से टैक्सी लेनी पड़ती है।

ये टैक्सी आपको गौरीकुण्ड पे छोड़ देती हैं और गौरीकुण्ड से बाबा केदारनाथ मंदिर लगभग 16 किलोमीटर का ट्रैक है। रास्ता अच्छा है लेकिन रास्ते मे चलने वाले खच्चर परेशान करते हैं और जितना अच्छा रास्ता है उतनी ही अच्छी चढ़ाई भी है। गौरीकुंड से आप खच्चर जो 2500 से 4000 तक लेते हैं। डोली वाले 10 हजार रुपये लेते हैं डोली अधिकतर बुजुर्गों के लिए या जिनको चलने या घोड़े में बैठने में दिक्कत हो वो इसके द्वारा जा सकते हैं। रास्ते भर आपको खाने पीने की अच्छी व्यवस्था मिल जायेगी। अपने साथ 2 लीटर पानी लेकर चले और जहाँ भी आपको पानी मिले उसको रिफिल करते चले। पहाड़ों के पानी मे ऑक्सीजन की मात्रा अधिक होती है इसलिए वो आपको ज्यादा स्वाद लगता है।

पैदल मार्ग

अब जिन लोगों को पैदल ट्रैक करना है उनके लिए खास हिदायत ट्रैक जितनी जल्दी शुरू कर सकते है उसे शुरू करें सुबह 3-4 बजे का समय सबसे अच्छा है। अपने साथ पानी, बिस्कुट, ग्लूकोस और मीठा जो भी आपको पसन्द हो। पहाड़ में चिप्स, तली हुई चीजें न खायें तो अच्छा रहेगा। हमेशा खाने में कार्ब्स और प्रोटीन का अच्छा बैलेंस रखें। ट्रैक करने से पहले अच्छा खाना खा लें बिना खाये ट्रैक बिल्कुल ना करें ये आपकी सेहत बिगाड़ सकता है। अगर आप ट्रैक पहली बार कर रहे हैं तो ट्रेक करने से 2 महीने पहले 5-10 किलोमीटर की हल्की दौड़ या वॉक शुरू कर दें कभी भी आपको दिक्कत नही आयेगी। बड़े से बड़े ट्रैक आसानी से कर पायेंगे। ट्रैक करते समय लंबे देर तक नही बैठे थोड़ा थोड़ा आराम करके चलते रहें। पहाड़ों में 30 मिनट में 5-10 मिनट का आराम करते चलें। पहाड़ों के आनंद लें फ़ोटो बनाये विडियो बनायें।

केदारनाथ के 16 किलोमीटर के ट्रैक को 4 भागों में करें तो पहले 4 किलोमीटर आसान अगले 4 किलोमीटर भीमबली तक थोड़े आसान और कठिन के बीच मे और जैसे जैसे आप आगे बढ़ते जाओगे तो ऊँचाई बढ़ने के कारण आपको कठिन लगने लगेगा। केदारनाथ में नींबू पानी आराम से मिल जाता है और उसको ज्यादा से ज्यादा लें जब भी आपको थकान लगे। रास्ते मे भीमबली के बाद कुछ आराम अवश्य जरूर करें। अगर आप सुबह 5 बजे यात्रा शुरू करेंगे तो दोपहर 2-3 बजे तक आप बाबा के दरबार मे पहुँच जायेंगे। मैं पिछले साल अक्टूबर 2021 में गया था और रास्ते मे मौसम खराब हो गया था तो भी हम 3 बजे पहुँच गये थे। लेकिन मोटी बात ये है कि 8 घण्टे में आराम से आप पहुँच जायेंगे अगर मौसम सही रहा तो।

टाइमिंग और ठहरने की जानकारी

यदि आप 3 बजे पहुँचे तो उस समय मंदिर के कपाट बंद रहते हैं जो 5 बजे से पहले खुल जाते हैं तो आप इतने में रुकने की व्यवस्था देख सकते हैं लेकिन यहाँ रुकने की सबसे अच्छी व्यवस्था GMVN वालों की है उनके टेंट भी हैं और डोरमेट्री भी जो 1,000 रुपये से शुरु होती है और 5,000 रुपये तक या 10,000 रुपये तक होता है। जब मैं अक्टूबर 2021 में गया था तो 5,000 रुपये में रूम मिल रहे थे। हमेशा पहले से बुकिंग करके आयें यदि आपने यहाँ रुकना है। महादेव के दर्शन और संध्या आरती का जो आनंद रहता है उससे आपकी सारी थकान खत्म हो जाती है। महादेव के दर्शन करने के बाद समय रहे तो भैरव बाबा के भी दर्शन करें जिसका रास्ता मंदिर के पीछे से 1 किलोमीटर से कुछ अधिक का पैदल मार्ग है।

बाबा के मंदिर के पीछे ही आदिगुरु शंकराचार्य जी की समाधि भी है जिसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने पिछले साल ही किया था। नीचे पुराने रास्ते मे भी एक प्राचीन मंदिर है जिसके दर्शन आप अवश्य करें जब आपके पास समय हो। मन्दाकिनी नदी का आनंद लें। यहाँ पर 12 महीने रहने वाले साधना करने वाले बाबा भी मिल जायँगे उनका सानिध्य का आनंद लें। अगर समय हो तो बाबा के सुबह के अभिषेक, श्रृंगार और भोग जो कि 4 बजे से शुरू होता है उसको अवश्य देखें।

ये एक दिव्य स्थान है और आप जब भी जायें महादेव के पंचाक्षर मंत्र का जाप अवश्य करें। दर्शन आदि करने के बाद आप जब भी अपनी वापसी करें तो वापस आने में आपको 7-8 घण्टे गौरीकुण्ड तक आने लग जायेंगे। आराम से आये पहाड़ में उतरते समय लोगों के पैरों में ज्यादा दिक्कत आती है इसलिए इसका विशेष ध्यान रखें। मैंने वापसी सन्ध्या आरती के बाद कि थी और रात भर में कहीं कोई समस्या नही हुई। आराम से वापस आ गये हाँ टॉर्च अपने साथ जरूर रखें अगर आप रात में आने का सोच रहे हैं तो।

केदारनाथ यात्रा में एक आदमी का खर्चा 3-5 हजार तक आ जाता है जो हरिद्वार से हरिद्वार के वाहन, केदारनाथ में रुकने और खाने के साथ है। बाकी ज्यादा आप जितना मर्जी चाहें खर्च कर सकते हैं। मैंने यात्रा 22 अक्टूबर 2021 को यात्रा की थी और दर्शन करके रात में वापसी। रात में वापसी इसलिए कि क्योंकि दिन में खच्चर रास्ते को कहीं कहीं घेर लेते हैं और उनके मालिक पता नही कहा गायब रहते हैं। जिनसे परेशान होकर काफी लोग पुराने रास्ते से भी जाते है लेकिन वहाँ से जाना प्रतिबंधित हैं।

जिन लोगों को हेलिकॉप्टर सेवा से जाना हो वो फाटा से सेवा ले सकते हैं एडवांस में बुक करें जिसका किराया 3500 से 5000 तक प्रति व्यक्ति रहता है ये कभी भी बढ़ जाता है और आपको बढ़ हुआ किराया देना पड़ता है। आप एक साइड का या दोनों साइड की बुकिंग कर सकते है। हमेशा सरकारी वेबसाइट से टिकट बुक करें अब आप जॉली ग्रांट एयरपोर्ट देहरादून से भी यहाँ का टिकट ले सकते हैं जो आपको फाटा हैलीपेड तक ले जायेगा और वहाँ से केदारनाथ हैली सेवा आपको लेकर आती है।

एक और बात केदार घाटी में मौसम बहुत तेजी से बदलता है और कभी भी बारिश हो जाती है ऊँचाई अधिक होने के कारण बारिश की बूंदे बर्फ में बदल जाती है। इसलिये हमेशा केदारनाथ जब भी आये अपने साथ गर्म कपड़े, रेनकोट और छतरी अवश्य रखें। मोबाइल नेटवर्क यहाँ पर लगभग सभी कंपनी का चल जाता है लेकिन सबसे अच्छा बीएसएनएल, जिओ और एयरटेल का काम कर सकता है आप वीडियो कॉलिंग से घरवालों को भी दर्शन करवा सकते हैं। बीएसएनएल का नेटवर्क रास्ते भर चलता है बाकी नेटवर्क मंदिर में चल जाते हैं। आखिर भोलेनाथ के आँगन उनकी विशेष व्यवस्था सभी कंपनियों ने की हुई हैं।

आप जब भी आये अपनी यात्रा ऑनलाइन या ऑफ़लाइन रजिस्ट्रेशन जरूर करवा लें उससे आपको भीड़ के समय मे काफी मदद मिलती है क्योंकि रेजिस्ट्रेशन वालों को प्रेफरेंस मिलती है।

Photo of केदारनाथ धाम यात्रा की सम्पूर्ण जानकरी by VikramSingh Valera (Nomadic Journey)

अब एक और जरूरी बात कुछ लोगों का मानना है कि रुकना बहुत महँगा है अगर आपका बजट 500 रुपये है तो भी और बिल्कुल भी पैसा नही तो भी आप रुक सकते हैं। केदारनाथ मंदिर समिति की धर्मशाला है जहाँ पर भंडारा और रुकने दोनो की व्यवस्था एकदम फ्री है। महादेव के दरबार मे सबको भोजन और आसरा मिलता है। मुझे क्योंकि वापसी आना था इसलिए मैं नही रुक वरना मन्दिर समिति के भट्ट जी ने रुकने का आग्रह किया था। अगर थोड़ी जान पहचान हो तो आराम से फ्री में सब हो जाता है।

विशेष जानकारी

अगर आप योग और ध्यान में विश्वास रखते है तो आपके लिए विशेष जानकारी दे देता हूँ जो आपको शायद ही कोई बताये। मोदी जी ने जहाँ ध्यान लगाया था वहाँ भी आप जा सकते है 2 हजार रुपये किराया है वहाँ का लेकिन मुझे तो बाबा भैरव के पास और शंकराचार्य जी की समाधि में आनंद आया। मंदिर के पिछले भाग में जहाँ जलेरी का जल बाहर आता है वहाँ भी कमर लगा के बैठ जायें मानो लगता है महादेव ने आशीर्वाद दिया है और ये आपको वहाँ जा के ही महसूस होगा। केदारघाटी बहुत बड़ी है भोलेनाथ पूरी केदारघाटी के कण कण में विराजमान हैं। मैं आपको एक ऐसी जगह बता सकता हूँ जहाँ पर आप अगर ध्यान लगा लें तो निश्चय ही आपको सकरात्मक ऊर्जा का अनुभव होगा।

मंदिर के पीछे भाग में ही जलेरी है उसके दायीं तरफ आप बैठ जायें सामने आपके भीमशीला दिखेगी और आपको अनोखी ऊर्जा का अहसास होगा। ऐसा ही आपको भुकुण्ड भैरवनाथ जी के दाई ओर ध्यान करेंगे तो अलग जी ऊर्जा का अहसास होगा। मन्दिर के पुजारी श्री शंकरलिंग महाराज ने भी इसकी महत्ता बताई थी। सनातन संस्कृति में बहुत कुछ है विज्ञान यहाँ आकर काम नही करता केवल भक्त और भगवान की ऊर्जा काम करती है। वैसे तो ज्ञानी नही लेकिन जो देखा सुना और उसको महसूस किया वही बताया।

यात्रा रेजिस्ट्रेशन

यात्रा रेजिस्ट्रेशन आप चारधाम यात्रा वेबसाइट से करवायें इस वेबसाइट पर सभी अधिकृत वेबसाइट जैसे हैलीकॉप्टर सेवा, गढ़वाल मंडल की रुकने की सेवा सबकी जानकारी आपको एक जगह मिल जायेगी।

हेलीकॉप्टर सेवा बुक करने के लिए यहाँ क्लिक करें

आपकी यात्रा महादेव सफल करें यही मंगलकामना है। यदि आपके कोई और प्रश्न हो तो अवश्य पूछें। हर हर महादेव।

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