दोस्तों, जैसा कि आप सभी जानते हैं, कि केदारनाथ धाम की यात्रा अब शुरू हो चुकी है। और देखा जाए तो ऐसे में हजारों की तादाद में श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंच रहें हैं। जैसा कि आप सभी को पता भी होगा कि 3 मई 2022 को केदारनाथ धाम के कपाट भक्तों के लिए खोले दिए गए हैं। कोरोना महामारी के चलते पूरे दो सालों के बाद केदारनाथ धाम की यात्रा पुनः फिर से शुरू हुई। जिससे भक्तों की भीड़ ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। इन्ही सब बातों को ध्यान में रखते हुए आज मैं आप सभी के साथ कुछ ऐसे तथ्यों को बताने वाली हूं जिससे आपकी यात्रा में आपको कोई कठिनाई न झेलनी पड़े। तो आइए जानते हैं केदारनाथ धाम जाने का सही समय और यात्रा के दौरान आपको क्या करना है क्या नहीं। जिससे आप अपनी यात्रा को बेहतरीन तरीके से अनुभव कर सकें। तो अगर आप भी केदारनाथ धाम यात्रा की प्लानिंग कर रहे हैं तो आपको कुछ बातों का खास ख्याल रखना जरूरी है।
केदारनाथ मंदिर की यात्रा पर जानें से पूर्व इन बातों का रखें ध्यान:-
1. केदारनाथ मंदिर के कपाट अप्रैल से नवंबर के बीच ही खोले जाते हैं। मौसम को देखते हुए इसके बाद भारी बर्फभारी के चलते मंदिर के कपाट श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिए जाते हैं। इसलिए आप बहुत ज्यादा सर्दियों में और मॉनसून के मौसम में जाने से बचें।
क्योंकि पहाड़ी क्षेत्रों में मॉनसून के दौरान बाढ़ या भूस्खलन का खतरा काफी ज्यादा होता है। जब भी आप केदारनाथ जाने का प्लान करें तो अप्रैल से नवंबर के बीच ही करें।
2. अगर आप केदारनाथ यात्रा पर जा रहे हैं तो जाते समय इस बात का खास ख्याल रखें कि अपने साथ सर्दियों के कपड़े जरूर लेकर जाएं, भले ही आप गर्मियों के मौसम में जा रहे हों।
3. यात्रा पर जाते वक्त छाता या रेनकोट अपने साथ ज़रूर रखें क्योंकि केदारनाथ में कभी भी बारिश हो सकती है।
4. केदारनाथ यात्रा पर जाते समय बेहतर फोन नेटवर्क के लिए बीएसएनएल, वोडाफोन और रिलायंस जियो की सिम लेकर जाएं।
5. यात्रा के दौरान अपना यात्रा कार्ड और आधार कार्ड ले जाना बिल्कुल भी न भूलें।
6. केदारनाथ धाम की यात्रा के कुछ दिन पहले से ही सांस से जुड़ी एक्सरसाइज करना शुरू कर दे। इससे आपको यात्रा के दौरान सांस लेने में ज्यादा दिक्कत नहीं होगी।
7. केदारनाथ यात्रा पर जाने से पहले अपने पास टॉर्च और एक्स्ट्रा बैटरी जरूर रखें।
8. यात्रा पर जाने से पहले होटल की बुकिंग एडवांस में ही कर लें। पीक सीजन में यात्रा पर जाने से रूम मिलने में काफी परेशानी झेलनी पड़ती है क्योंकि इस दौरान लोगों की भीड़ काफी ज्यादा होती है। जैसी कि इस बार देखी गई।
9. केदारनाथ यात्रा के दौरान आप अपने साथ 12 साल से कम उम्र के बच्चों को कभी भी साथ ना लेकर जाएं। क्योंकि यहाँ के मौसम का कुछ पता नहीं होता। कि कब मौसम बदल जाए। इसके अलावा, यहाँ ऊंचाई के कारण ऑक्सीजन लेवल भी काफी कम होता हैं। जो कि बच्चों और बुजुर्ग लोगों के लिए सही नहीं। ऐसे में अगर आप 60 साल से ज्यादा उम्र के लोगों के साथ केदारनाथ जाने की प्लानिंग कर रहे हैं तो उनकी सेहत का खास ख्याल रखें।खासतौर पर चढ़ाई के समय तो ज्यादा ही ध्यान रखें। और अगर उन्हें सांस से संबंधित कोई भी बीमारी या दिक्कत है तो उन्हें लेकर केदारनाथ जाने का प्लान बिल्कुल भी ना बनाएं।
केदारनाथ मंदिर की यात्रा के दौरान इन बातों का रखें ध्यान:-
1. दोस्तों, अगर आप केवल दर्शन के लिए केदारनाथ की यात्रा कर रहे हैं तो ये बात ज़रूर ध्यान रहे कि आप बहुत हल्का सामान ले जाएं। क्योंकि केदारनाथ यात्रा में बहुत अधिक ट्रेकिंग शामिल है। अधिक सामान के साथ आप सहज नहीं महसूस करेंगे। इसलिए बहुत अधिक सामान लेकर यात्रा न करें।
2. जब कभी भी आप केदारनाथ की यात्रा कर रहे हों तो आपके जूते बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं क्योंकि आपको बहुत ज्यादा पैदल चलना होता है। ऐसे में जूतों का सही चुनाव करें जिसमें ज्यादा फिसलन न हो, साथ ही जूते हल्के हों और बर्फ में चलने में भी आपकी मदद कर सके।
3. केदारनाथ मंदिर समुद्र तल से 3587 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। यात्रा के दौरान ज्यादातर लोगों को सर्दी-खांसी हो जाती है। इन स्वास्थ्य समस्याओं को नियंत्रण में रखने के लिए बेहतर होगा कि आप अपने साथ कुछ दवाएं पैक करें। कुछ पैन किलर, एंटीसेप्टिक क्रीम, कफ सिरप साथ रखें। जिससे अगर आपको कोई दिक्कत आए तो आप खुद उसका इलाज कर सकें।
4. यात्रा के दौरान आप अपने बैग में कुछ खाने- पीने का सामना जरूर रखें। ताकि आप यात्रा सहजता पूर्वक कर सकें।
5. अनुकूल मौसम के दौरान दर्शन पूरा करने के लिए सुबह जल्दी अपनी यात्रा शुरू करना सबसे अच्छा है। क्योंकि शाम होते ही मौसम काफी सर्द हो जाता है। जिससे आपको यात्रा में कठिनाई आ सकती हैं।
केदारनाथ यात्रा के दौरान ना करें ये गलतियां:-
दोस्तों, 3 मई 2022 को केदारनाथ धाम के कपाट खोले गए। और कोरोना महामारी के चलते पूरे दो साल के बाद केदारनाथ धाम की यात्रा शुरू हुई तो भक्तों की भीड़ ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। जिससे काफी लोगों को बहुत सारी दिक्कतों का सामना भी करना पड़ा। तो आइए जानें कि केदारनाथ यात्रा पर जाते समय आपको किन गलतियों से बचना चाहिए।
1. अगर आप स्वस्थ हैं और आपको ट्रेकिंग का अनुभव हैं तो आप को गौरीकुंड से केदारनाथ धाम जाने में कुल 5-6 घंटे का समय लगता है तो जल्दबाजी के बजाय आराम से चलें।
चलने के दौरान भगदड़ ना करें वरना आपको सांस लेने में दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है। साथ ही अपने साथ गए हुए लोगों का भी ध्यान रखते हुए यात्रा में आगे बढ़ें।
2. आप अपनी यात्रा की शुरुआत सुबह जल्दी करने की कोशिश करें ताकि दिन तक आप आराम से केदारनाथ धाम पहुंच सके। दर्शन के बाद यहाँ एक रात आराम करें और अगले दिन फिर सुबह गौरीकुंड के लिए वापसी की यात्रा शुरू करें।
3. दोस्तों, अगर आप दर्शन, चढ़ाई और वापसी एक ही दिन में करने की सोच रहे हैं तो आप शाम तक या रात तक वापस गौरीकुंड पहुंच जाएंगे, लेकिन आपको गौरीकुंड से सोनप्रयाग में दिक्कत हो सकती है। रात के समय गौरीकुंड से सोनप्रयाग के लिए गाड़ियों में सीट मिलने में काफी दिक्कत का सामना करना पड़ता है। साथ ही गौरीकुंड में बहुत कम होटल या लॉज होने के कारण यहाँ रूम ढूंढ़ने में आपको दिक्कत हो सकती है। इसलिए अपनी बुकिंग पहले से कर के ही जाए ताकि आपको और वहाँ यात्रा के लिए गए हुए लोगों में से किसी को कोई दिक्कत ना हो।
4. अगर आप केदारनाथ धाम तक जल्दी पहुंचना चाहते हैं तो आप डोली पर भी बैठकर जा सकते हैं जिसका किराया 8 से 10 हजार रुपए के बीच होता है।
केदारनाथ जाने के लिए खच्चर के राउंड ट्रिप का किराया 5 से 6 हजार रुपए है। अगर आप हेलीकॉप्टर से जाने की सोच रहे हैं तो इसका किराया करीब 7 हजार रुपए है। आप अपनी सुविधानुसार जल्द पहुंचने के इन ऑप्शन को चुन सकते है।
केदारनाथ धाम यात्रा से जुड़ी सामान्य जानकारी:-
1. केदारनाथ धाम की ऊंचाई- समुद्र तल से 3,553 मीटर ऊपर।
2. केदारनाथ धाम के यात्रा का सही समय- गर्मियों में (मई- जून), सर्दियों में (सितंबर-अक्टूबर)
3. नजदीकी एयरपोर्ट- देहरादून जौलीग्रांट एयरपोर्ट।
4. नजदीकी रेलवे स्टेशन- देहरादून रेलवे स्टेशन।
5. केदारनाथ ट्रेकिंग डिस्टेंस- 14 से 18 किलोमीटर (एक साइड से)
कैसे पहुंचें केदारनाथ?
दोस्तों वैसे तो दिल्ली से केदारनाथ के लिए कोई डायरेक्ट बस नहीं मिलेगी आपको। इसके लिए सबसे पहले आपको कश्मीरी गेट अंतर्राज्यीय बस अड्डे से हरिद्वार या ऋषिकेश के लिए बस लेनी होगी। अगर आप रोडवेज बस से जाते हैं तो उसका किराया 300 रुपए है लेकिन आप चाहें तो प्राइवेट बस भी ले सकते हैं। साथ ही आप अपनी सुविधानुसार कैब से भी यात्रा कर सकते है। ऋषिकेश पहुंचने के बाद आपको यहाँ से सोनप्रयाग के लिए बस लेनी होगी।
सोनप्रयाग के लिए बस आपको सुबह जल्दी लेनी पड़ेगी। आप अगर सोनप्रयाग के लिए सुबह जल्दी बस लेते हैं तो शाम तक आप वहाँ पहुंच जाएंगे। इसके बाद गौरीकुंड जाने के लिए सोनप्रयाग से आपको शेयरिंग टैक्सी मिल जाएंगी। सोनप्रयाग से गौरीकुंड की दूरी 8 किलोमीटर है। गौरीकुंड पहुंचने के बाद आपको केदारनाथ धाम के लिए पैदल यात्रा करनी पड़ेगी। या फिर आप वहाँ से ऊपर बताए गए साधनों का चुनाव अपनी सुविधानुसार कर सकते हैं।
क्या आपने भी पवित्र केदारनाथ धाम की यात्रा की है। अगर हाँ, तो अपने अनुभव को हमारे साथ शेयर करने के लिए यहाँ क्लिक करें।
कैसा लगा आपको यह आर्टिकल, हमें कमेंट बॉक्स में बताएँ।
बांग्ला और गुजराती के सफ़रनामे पढ़ने के लिए Tripoto বাংলা और Tripoto ગુજરાતી फॉलो करें।
रोज़ाना Telegram पर यात्रा की प्रेरणा के लिए यहाँ क्लिक करें।