केदारकंठा: स्नो ट्रेकिंग की शुरुआत करने के लिए इससे बहतर जगह नहीं!

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Photo of केदारकंठा: स्नो ट्रेकिंग की शुरुआत करने के लिए इससे बहतर जगह नहीं! by Rishabh Dev

आप जब घूम रहे हों तो आपके चारों ओर पहाड़ हों और चारों तरफ बर्फ की चादर हो। अपनी इस हसरत को पूरा करने के लिए लोग सर्दियों में ट्रेक पर जाते हैं। भारत में बेहद खूबसूरत और कठिन ट्रेक भी हैं और सरल ट्रेक भी हैं। चादर ट्रेक से लेकर तुंगनाथ ट्रेक पर लोग जाते हैं। लेकिन इस बार जिस ट्रेक पर सबसे ज्यादा जा रहे हैं वो है केदारकंठा ट्रेक।

केदारकंठा, उत्तराखंड में है और ये समुद्र तल से 12,500 फीट की ऊँचाई पर स्थित है। यहाँ जाने के लिए लोग सर्दियों से पहले ही बुकिंग करा लेते हैं। ये ट्रेक तीन दिन का है और तीनों दिन खूबसूरती आपके होश उड़ा देगी। ये इतना सुंदर है कि आप ‘ये जवानी है दीवानी’ वाले नजारे को भूल जाएँगे। लेकिन अगर आप इस ट्रेक को करने की सोच रहे हैं तो कुछ बातें पहले से पता होनी चाहिए। अगर आपको ये जानकारी नहीं होगी तो आपको बजट भी बिगड़ सकता है और परेशानी भी उठानी पड़ सकती हैं। इसलिए हम आपको केदारकंठा ट्रेक के बारे में पूरी जानकारी दे रहे हैं।

1. कैसे पहुँचे

अगर आप केदारकंठा जाना चाहते हैं तो आपको सबसे पहले देहरादून पहुँचना होगा। केदारकंठा ट्रेक सांकरी गाँव से शुरू होता है। देहरादून से सांकरी 180 कि.मी. की दूरी पर है। देहरादून रेलवे स्टेशन के पास मसूरी बस स्टैंड है। मसूरी बस स्टैंड पर ही सांकरी जाने की बसें मिलती हैं। ये ध्यान रखने वाली बात है कि मसूरी से सांकरी तीन बसें जाती हैं। तीनों बसें सुबह 8 बजे तक निकल जाती हैं। बस से सांकरी तक का किराया ₹350 होता है। अगर आप उसके बाद देहरादून पहुँचते हैं तो आप गाड़ी या वाॅल्वो बुक करके जा सकते हैं। पूरी गाड़ी की बुकिंग ₹6000- ₹8000 तक में हो जाती है। अगर आपको मोल-भान अच्छे से आता है तो आप और भी कम करा सकते हैं। देहरादून से सांकरी पहुँचने में लगभग 10 घंटे लगते हैं।

2. कहाँ रूकें

सांकरी पहुँचने के बाद सबसे बड़ा सवाल यही आता है कि कहाँ रुकें? अगर आप पैकेज बुक करके आते हैं तो आपको रूकने की कोई दिक्कत नहीं आएगी। आपकी पूरी व्यवस्था यहाँ पहले से ही रहती है। अगर आप कोई पैकेज लेकर नहीं आते हैं तो आपको ठहरने में बहुत परेशानी हो सकती है। ये छोटा-सा गाँव हैं यहां होटल बहुत कम हैं, लेकिन होम-स्टे बहुत हैं। होम-स्टे आप ₹500 में एक रात रूक सकते हैं। इसमें आपका रात का खाना और सुबह का नाश्ता भी शामिल होता है।

3. नो इंटरनेट, नो एटीएम

सांकरी गाँव बेहद खूबसूरत है और प्यारा है। लेकिन यहाँ आपको दो समस्याओं से दो-चार होना पड़ेगा। यहाँ आपको नेटवर्क नहीं मिलेगा, बीएसनल का थोड़ा-थोड़ा आता है। ट्रेक पर वो भी नहीं मिलेगा। आप नेटवर्क के बिना तो यहाँ रह लेंगे लेकिन यहाँ पैसे के बिना कुछ नहीं हो पाएगा। यहाँ एटीएम की कोई व्यवस्था नहीं है, इसलिए आप यहाँ आएँ तो कैश लेकर आएँ। कोशिश करें आपने जितने का बजट बनाया है उससे ज्यादा ही कैश लेकर आएँ। क्योंकि यहाँ कोई बिना पैसे के पानी भी नहीं पिलाता।

4. कुछ ज़रुरी सामान

केदारकंठा ट्रेक, बर्फीला ट्रेक है। इसमें आपको बर्फ में रहना है, बर्फ में चलना है। इसलिए आपके पास इस ट्रेक के लिए कुछ सामान तो होने ही चाहिए। अगर आपके पास ये सामान हैं तो बहुत बढ़िया। अगर कुछ सामान नहीं भी हैं तो दिन के हिसाब से भाड़े पर भी मिलते हैं।

गाइड के बिना नो एंट्री

केदाकंठा ट्रेक में सबसे बड़ा लोचा यही है कि इसमें गाइड के बिना एंट्री नहीं होती है। गाइड आपको सांकरी से हायर करना होता है, जो आपको पूरा ट्रेक कराता है और नीचे लाता है। गाइड के बिना एंट्री तो दूर की बात है सामान भी रेंट पर नहीं मिलता है। गाइड भी ऑथोराइज्ड होना चाहिए। गाइड इस ट्रेक के लिए ₹2000-₹3000 लेता है। अगर आप ग्रुप में हैं तब तो आपको ये कीमत ज्यादा नहीं लगेगी। अगर अकेले हैं तो वहाँ के स्थानीय लोगों से बात कीजिए। वो परमिशन लेने में मदद कर सकते हैं।

एंट्री के नियम और शर्त

ट्रेक से पहले एक जगह आती है जहाँ ट्रेक का परमिट मिलता है। ट्रेक के परमिट के लिए आपको ₹150 देने होते हैं और अगर आप टेंट ले जा रहे हैं तो ₹50। यहीं पर आपको एंट्री के लिए गाइड की ज़रुरत पड़ती है।

टेंट, स्लीपिंग बैग और मैट्रेस

अगर आप पैकेज करके जाते हैं तो आपको टेंट, स्लीपिंग बैग और मेट्रैस ले जाने की कोई ज़रूरत नहीं होती है। आपका टेंट पहले से ही आपको इंतजार कर रहा होता है। लेकिन अगर आप पैकेज नहीं लेकर जाते हैं तो आपके पास खुद का टेंट, स्लीपिंग बैग और मैटरेस होना चाहिए। अगर आप पहले से लेकर आते हैं तो अच्छी बात है। अगर नहीं लेकर आते हैं तो दिन के हिसाब से रेंट पर मिलते हैं।

क्वालिटी वाले जूते

ये कोई नाॅर्मल ट्रेक नहीं है, बर्फ वाला ट्रेक है। अगर आप केदारकंठा ट्रेकिंग पर जा रहे हैं तो आपके पास क्वालिटी वाले जूते होने चाहिए। जो बर्फ में आपके पैर को तो बचाएँ ही और चलने में भी कोई दिक्कत ना हो क्योंकि बर्फ में नाॅर्मल जूते काम नहीं आते हैं। अगर आपके पास नाॅर्मल जूते हैं तो आप सांकरी में भाड़े पर ले सकते हैं। अगर आप चाहे तो यहीं पर ₹300 में खरीद सकते हैं जो चढ़ने के लिए बहुत अच्छे होते हैं।

क्रैंपॉन

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बहुत-से लोगों ने पहली बार इसका नाम सुना होगा। लेकिन ट्रेकिंग में बहुत ज़रुरी होता है। इसको आपको जूते में लगाया जाता है जो बर्फ में फंस जाता है जिससे आप फिसलते नहीं है। जूते आपके पास चाहे जैसे हो लेकिन क्रैंपॉन होना बहुत ज़रुरी है।

ठंड से बचाने वाले कपड़े

बर्फ में ट्रेकिंग करने जा रहे हैं तो वैसे कपड़े भी होने चाहिए जो वहाँ के मौसम में आपको स्वस्थ बनाए रखे। आपके पास माइनस डिग्री वाली जैकेट, इनर होनी चाहिए। पैरों में लोवर, कई जोड़ी मोजे होने चाहिए। ये सारी कपड़े आपके पास एक्सट्रा हों तो बहुत अच्छा है।

तीसरा पैर लाठी

ट्रेक में आपका तीसरा पैर होता है स्टिक। आप किसी भी ट्रेक पर जाएँ इस स्टिक को होना तो बहुत ज़रुरी है। केदारकंठा ट्रेक तो बर्फ से भरा है, इसलिए यहाँ तो बहुत जरुरी है। इसके अलावा आपके पास टाॅर्च होना भी बहुत ज़रुरी है।

5. मोबाइल कम चलाएँ

जिस तरह सांकरी में नेटवर्क और एटीएम नहीं है। उसी तरह केदारकंठा ट्रेक में चार्जिंग का कोई सिस्टम नहीं है। सांकरी में आप मोबाइल और पावरबैंक फुल चार्ज कर लें। ट्रेक में जब आपको फोटो क्लिक करने की ज़रुरत पड़े, तभी मोबाइल या कैमरा ऑन करें। बाकी समय स्विच ऑफ रखें। क्योंकि वहाँ आप चार्ज भी नहीं कर सकते और तापमान इतना ठंडा होता है कि बहुत जल्दी बैटरी कम होने लगती है।

6. ट्रेक की जानकारी

गाइड के साथ आप सांकरी से पहले दिन सुबह-सुबह निकलते हैं। आप कितने भी धीमे क्यों ना चलें 4-5 घंटे में जुड़ा के तालाब पहुँच जाएँगे। जुड़ा के तालाब के कुछ मीटर पहले ही ट्रेक का पहला बेस कैंप है। आप चाहें तो वहाँ टेंट लगा सकते हैं या जुड़ा के तालाब पर। जुड़ा के तालाब के पास ही एक दुकान है, जहाँ आप खाना खा सकते हैं। अगर आप पैकेज लेकर आते हैं तो आपको यहाँ से खाना लेने की ज़रुरत नहीं होती है। बर्फ और तारों के बीच टेंट में रात गुज़ारिए।

अगले दिन आराम से उठकर बेस कैंप की ओर बढ़िए। 2 कि.मी. का ये रास्ता पहले दिन से कठिन होता है। लेकिन ये पहले दिन से खूबसूरत भी होता है। आप कुछ घंटों में ही दूसरे बैस कैंप पहुँच जाएँगे। आपको यहाँ पूरा दिन और रात गुजारनी होती है। अगर आप किसी पैकेज से नहीं आते हैं तो टेंट के लिए जगह खोजना सबसे कठिन काम होता है। यहाँ खाने के लिए एक कैंटीन भी है। यहाँ आप जल्दी सो जाइए क्योंकि अगले दिन आपको सुबह दो बजे ट्रेक के लिए उठना पड़ता है।

तीसरे दिन रात को दो बजे ही लोग ट्रेक के लिए निकल पड़ते हैं। हर कोई केदारकंठा पीक पर जाकर सनराइज का व्यू देखना चाहता है। तीसरे दिन की चढ़ाई सबसे कठिन है। बेस पर अपना सामान छोड़कर पानी और कुछ स्नैक्स के साथ इस चढ़ाई पर जाते हैं। केदारकंठा पीक पहुँचने में आपको लगभग 5 घंटे लगते हैं। लेकिन जो नज़ारा आप देखेंगे वो आप कभी नहीं भूल पाएँगे। कुछ घंटे बिताकर आप सांकरी के लिए निकलिए, शाम तक आप नीचे पहुँच ही जाएँगे। उतरना उतना कठिन है, जितना कि चढ़ना।

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