केदारकांठा का इतिहास
पौराणिक कथाओं के अनुसार पहले इस स्थान पर ही केदारनाथ धाम की स्थापना होनी थी।परंतु जब भगवान शिव अपने ध्यान में बैठे हुए थे तभी वहाँ गायों का झुण्ड चरता हुआ केदारकंठा पहुंच गया व आवाज करने लगा।गायों की आवाज सुनकर भगवान शिव का ध्यान भंग होने लगा।
जिससे भगवान शिव जी का ध्यान भटकने लगा और वो क्रोधित हो कर केदारकांठा चोटी से उठकर केदारनाथ में जाकर बस गए जिस कारण मंदिर का निर्माण यहाँ पर न होकर केदारनाथ में कराया गया। उस समय तक मंदिर भगवान शिव के गले तक बन चुका था इसी कारण इस जगह का नाम केदारकांठा पर्वत पड़ा।
केदारकंठ इतना लोकप्रिय विंटर ट्रैक है कि इसे आप विंटर ट्रैक्स की रानी भी बोल सकते हैं। सर्दियों में घुटने तक गहरी बर्फ, आसपास की वादियों का मनमोहक दृश्य और सुंदर और आसान रास्ते इसे ट्रैकर्स के बीच बेहद लोकप्रिय बनाते हैं। ये ट्रैक गोविंद नेशनल पार्क के घने देवदार के जंगलों से होकर जाता है। केदारकंठ ट्रैक में आपको हरे-भरे घास के मैदान, बर्फ से ढके रास्ते, आकर्षक गांव, सुगंधित देवदार के जंगल, आसमान छूती चोटियां, शांत नदियां देखने को मिलेंगी। साथ ही गाइड आपको चलते-चलते यहां की कुछ लोकप्रिय पौराणिक कहानियों की भी जानकारी देता रहेगा।
केदारकंठ ट्रैक के लिए देहरादून कैसे पहुंचे
हवाई मार्ग से: देहरादून के जॉली ग्रांट हवाई अड्डे को घरेलू स्तर पर संचालित किया जाता है, जिसमें भारत के प्रमुख मेट्रो शहरों से नियमित उड़ानें आती हैं।
ट्रेन द्वारा: निकटतम रेलवे स्टेशन देहरादून जंक्शन है, जो पूरे भारत के प्रमुख शहरों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है।
सड़क मार्ग से: देहरादून सड़क नेटवर्क के माध्यम से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। आप या तो देहरादून के लिए ड्राइव कर सकते हैं या दिल्ली या आसपास के किसी अन्य शहर से देहरादून पहुंचने के लिए कैब/टैक्सी किराए पर ले सकते हैं।
केदारकांठा ट्रैक पर साथ ले जाने वाली वस्तुएँ
केदारकांठा ट्रैक पर जाने से पहले कुछ चीजों को साथ जरूर ले जाना चाहिए जो आपके लिए अति आवश्यक है। केदारकंठा का मौसम काफ़ी तेजी से बदलता रहता है हिसाब से बदलता रहता है जिस कारण वहाँ ठण्ड भी अधिक रहती है। ठण्ड व बारिश से बचाव हेतु रेन चीटर, फुल स्लीव्स पतली जैकेट्स, मंकी कैप, ट्रैकिंग शूज, गर्म मोज़े, मफलर, तौलिए, धुप से बचाव हेतु अच्छे किस्म के चश्मे, कोल्ड क्रीम, लिप बाम, सनस्क्रीन लोशन, लेड टॉर्च, गर्म पानी की बोतल, ट्रैकिंग पोल, सिरदर्द की दवाइयाँ जैसे क्रोसिन, डिस्प्रिन, कॉटन, बैंड-ऐड, मूव स्प्रे, गौज, क्रेप बैंडेज आदि चीजे है जो आपको ट्रैक पर जाते समय अपने साथ रखनी चाहिए इनकी जरूरत आपको ट्रैक पर जाते वक्त कभी भी पड़ सकती है। ट्रैक पर जाने से 2 या 3 दिन पहले आपको अधिक मात्रा में पानी भी पीना चाहिए जिससे आप डिहाइड्रेशन से बचे रह सके।
केदारकंठ ट्रैकिंग से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण जानकारी -
ट्रैक शुरू करने के लिए सबसे पहले सांकरी गांव आना होगा और वापस भी यही आना होगा ।
ट्रैक को पूरा करने के लिए आपको 5 से 7 दिन लग सकते है जो आपकी शारीरिक शक्ति पर भी निर्भर करता है
केदारकंठ ट्रैक की साकरी से 20 किमी पड़ता है
केदारकंठ ट्रैक की ऊंचाई समुद्र तल से 12,500 फीट
केदारकंठ कठिनाई का स्तर आसान से मध्यम है मतलब अगर आप ने पहले कोई ट्रैक नही किया तो भी इसको कर सकते है
केदारकंठ ट्रैक तापमान: दिन (8 डिग्री सेल्सियस से 15 डिग्री सेल्सियस) और रात: (-5 डिग्री सेल्सियस से 3 डिग्री सेल्सियस)
नवंबर से अप्रैल तक का समय सबसे अच्छा है तब आपको बर्फ का आनंद भी मिलेगा ।
रेलवे स्टेशन: देहरादून निकटतम रेलवे स्टेशन है
हवाई अड्डा: जॉली ग्रांट हवाई अड्डा, देहरादून
केदारकंठा के लिए जाने वाले रास्ते और बाकी जानकारी
केदारकांठा ट्रैक की शुरुवात साँकरी से होती है। साँकरी शहरी जीवन से अलग एक शान्त व खूबसूरत गांव है जहॉ यात्रा शुरू करने से पहले आप रात्रि विश्राम कर सकते है। यहाँ से आप 12 किमी का ट्रैक कर केदारकांठा तक पहुँच सकते है।
साँकरी – जुड़ा का तालाब – केदारनाथ बेस कैंप – केदारनाथ पीक
पहला दिन – साँकरी(1930 meter) से जुड़ा का तालाब(2786 meter) (Trek 4km)
दूसरा दिन – जुड़ा का तालाब(9100 feet) से केदारकांठा बेस कैंप(10900 feet) (Trek 4km)
तीसरा दिन – केदारकांठा बेस कैंप(10,900 feet) से केदारकांठा समिट(12500 feet) (Trek 6km)
चौथा दिन – केदारकांठा समिट(12500 feet) से वापस संकरी (Trek 11km)
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